EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) वोट्स एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जिसका उपयोग चुनाव में वोट डालने के लिए किया जाता है। यह मशीन वोटर को एक इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन पर उम्मीदवारों के नाम और चिन्ह दिखाती है, और अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए वोट डालता है।
ईवीएम में दो मुख्य भाग होते हैं
1. बैलेट यूनिट: यह वह भाग है जहां वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए वोट डालता है।
2. कंट्रोल यूनिट: यह वह भाग है जहां वोटों की गणना की जाती है और परिणाम दिखाए जाते हैं।
ईवीएम के कुछ मुख्य फायदे हैं
- तेजी से वोटिंग: समय की बचत होती है और मतगणना भी तेजी से हो जाती है।
- सुरक्षित वोटिंग: धोखाधड़ी की संभावना कम होती है, और वोट की गोपनीयता बनी रहती है।
- कम लागत: पेपर बैलेट की तुलना में कम खर्चीला है।
- आसान परिणाम घोषणा: नतीजे जल्दी घोषित किए जा सकते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है।
ईवीएम के नुकसान हैं
- सुरक्षा की चिंता: कुछ लोगों का मानना है कि ईवीएम में छेड़छाड़ या गड़बड़ी की संभावना होती है।
- हैकिंग की संभावना: तकनीकी सुरक्षा उपायों के बावजूद, ईवीएम को हैक करने की आशंका जताई जाती है।
- तकनीकी समस्याएं: मशीनों में तकनीकी खराबी हो सकती है, जो वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
- वोटों की गणना में त्रुटि की संभावना: कुछ मामलों में, ईवीएम में त्रुटियों की संभावना भी होती है।
ईवीएम पर एलन मस्क
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के उपयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ईवीएम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए खतरा है।
एलन मस्क ने कहा है कि ईससे वोटिंग नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ईवीएम हैक हो सकता है, ईवीएम कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से जुड़ा होता है और इसे हैक किया जा सकता है।
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मस्क ने मतपत्रों के उपयोग का समर्थन किया है, जो चुनाव प्रक्रिया में अधिक सुरक्षित और पारदर्शी हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम में हैकिंग और हेरफेर की संभावना है, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है।
मस्क की इस टिप्पणी के बाद, अमेरिकी चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा की समीक्षा करने का फैसला किया है। मस्क की इस पहल का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
ज्ञान से होगा सुधार
संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान को देखा जाए, तो वे बताते हैं कि दुनिया की सभी समस्याओं की जड़ मानवीय दोष और अधर्म हैं। राजनीति में भ्रष्टाचार, सत्ता की लालसा और असत्य का सहारा लेना इन समस्याओं को और भी जटिल बना देता है।
संत रामपाल जी का कहना है कि सत्य साधना और ईश्वर की भक्ति से ही समाज और देश को सही दिशा में ले जाया जा सकता है। राजनीति में पारदर्शिता, ईमानदारी और नैतिकता तभी संभव हो सकती है जब लोग आध्यात्मिक ज्ञान को समझें और सही मार्ग पर चलें।
समाज में राजनीतिक परिवर्तन के विषय में
संत रामपाल जी महाराज यह भी बताते हैं कि वास्तविक परिवर्तन तभी संभव है जब समाज के हर व्यक्ति में आध्यात्मिक ज्ञान से जागरूकता आए। समाज में राष्ट्रीयता का पूर्ण ज्ञान न होने से राजनीति करने के लिए वोटिंग मशीन कि तकनीकी सुधार और पारदर्शिता के नाम पर भी भ्रष्टाचार और अनैतिकता फैल रही है। चाहे वह चुनावी प्रक्रिया हो या अन्य सरकारी कामकाज, जब तक लोग सही साधना और ईश्वर की सच्ची भक्ति नहीं करेंगे, तब तक कोई भी प्रणाली पूर्ण रूप से सुरक्षित और न्यायपूर्ण नहीं हो सकती।
संत रामपाल जी महाराज ने हमेशा मानव समाज को संदेश देते है कि राजनीति को स्वच्छ और जनकल्याणकारी बनाने के लिए समाज में आध्यात्मिक जागृति होना बहुत जरूरी है। जब तक मनुष्य को अपने जीवन का मूल कर्तव्यों, कर्मों का ज्ञान न होने से सही मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं और धर्म के वास्तविक भक्तिमार्ग को नहीं समझेंगे, ठीक इस प्रकार चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता का आना मुश्किल है।