SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » स्वतंत्रता दिवस। Independence Day पर जानें, भारत की आज़ादी का सफरनामा और वास्तविक आज़ादी की हकीकत

History

स्वतंत्रता दिवस। Independence Day पर जानें, भारत की आज़ादी का सफरनामा और वास्तविक आज़ादी की हकीकत

SA News
Last updated: August 13, 2024 4:42 pm
SA News
Share
स्वतंत्रता दिवस। Independence Day पर जानें, भारत की आज़ादी का सफरनामा और वास्तविक आज़ादी की हकीकत
SHARE

आजादी की लड़ाई एक ऐसी प्रेरणादायक संघर्ष की दास्तान, जिसमें भारत के साहसी लोगों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा की। यह महान आंदोलन केवल कुछ विशेष व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहा; इसमें हजारों साधारण नागरिकों ने भी बहादुरी से भाग लिया, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की आज़ादी के लिए अपने कर्तव्यों का पालन किया।

Contents
ईस्ट इंडिया कंपनी: भारत को सोने की चिड़िया से गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने की  दास्तां1857 की क्रांति: भारत का आज़ादी की दिशा में पहला कदमस्वतंत्रता संग्राम : आंदोलन से आज़ादी तक का सफरसंघर्ष ने कई रूप धारण किये, असहयोग, सविनय अवज्ञा से लेकर सशस्त्र विरोध तक भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम: इतिहास में जुड़ा एक नया अध्यायस्वतंत्रता दिवस: क्या आज़ादी के लिए संघर्ष समाप्त हो गया या आज भी जारी है?वास्तविक स्वतंत्रता: कैसे हासिल करें असली आज़ादीस्वतंत्रता दिवस: FAQQ1. स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?Q2. स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?Q3. स्वतंत्रता दिवस पर किस प्रकार के राष्ट्रीय ध्वज की मान्यता होती है?निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

1857 की क्रांति में मंगल पांडे के साहस ने विद्रोह की शुरुआत की, जबकि रानी लक्ष्मीबाई की वीरता ने उन्हें इतिहास में अमर बना दिया। भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव जैसे युवा क्रांतिकारियों के बलिदान ने स्वतंत्रता की ज्वाला को प्रज्वलित किया। सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष की एक नई मिसाल पेश की। महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और शक्ति दी।

स्वतंत्रता दिवस: इन सभी के साथ-साथ आम जनमानस ने भी अपने निस्वार्थ संघर्ष और सेवा से स्वतंत्रता की नींव को अडिग बनाया। यह सिर्फ वीरों की गाथा नहीं, बल्कि लाखों भारतीयों के सामूहिक प्रयासों का वह अमर अध्याय है, जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर देश की आजादी का सपना साकार किया।

इसमें कोई संदेह नहीं कि दुनियाभर के कई देशों ने स्वतंत्रता के लिए भीषण संघर्ष किया, जिससे आजादी तो मिली, लेकिन जनता की समस्याएँ जस की तस बनी रहीं। इंसान ने दूसरों की बेड़ियों से तो खुद को आजाद कर लिया, लेकिन क्या वह मानसिक तनाव, बुराइयों, आपसी झगड़ों, दुख और जन्म-मृत्यु के चक्र से भी मुक्त हो सका? यह सवाल केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए एक गंभीर चिंतन का विषय है।

ईस्ट इंडिया कंपनी: भारत को सोने की चिड़िया से गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने की  दास्तां

दुनिया के नक्शे पर हर लिहाज से सुर्खियां बटोरने वाला भारत, जो प्राकृतिक संपदा, अपार धन, समृद्ध कृषि उत्पादन और व्यापार के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि प्राचीन काल से इसे ‘सोने की चिड़िया’ के रूप में जाना जाता रहा है।इन्हीं अमूल्य संसाधनों और संपत्तियों के आकर्षण ने विदेशी कंपनियों को भारत में व्यापार के लिए प्रेरित किया, जिस पर ब्रिटिश शासन की गहरी नजर थी। इसी संदर्भ में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में कदम रखे ।

■  यह भी पढ़ें: नेहरू का तीसरा कार्यकाल: क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना

 24 अगस्त 1608 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार पश्चिम भारत के सूरत में अपने कदम रखे। 1612 में, कंपनी ने भारतीय शासकों के साथ समझौते कर व्यापार सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया। इसके बाद, 1757 में प्लासी की लड़ाई में ब्रिटिशों ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को पराजित किया, जिससे उन्होंने भारत में अपने नियंत्रण को मजबूत किया।

