दिल्ली में एक मात्र संस्था आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार द्वारा संचालित है, यह संस्था राजधानी दिल्ली के रोहणी सेक्टर 1 में स्थित है। यहां बौद्धिक अक्षम लोगों की देखभाल की जाती है। 3 अगस्त 2024 को एक सबडिवीजन द्वारा की गई इन्वेस्टिगेशन में आशा किरण शेल्टर होम से चौंकाने वाला मौत का आंकड़ा सामने आया। संस्था से 1 महीने में 14 मौतों का खुलासा हुआ है।
दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत से जुड़े मुख्य बिंदु
- इन्वेस्टिगेशन की पहली रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में स्थित आशा किरण शेल्टर होम से 15 से 31 जुलाई के बीच 14 लोगों की मौतों का बड़ा आंकड़ा सामने आया है।
- दिल्ली सरकार की एकमात्र संस्था में 1 मौत जुलाई 1 से 15 के बीच हुई थी।इसके अलावा संस्था के मेडिकल केयर यूनिट के आंकड़ों के मुताबिक इलाज के लिए 54 लोगों को बाहर भेजा गया।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि कम समय में इतनी मौत के आंकड़े सामने आना महज इत्तेफाक नहीं। कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को शेल्टर होम के पानी की गुणवत्ता जांच करने का आदेश दिया।
- आशा किरण शेल्टर में हुई 14 मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, दिल्ली सरकार को 5 अगस्त तक जवाब मांगा था।
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने कहा – भीड़भाड़ वाले आश्रय गृह में रहना मानव अधिकारों का हनन है। उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए 4 सप्ताह के भीतर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
- प्रत्येक मानव के लिए जल, भोजन और आश्रय जीवन के लिए प्राथमिक आवश्यकता है।
इन्वेस्टिगेशन से पता चला, जुलाई माह में हो चुकी थी 14 मौतें
आशा किरण शेल्टर होम में पिछले साल से मृत्यु दर में इज़ाफा हुआ है। यहां जुलाई माह में 14 लोगों की मौत का आश्चर्यचकित करने वाला आकड़ा सामने आया है, जिनमें 8 महिलाएं, 5 पुरुष और 1 नाबालिग शामिल हैं। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से मानवीय अधिकारों का हनन करता है। जनवरी से लेकर अब तक 27 मौतें हो चुकी हैं, जिसमें एक एक बच्चा, जबकि 13 लोग, 20 साल के ऊपर के नौजवान हैं।
शेल्टर होम के संचालकों ने लोगों की मृत्यु होने का क्या कारण बताया?
आशा किरण शेल्टर होम द्वारा सरकार को दी गई रिपोर्ट में दस्त, उल्टी, बेहोशी और हल्का बुखार की वजह से मौत होने का कारण बताया गया है।
शेल्टर होम में हुई मौतों की इन्वेस्टीगेशन के लिए दिल्ली की राजस्व मंत्री ने मजिस्ट्रेट को दिए आदेश
इस मामले की पुष्टि करने के लिए दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे और कहा कि 14 लोगों की मौत बहुत ही गंभीर विषय है। अगर इसमें किसी कार्य प्रबंधक की लापरवाही पाई गई तो उनको बख्शा नहीं जाएगा।
शेल्टर होम में कार्यरत डॉक्टर अशोक ने क्या शिकायत की?
होम शेल्टर में कार्यरत मुख्य डॉक्टर अशोक ने शेल्टर होम में पीने के लिए पानी की अनुपलब्धता को बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा लगाए गए वॉटर प्यूरीफिकेशन में कई महीनों से पानी नहीं आ रहा। उन्होंने बताया कि पानी बाहर दुकान से खरीद कर लाया जाता है, इसके साथ ही वहां रहने वालों के लिए भोजन की खराब व्यवस्था की भी शिकायत की।
डॉक्टर ने कहा कि दूध को पोषण का बुनियादी आहार माना जाता हैं। पंरतु यहां लोगों को बीमार होने के कई दिनों बाद डॉक्टर द्वारा शिकायत करने से दूध दिया जाता है। तब तक या तो मरीज़ की स्थिति ठीक हो जाती है या और खराब।
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पहले उनको चावल, रोटी, सब्जी और दूध खाने को मिलते थे, लेकिन अब यह वयस्कों को नहीं मिलता। इसी कारण वयस्क कमजोर और पीड़ित हो गए हैं। डॉक्टर अशोक ने बताया कि आशा किरण शेल्टर होम में मरीज़ों की संख्या ज़्यादा होने के कारण खुजली संक्रमण जैसी बीमारी ज्यादा पाई गई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने शेल्टर होम पर क्या आरोप लगाए?
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने होम शेल्टर का दौरा करते हुए आरोप लगाया कि यहां रहने वालों को संक्रमित भोजन, दूषित पानी और पुरानी दवा दी जाती है। शेल्टर होम संस्था में 250 लोगों के रहने की व्यवस्था में 450 लोग रहते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1989 में बने इस शेल्टर होम में 500 लोगों की रहने की व्यवस्था है, जबकि यहां 1000 लोग रह रहे हैं। वेंटीलेशन का अभाव है और प्रत्येक कमरे में करीब 30 लोग रहते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की न्यूज़ में कहा गया कि यहां केवल 6 डॉक्टर 17 नर्स और 50 सहायक नर्स हैं। इससे स्पष्ट है कि लोगों के लिए यहां व्यवस्थाएं सही नहीं है। इन मरीजों के लिए 24 घंटे केयरटेकर की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त नर्सों को मनोविज्ञान का कोई अनुभव नहीं है।
प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना, आशा किरण शेल्टर होम की जिम्मेदारी है
प्रत्येक मनुष्य के लिए पानी, भोजन और आश्रय जीवन जीने की प्राथमिक आवश्यकता होती है। परंतु आशा किरण शेल्टर होम की बौद्धिक अक्षम लोगों के प्रति लापरवाही और मानव अधिकारों के उल्लंघन को दर्शाती है। बौद्धिक लोगों की शिक्षा और आश्रय के लिए कई निजी और सरकारी संस्था कार्य कर रही हैं ।परंतु आज मानव को ईमानदारी निभाते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।
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ज्ञात हो कि बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्ति अपनी बुद्धि अक्षमता के कारण केयरटेकर पर आश्रित होते हैं, लेकिन दिल्ली की एकमात्र संस्था से एक बार फिर मौत के जो आंकड़े सामने आए, वह आशा किरण शेल्टर होम की व्यवस्था के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं।