दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पहली बार आयोजित G20 शिखर सम्मेलन 2025 ने वैश्विक राजनीति, जलवायु नीति और विकास मॉडल के समीकरण बदल दिए। अमेरिका के बायकॉट के बावजूद 39-पन्नों का विस्तृत और प्रभावशाली घोषणा पत्र सर्वसम्मति से पारित हुआ, जो इस बात का संकेत था कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ अब अंतरराष्ट्रीय निर्णयों के केंद्र में है।
- G20 दक्षिण अफ्रीका 2025: प्रमुख वैश्विक संकेत
- अमेरिका की गैरमौजूदगी: G20 में सर्वसम्मति की असली परीक्षा
- PM मोदी का स्पष्ट संदेश: “फेंटानाइल ड्रग्स वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा”
- अफ्रीका के लिए भारत की स्किलिंग क्रांति: 10 वर्षों में 1 मिलियन प्रशिक्षक
- G20 Global Healthcare Response Team: भारत का मजबूत प्रस्ताव
- पारंपरिक चिकित्सा से DPIs तक: भारत के एजेंडे की मज़बूती
- द्विपक्षीय मुलाकातों में भारत का प्रभाव
- दक्षिण अफ्रीका की मेज़बानी: ग्लोबल साउथ का नया अध्याय
- G20 दक्षिण अफ्रीका 2025: बदलते वैश्विक संतुलन का संकेत
- वैश्विक शांति और नैतिक संतुलन की राह
- FAQs on G20 दक्षिण अफ्रीका शिखर सम्मेलन 2025
जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऋण संकट, आपदा प्रबंधन, पारंपरिक चिकित्सा, महिला नेतृत्व और डिजिटल संरचनाओं पर ऐसी मजबूत भाषा शामिल की गई, जिसका अमेरिका ने लंबे समय तक विरोध किया था।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका निर्णायक रही। उन्होंने ड्रग-टेरर नेटवर्क को रोकने के लिए वैश्विक पहल रखी तथा अफ्रीका के लिए कौशल विकास और स्वास्थ्य क्षेत्र में दो बड़े मॉडल प्रस्तुत किए। तीन दिन चले इस सम्मेलन ने भारत, दक्षिण अफ्रीका और ग्लोबल साउथ की संयुक्त प्राथमिकताओं को नया आयाम दिया।
G20 दक्षिण अफ्रीका 2025: प्रमुख वैश्विक संकेत
1. अमेरिका के बायकॉट के बावजूद घोषणा पत्र सर्वसम्मति से पास
2. जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और ऋण संकट पर कठोर शब्द
3. PM मोदी की ‘G20 ड्रग-टेरर नेक्सस इनिशिएटिव’
4. अफ्रीका के लिए 10 वर्षों में 1 मिलियन प्रशिक्षकों का स्किल्स-मल्टीप्लायर
5. ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पांस टीम का प्रस्ताव
6. पहली बार Traditional & Complementary Medicine को औपचारिक मान्यता
7. भारत की DPI, AI सेफ्टी और महिला नेतृत्व पर प्रभावी भूमिका
8. दक्षिण अफ्रीका की थीम—Solidarity, Equality, Sustainability
9. PM मोदी की UK, Italy, Brazil, France, Malaysia, UNSG समेत कई नेताओं से बैठकें
अमेरिका की गैरमौजूदगी: G20 में सर्वसम्मति की असली परीक्षा
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के प्रवक्ता ने बताया कि घोषणा पत्र की भाषा को अंतिम रूप देने में एक वर्ष लगा। जब ड्राफ्ट तैयार हुआ, तो उसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
अमेरिका जलवायु भाषा से असहमति जताता रहा और इस कारण सम्मेलन का बहिष्कार किया। इसके बावजूद अफ्रीका और अन्य देशों ने इसे “बहुपक्षीय व्यवस्था की जीत” बताया।
रामाफोसा के शब्दों में:
“हमारी सहमति भारी है। यह अफ्रीका की पहली G20 अध्यक्षता के महत्व को कम नहीं होने देना चाहिए।”
अमेरिका के बायकॉट पर दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री ने कहा:
- “G20 किसी एक देश पर निर्भर नहीं। यहां मौजूद राष्ट्र ही दुनिया की दिशा तय करेंगे।”
- घोषणा पत्र में जलवायु कार्रवाई और ऋण संकट पर साहसिक भाषा
- घोषणा पत्र में शामिल विषय:
- जलवायु संकट की गंभीरता
- अनुकूलन रणनीतियों की तात्कालिक जरूरत
- नवीकरणीय ऊर्जा की प्राथमिकता
- विकासशील देशों पर ऋण बोझ का बढ़ता दबाव
- यूर्सुला वॉन डेर लेयेन ने “dependencies के weaponization” पर चेतावनी देते हुए चीन के rare-earth नियंत्रण की ओर संकेत किया।
