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Home » छत्तीसगढ़ में साय सरकार का ऐतिहासिक कदम ज़मीन रजिस्ट्री शुल्क अब केवल 500 रुपए

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छत्तीसगढ़ में साय सरकार का ऐतिहासिक कदम ज़मीन रजिस्ट्री शुल्क अब केवल 500 रुपए

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Last updated: December 1, 2024 1:33 pm
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छत्तीसगढ़ में साय सरकार का ऐतिहासिक कदम ज़मीन रजिस्ट्री शुल्क अब केवल 500 रुपए
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छत्तीसगढ़ के साय सरकार ने ज़मीन रजिस्ट्री शुल्क को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब ज़मीन रजिस्ट्री के लिए शुल्क केवल 500 रुपए होगा, चाहे संपत्ति की कीमत करोड़ों में हो। यह निर्णय गरीब से लेकर सभी वर्गों के लिए फायदेमंद साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च रजिस्ट्री शुल्क के कारण ज़मीन रजिस्ट्री नहीं करवा पाते थे।

Contents
ज़मीन रजिस्ट्री से जुड़े मुख्य बिंदु:नई गाइडलाइन के अनुसार छत्तीसगढ़ में ज़मीन रजिस्ट्रीनए गाइडलाइन से सभी वर्गों को होगा फायदास्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क में अंतरआम लोगों की सरकार से पुकारFAQs

ज़मीन रजिस्ट्री से जुड़े मुख्य बिंदु:

1. साय सरकार का अहम फैसला: जमीन रजिस्ट्री शुल्क अब 500 रुपए होगा।

2. नए गाइडलाइनों के तहत, करोड़ों की संपत्ति पर भी यही शुल्क लागू होगा।

3. इस फैसले से केवल रजिस्ट्री शुल्क में बदलाव हुआ है; स्टांप ड्यूटी शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।

4. यह कदम सभी वर्गों के लिए राहत प्रदान करेगा, खासकर गरीब और किसानों के लिए।

नई गाइडलाइन के अनुसार छत्तीसगढ़ में ज़मीन रजिस्ट्री

संपत्ति की कीमत चाहे करोड़ों में हो, अब रजिस्ट्री शुल्क महज़ 500 रुपए होगा। पहले, अगर जमीन की कीमत 1 करोड़ रुपए होती थी, तो रजिस्ट्री शुल्क 80,000 रुपए होता था, लेकिन अब यह शुल्क सिर्फ 500 रुपए कर दिया गया है। यह निर्णय सभी वर्गों के लिए समान रूप से लागू होगा।

नए गाइडलाइन से सभी वर्गों को होगा फायदा

छत्तीसगढ़ के किसानों की ज़मीन अक्सर संयुक्त परिवार में होती है और बाद में बंटवारे के बाद रजिस्ट्री नहीं करवाई जाती थी, क्योंकि रजिस्ट्री शुल्क बहुत अधिक था। अब, साय सरकार के इस फैसले से किसानों और अन्य सभी वर्गों को रजिस्ट्री में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस फैसले पर कहा कि “इससे किसानों को फायदा होगा और राजस्व विवादों में कमी आएगी।” जानकारी के मुताबिक़ पिछले साल छत्तीसगढ़ में 1125 लोगों ने पारिवारिक दान, 7000 ने हक त्यागनामा और 850 ने बंटवारानामा करवाया था।

स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क में अंतर

  • स्टांप ड्यूटी: यह संपत्ति के लेन-देन पर लगाया जाने वाला शुल्क है, जो राज्य सरकार द्वारा दस्तावेजों पर लगाया जाता है।
  • रजिस्ट्री शुल्क: यह शुल्क संपत्ति को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए होता है और राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है। कई राज्यों में यह शुल्क संपत्ति की कीमत के आधार पर निर्धारित होता है।

आम लोगों की सरकार से पुकार

हालांकि, सरकार ने अहम कदम उठाया है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि पटवारी और अन्य सरकारी कर्मचारी इस प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करें, ताकि लोगों को बिना किसी परेशानी के योजनाओं का लाभ मिल सके।

अक्सर देखा जाता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाता क्योंकि भ्रष्टाचार की वजह से प्रक्रिया में अड़चनें आती हैं।

एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज, परमात्मा के तत्वज्ञान के माध्यम से समाज में भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि एक भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण हो सके।

FAQs

1. छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री शुल्क कितना है?

अब ज़मीन रजिस्ट्री शुल्क महज़ 500 रुपए है, चाहे संपत्ति की कीमत कितनी भी हो।

2. क्या इस फैसले से सभी वर्गों को लाभ होगा?

हां, इस फैसले से सभी वर्गों, खासकर किसानों और गरीबों को लाभ होगा।

3. क्या स्टांप ड्यूटी में कोई बदलाव किया गया है?

नहीं, केवल रजिस्ट्री शुल्क में बदलाव किया गया है, स्टांप ड्यूटी में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

4. क्या इस फैसले से जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी आएगी?

हां, यह फैसला रजिस्ट्री शुल्क कम करके प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाएगा, जिससे लोगों को जमीन रजिस्ट्री में आसानी होगी।

5. साय सरकार से क्या तात्पर्य है?

साय सरकार, छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार है। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री हैं।

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