स्वतंत्रता दिवस: 1765 से 1800 के बीच, कंपनी ने विभिन्न युद्धों और संधियों के माध्यम से भारत के अन्य हिस्सों में भी अपने प्रभाव का विस्तार किया और कई राज्यों को अपने अधीन कर लिया। 1800 से 1857 तक, कंपनी ने भारत के नागरिकों पर कड़ी नीतियाँ लागू की और सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक नियंत्रण स्थापित किया।

1857 के सिपाही विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया और भारत पर सीधे अपना शासन स्थापित किया, जिससे भारत औपचारिक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया और पूरी तरह से ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।

 अंग्रेजों द्वारा किए गए शोषण, आर्थिक और सामाजिक असमानताओं, कारतूसों के विवाद और विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाओं ने भारतवासियों में व्यापक असंतोष उत्पन्न कर दिया।

1857 की क्रांति: भारत का आज़ादी की दिशा में पहला कदम

अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ 1857 में शुरू हुई क्रांति आगे चलकर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में परिवर्तित हो गई।

1858 में, भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रिटिश क्राउन का हो गया, जिससे भारत ब्रिटिश राजशाही के सीधे नियंत्रण में आ गया। इस अधिनियम ने भारतीय उपमहाद्वीप को ब्रिटिश ताज के अधीन कर दिया, और इसने ब्रिटिश शासन को एक नई दिशा प्रदान की ।

■ Also Read: स्वतंत्रता दिवस का पूरा इतिहास (Independence Day History in Hindi)

1857 की क्रांति, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला बड़ा प्रयास माना जाता है, ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ उठ खड़ा होने का संकेत दिया। इस क्रांति की शुरुआत सिपाही विद्रोह के रूप में हुई, जब भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश नियमों और नीतियों के खिलाफ विरोध किया।

इस संघर्ष में मंगल पांडे की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। मंगल पांडे, जो एक सिपाही थे, उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत की और इसने अन्य सिपाहियों और भारतीयों में भी आज़ादी का जोश उत्पन्न किया।

स्वतंत्रता दिवस: इसके अलावा, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, और बहादुर शाह ज़फर जैसे नेताओं  ने भी इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

इस लड़ाई में केवल सिपाही ही नहीं, बल्कि विभिन्न वर्गों के लोग भी शामिल हुए। किसानों, पेशेवरों, रजवाड़ों और सामाजिक नेताओं ने भी बढ़- चढ़कर भाग लिया।

इसके बाद, यह विद्रोह आम जनता में फैल गया और भारत के विभिन्न हिस्सों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष को जन्म दिया। हालाँकि इस क्रांति को दबा दिया गया, लेकिन इसने भारत में स्वतंत्रता की आकांक्षा को प्रबल किया और भारतीयों के बीच एक नई जागरूकता का संचार किया।

स्वतंत्रता संग्राम : आंदोलन से आज़ादी तक का सफर

स्वतंत्रता संग्राम भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह कई वर्षों के साहस, बलिदान और उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष से चिह्नित है। यह संघर्ष लगभग पूरी एक सदी तक चला।

स्वतंत्रता संग्राम में अनेक नेताओं, वीर सिपाहियों,  और कई महापुरुषों जैसे:- भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,सुभाष चंद्र बोष, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू,सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता और विचारधारा से जनता को प्रेरित किया और उनका नेतृत्व किया।

संघर्ष ने कई रूप धारण किये, असहयोग, सविनय अवज्ञा से लेकर सशस्त्र विरोध तक

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई। इसने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य महत्वपूर्ण संगठनों में मुस्लिम लीग, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस, और अखिल भारतीय किसान सभा शामिल थे। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई चुनौतियाँ आईं, जैसे 1905 में बंगाल का विभाजन, 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड, और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का दमन।

इस स्वतंत्रता संग्राम में कई आंदोलन को अंजाम दिया गया जिसमें शामिल है जैसे:- स्वदेशी आंदोलन (1905), अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (1906), होम रूल आंदोलन (1916-1918), चंपारण सत्याग्रह (1917), असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930),

और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ यह व्यापक आंदोलन शुरू किया। इसका परिणाम कांग्रेस को अनधिकृत संगठन घोषित करने और लोगों की व्यापक भागीदारी के रूप में हुआ।

स्वतंत्रता दिवस: अंततः, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के परिणामस्वरूप वह ऐतिहासिक दिन आ ही गया जब भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। यह दिन न केवल भारत के लिए गुलामी की जंजीरों से मुक्ति का था, बल्कि इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ भी था। इसी दिन भारत ने ब्रिटिश शासन के लगभग 200 वर्षों के बंधन से स्वतंत्रता प्राप्त की। हर भारतीय के दिल में आशा और गौरव की एक नई किरण जगमगाई। यह क्षण भारतीय इतिहास का सबसे पवित्र और प्रेरणादायक अध्याय बना, जिसने हर भारतीय को एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की।

 भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम: इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947, जिसे स्वतंत्रता अधिनियम भी कहा जाता है, 15 अगस्त 1947 को प्रभावी हुआ। इस अधिनियम के तहत ब्रिटिश भारत को दो स्वतंत्र देशों, भारत और पाकिस्तान, में विभाजित कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, दोनों देशों को ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली और उन्हें अपनी-अपनी संविधान सभाएं गठित कर, नए संविधान का निर्माण करने की स्वतंत्रता प्राप्त हुई। यह अधिनियम भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने भारत और पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।

स्वतंत्रता दिवस: क्या आज़ादी के लिए संघर्ष समाप्त हो गया या आज भी जारी है?