PM मोदी का स्पष्ट संदेश: “फेंटानाइल ड्रग्स वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा”
PM मोदी ने अपने भाषण में कहा:
“फेंटानाइल जैसे घातक ड्रग्स एक वैश्विक आपदा का रूप ले रहे हैं। यह समाज, जनस्वास्थ्य और वैश्विक स्थिरता के लिए चुनौती है तथा आतंकवाद को फंड देने का प्रमुख स्रोत भी।”
इसी आधार पर उन्होंने “G20 Initiative on Countering the Drug-Terror Nexus” प्रस्तावित किया।
अफ्रीका के लिए भारत की स्किलिंग क्रांति: 10 वर्षों में 1 मिलियन प्रशिक्षक
सम्मेलन के दौरान PM मोदी ने ‘Train-the-Trainers’ मॉडल आधारित स्किल्स-मल्टीप्लायर योजना पेश की।
इसका लक्ष्य, अफ्रीका में अगले 10 वर्षों में 1 मिलियन सर्टिफाइड ट्रेनर्स तैयार करना।
G20 Global Healthcare Response Team: भारत का मजबूत प्रस्ताव
मोदी ने कहा,“वैश्विक स्वास्थ्य संकट किसी सीमा को नहीं मानता। इसलिए एक प्रशिक्षित हेल्थकेयर टीम तैयार की जानी चाहिए जो किसी भी आपदा या आपातस्थिति में तुरंत सहायता दे सके।”
पारंपरिक चिकित्सा से DPIs तक: भारत के एजेंडे की मज़बूती
G20 दस्तावेज़ में भारत की पहल पर ज़ोर दिया गया—
- Traditional & Complementary Medicine
- Digital Public Infrastructure
- AI Safety
- Women-Led Development
- पहली बार माना गया कि विकासशील देशों को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए USD 5.8–5.9 ट्रिलियन की ज़रूरत होगी।
द्विपक्षीय मुलाकातों में भारत का प्रभाव
- PM मोदी ने ब्रिटेन, इटली, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और मलेशिया सहित कई नेताओं से चर्चा की।
- ACITI Partnership (Australia-Canada-India Technology & Innovation Partnership) की घोषणा भी हुई।
दक्षिण अफ्रीका की मेज़बानी: ग्लोबल साउथ का नया अध्याय
“Solidarity, Equality and Sustainability” थीम के साथ दक्षिण अफ्रीका ने यह स्पष्ट किया कि वैश्विक नीति निर्माण अब बहुध्रुवीय हो रहा है। सम्मेलन ने ग्लोबल साउथ को निर्णय प्रक्रिया के केंद्र में रख दिया।
G20 दक्षिण अफ्रीका 2025: बदलते वैश्विक संतुलन का संकेत
39-पन्नों के सर्वसम्मति घोषणा पत्र ने दिखा दिया कि अंतरराष्ट्रीय मंच अब पुराने शक्ति-संतुलन से आगे बढ़ रहा है। भारत ने इस मंच पर न सिर्फ अपनी कूटनीति स्थापित की, बल्कि ग्लोबल साउथ के हितों को नए स्तंभ भी दिए, डिजिटल ढांचा, कौशल, स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा और एआई सुरक्षा।
वैश्विक शांति और नैतिक संतुलन की राह
G20 जैसे मंच नीति निर्माण की दिशा तय करते हैं, लेकिन दुनिया में स्थायी शांति तभी संभव है जब मनुष्य का आंतरिक चरित्र बदले। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि हिंसा, भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता का अंत केवल सही भक्ति और पवित्र आचरण से ही संभव है।
उनके अनुसार, मानवता तभी फलती है जब मनुष्य अपने मूल उद्देश्य, परमात्मा की सही भक्ति, को अपनाता है। यही मार्ग विश्व को नैतिक आधार देता है और समरसता बढ़ाता है।
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FAQs on G20 दक्षिण अफ्रीका शिखर सम्मेलन 2025
G20 दक्षिण अफ्रीका 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या थी?
अमेरिका के बायकॉट के बावजूद 39-पन्नों का घोषणा पत्र सर्वसम्मति से मंजूर होना।
अमेरिका ने विरोध क्यों किया?
वह जलवायु कार्रवाई और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी कठोर भाषा शामिल नहीं करना चाहता था।
भारत की सबसे महत्वपूर्ण पहल क्या रही?
PM मोदी की ‘G20 ड्रग-टेरर नेक्सस इनिशिएटिव’ और अफ्रीका-केंद्रित स्किल्स व हेल्थ प्रस्ताव।
G20-Africa Skills Multiplier योजना क्या है?
अगले 10 वर्षों में अफ्रीका के लिए 1 मिलियन सर्टिफाइड ट्रेनर्स तैयार करना।
पारंपरिक चिकित्सा को लेकर क्या निर्णय लिया गया?
पहली बार Traditional & Complementary Medicine को औपचारिक मान्यता दी गई।

