झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना। राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को होगा।
उपचुनाव के नतीजे
झारखंड, महाराष्ट्र विधानसभा सहित 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों एवं लोकसभा की 2 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आ चुके हैं। हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन ने 81 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 56 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है, जबकि भाजपा-नेतृत्व वाली एनडीए केवल 24 सीटें ही जीत पाई।
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर
हेमंत सोरेन ने 2009 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2013 में झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि, उनकी सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल पाई और 2014 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। इसके बाद हेमंत सोरेन ने विपक्ष में रहते हुए अपनी पार्टी को मजबूत किया और 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-नेतृत्व वाली गठबंधन ने भाजपा को हराकर सत्ता में वापसी की।
पिछले कार्यकाल की उपलब्धियाँ
हेमंत सोरेन की सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उनकी सरकार ने आदिवासी और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। इसका ही परिणाम रहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में उन्हें पुनः सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ जनता ने पूर्ण बहुमत दिया।
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, परम आक्षर ब्रह्म, कबीर साहेब जी भी कहा जाता है, ही इस समस्त ब्रह्मांड के सच्चे नियंत्रक हैं। उनके अनुसार, परम आक्षर ब्रह्म ने ही सभी जीवों और ब्रह्मांडों का सृजन किया है और वे ही सब कुछ नियंत्रित करते हैं। संत रामपाल जी महाराज के प्रवचनों में बताया जाता है कि वेद और अन्य पवित्र शास्त्रों में भी परम आक्षर ब्रह्म के सर्वोच्च स्थान का वर्णन किया गया है।
उनका मानना है कि कबीर साहेब जी ही सभी प्रकार के दुखों और पापों से मुक्ति दिला सकते हैं और उनकी भक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मानते हैं कि उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर और कबीर साहेब जी की सच्ची भक्ति करके ही जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है और परम शांति प्राप्त की जा सकती है।