स्वतंत्रता दिवस: आज़ादी में शहीद हुए वीरों की वीरगाथा बहुत ही लंबी है, लेकिन आज़ादी के बावजूद भी संघर्ष समाप्त नहीं हुआ आज भी विश्व इन सामाजिक कुरीतियों से जूझ रहा है। नशा, भृष्टाचार,चोरी,अंध श्रद्धा भक्ति, दहेज, जातिवाद जैसी कुरीतियों से कहीं न कहीं मानव आज़ादी के लिए संघर्ष कर ही रहा है।

सबसे कठिन कैद वह है जो बुढ़ापे और जन्म-मृत्यु के चक्र में इंसान को जकड़े रहती है, जिससे पूर्ण संत से सत भक्ति प्राप्त किए बिना चाहकर भी कभी आज़ाद नहीं हुआ  जा सकता । इन सामाजिक कुरीतियों और जन्म-मृत्यु के असहनीय कष्टों से मुक्ति पाने के लिए कई महापुरुषों ने ऐसा इतिहास रचा, जिसकी गाथा शब्दों में समेटना असंभव है।

वास्तविक स्वतंत्रता: कैसे हासिल करें असली आज़ादी

आज़ादी शब्द के कई मायने हो सकते हैं, लेकिन इसका सच्चा अहसास तब तक नहीं हो सकता जब तक मनुष्य वास्तविक आज़ादी को नहीं पहचान लेता। असली स्वतंत्रता तो तभी मिलती है जब मनुष्य जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाए, और यह मुक्ति केवल सत् भक्ति के माध्यम से ही संभव है, जिसे मात्र तत्वदर्शी संत, यानी पूर्ण संत, ही बता सकते हैं।

जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत हैं, जिसके विषय में गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 में कहा गया है, जो संसार रूपी उल्टे लटके हुए  वृक्ष की भली- भांति जनता है । वे पूरे मानव समाज को सतभक्ति का मार्ग दिखाकर मोक्ष का रास्ता प्रदान कर रहे हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति  करने से जन्म-मरण की कैद से हमेशा के लिए आजादी मिल  सकती है।

स्वतंत्रता दिवस: FAQ

Q1. स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है।

Q2. स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans.यह दिन 1947 में भारत की ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की प्राप्ति की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है।

Q3. स्वतंत्रता दिवस पर किस प्रकार के राष्ट्रीय ध्वज की मान्यता होती है?

Ans.राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा (तीन रंगों वाला ध्वज) को विशेष मान्यता प्राप्त है, जिसमें सफ़ेद, हरा, और केसरिया रंग शामिल हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love1
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article Best Online Universities Worldwide 15 Best Online Universities Worldwide: Learn From Home with the Best Educators
Next Article Hindenburg Report: आखिर क्यों है सुर्ख़ियों में हिंडनबर्ग रिपोर्ट 
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

prakat diwas 2025 hindi side ads

Popular Posts

भारत का स्टार्टअप देगा Google Chrome को चुनौती: Perplexity AI का Comet Browser लॉन्च

Comet Browser: तीन दशकों से ब्राउज़र बाजार में एकछत्र राज करने वाले Google Chrome को…

By SA News

अवैध संपत्ति मामले में सौरभ शर्मा को अग्रिम जमानत से इनकार, कोर्ट ने बताया गंभीर अपराध

भोपाल: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रह चुके सौरभ शर्मा को अवैध रूप से…

By SA News

5 Simple Self Care Practices

Self care has evolved as an essential practice believed to promote mental, emotional and physical…

By SA News

You Might Also Like

Biography of John F. Kennedy Life, Legacy, and Leadership
History

Biography of John F. Kennedy: Life, Legacy, and Leadership

By SA News
The Rise and Fall of the Mongol Empire: A Comprehensive Historical Account
History

The Rise and Fall of the Mongol Empire: A Comprehensive Historical Account

By SA News
Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा
History

Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा

By SA News
Yuri Gagarin – The First Man in Space and his Immortal Legacy
History

Yuri Gagarin – The First Man in Space and his Immortal Legacy

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.