गृह मंत्री अमित शाह ने 25 जनवरी को हुए वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। यह योजना सीमावर्ती ग्रामों के सम्पूर्ण विकास हेतु लागू की गई। अमित शाह जी ने कहा कि यह प्रोग्राम सीमावर्ती गांवों को न केवल भौतिक, डिजिटल रूप से जोड़ रहा है बल्कि भावात्मक संबंधों को भी दृढ़ता प्रदान कर रहा है। आइए विस्तार जानते है क्या है केंद्र सरकार का वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम।
क्या है वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम?
वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद मोदी द्वारा 15 फरवरी, 2024 से की गई । जिसका उद्देश्य सीमावर्ती गांवों को विकसित करना, निवासियों की जीवनशैली को सुधारना, सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास, स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देना था। जिसके अंतर्गत 662 गांवों का विकास किया जाएगा। इस योजना के तहत 4800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
क्या है वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम का उद्देश्य?
केंद्र सरकार ने हाल ही में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, रोजगार और आय के अवसर पैदा करने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करने पर केंद्रित है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं को लागू करेगी, जिनमें सड़क निर्माण, बिजली और पानी की आपूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का विकास शामिल है।
इसके अलावा, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करेगी, जिससे रोजगार और आय के अवसर पैदा होंगे। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रोग्राम से संबंधित प्रमुख घोषणाएं
वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम के तहत रोजगार बढ़ाने हेतु 901 प्रोजेक्ट तथा 626 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लाए जाएंगे जो हृदय के संबंधों को सुदृढ़ करेंगी। अमित शाह जी ने कहा कि जून 2025 तक 362 गांवों में 4G कनेक्टिविटी उपलब्ध करा दी जाएगी। अभी तक 113 सीमांत सड़को के निर्माण हेतु अनुमति दे दी गई है। साथ ही, सीमावर्ती गांवों में पर्यटन केंद्र भी स्थापित किए जा रहे है, जिसके लिए 102 प्रोजेक्ट में 48 करोड़ रुपए की लागत के साथ क्रियान्वयित है।
सीमावर्ती गांवों हेतु विकास नीति
सीमा प्रबंधक सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि इस प्रोजेक्ट हेतु 719.53 करोड़ रुपए आवंटित हो चुके है वहीं 2420 करोड़ रुपए गांवों में सड़को के निर्माण हेतु आवंटित किए जा चुके है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत 570 बैंको का निर्माण भी होगा ताकि गांववासियों को जरूरी सुविधाओं का लाभ मिल सके। इसके अलावा 238 करोड़ रुपए के 43 पावर प्रोजेक्ट भी प्रगतिशील है।
प्रोग्राम से संबंधित गृह मंत्री जी के विचार
अमित शाह जी ने कहा कि यह प्रोग्राम उत्तरी सीमावर्ती प्रदेशों के गांवों तथा दिल्ली के मध्य सेतु का कार्य करेगा। साथ ही, एकता की भावना को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि लद्दाख में न्यून तापमान के कारण डीजल जम जाता, न जमने वाले डीजल को बनाने के लिए सरकार द्वारा अनुसंधान, विकास हेतु एक बजट लाया गया। अब लद्दाख में उचित हिमांक वाले डीजल उपलब्ध है। गणतंत्र दिवस पर शामिल हुए, सीमावर्ती गांवों के निवासियों से अमित शाह जी ने भेंट की। साथ ही, उन्हें योजनाओं को समयानुसार लागू किए जाने आश्वासन दिया।