उत्तर जकार्ता के स्कूल परिसर में शुक्रवार की नमाज़ के दौरान हुए धमाकों से मचा हड़कंप, एंटी-टेरर टीम जांच में जुटी, अधिकारियों ने संयम बरतने की अपील की
- नमाज़ के बीच गूंजे धमाके, धुएं से भर गया मस्जिद परिसर
- 54 लोग अस्पताल में भर्ती, 3 की हालत गंभीर
- 17 वर्षीय छात्र बना जांच का केंद्र, ऑपरेशन के बाद पुलिस निगरानी में
- एंटी-बॉम्ब स्क्वाड और डेंसस 88 ने संभाली कमान
- अधिकारियों की अपील – “आतंकवाद का निष्कर्ष निकालने में जल्दबाज़ी न करें”
- स्कूल परिसर बंद, सुरक्षा बलों ने संभाली निगरानी
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संवेदना
- जांच जारी, जनता से संयम की अपील
नमाज़ के बीच गूंजे धमाके, धुएं से भर गया मस्जिद परिसर
उत्तर जकार्ता के केला पा गाडिंग क्षेत्र में स्थित नौसेना परिसर के अंदर बने स्टेट सीनियर हाई स्कूल 72 की मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ के दौरान हुए धमाकों से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही खुतबा (sermon) शुरू हुआ, मस्जिद के पिछले हिस्से और लाउडस्पीकर सिस्टम के पास दो तेज़ धमाकों की आवाज़ गूंजी। कुछ ही पलों में मस्जिद का इलाका ग्रे धुएं से भर गया और छात्र व शिक्षक भयभीत होकर बाहर भागने लगे।
धमाके के कारण मस्जिद के शीशे चटक गए, और कई लोग कांच के टुकड़ों, झटकों और जलन से घायल हुए। गवाहों ने बताया कि आवाज इतनी तेज़ थी कि नौसेना परिसर के दूसरे हिस्सों तक सुनाई दी।
54 लोग अस्पताल में भर्ती, 3 की हालत गंभीर
जकार्ता पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर जनरल ऐसेप एडी सुहेरी (Asep Edi Suheri) ने बताया कि कुल 54 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से ज्यादातर छात्र और शिक्षक हैं।
3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, 17 को हल्की चोटें आई हैं, 20 अब भी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
जकार्ता इस्लामिक हॉस्पिटल (Jakarta Islamic Hospital) में 27 घायलों का इलाज किया गया, जबकि यार्सी हॉस्पिटल (Yarsi Hospital) ने 6 मामलों को संभाला। 21 घायलों को शाम तक प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। राहत की बात यह है कि किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
17 वर्षीय छात्र बना जांच का केंद्र, ऑपरेशन के बाद पुलिस निगरानी में
इंडोनेशिया के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख जनरल लिस्त्यो सिगित प्रबोवो (Listyo Sigit Prabowo) ने बताया कि घटना में एक 17 वर्षीय छात्र संदिग्ध पाया गया है। यह छात्र उसी स्कूल में पढ़ता था जहां धमाका हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह छात्र स्वभाव से अकेला रहता था, हिंसक चित्र बनाता था और उसे स्कूल में अक्सर तंग किया जाता था। धमाके के तुरंत बाद उसे ज़मीन पर घायल अवस्था में पाया गया और तत्काल सर्जरी के लिए ले जाया गया। वह वर्तमान में इलाज के दौरान पुलिस निगरानी में है।
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में होममेड विस्फोटक (Homemade Explosive) की आशंका है। हालांकि, अभी तक कोई स्पष्ट मकसद सामने नहीं आया है।
एंटी-बॉम्ब स्क्वाड और डेंसस 88 ने संभाली कमान
घटना के तुरंत बाद जकार्ता पुलिस की एंटी-बॉम्ब स्क्वाड और इंडोनेशिया की एंटी-टेरर स्पेशल डिटेचमेंट डेंसस 88 (Densus 88) की टीमें मौके पर पहुंचीं। पूरे परिसर को घेरकर जांच शुरू की गई।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल से कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद कीं, जिनमें शामिल हैं:
तार और सर्किट के टुकड़े, रिमोट कंट्रोल, बॉडी वेस्ट, टॉय राइफल्स, एयरसॉफ्ट (Airsoft) गन और खिलौना रिवॉल्वर।
हालांकि इन वस्तुओं का सीधे तौर पर धमाके से संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुआ है। मस्जिद के आसपास के क्षेत्र को देर शाम तक सील रखा गया, और बम-डिस्पोज़ल टीम ने अतिरिक्त डिवाइसों की तलाश की।
अधिकारियों की अपील – “आतंकवाद का निष्कर्ष निकालने में जल्दबाज़ी न करें”
राजनीतिक और सुरक्षा मामलों के उप समन्वय मंत्री लोडेविक फ्रेडरिक पॉलस (Lodewijk Freidrich Paulus) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि दो विस्फोट हुए हैं, लेकिन उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि बिना सबूत के आतंकवाद का निष्कर्ष न निकाला जाए।
समन्वय मंत्री जमारी चनियागो (Djamari Chaniago) ने भी कहा कि जांच के सभी संभावित पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, जिनमें विद्युत शॉर्ट सर्किट या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की खराबी की संभावना भी शामिल है।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों का समन्वय शुरू किया है।
स्कूल परिसर बंद, सुरक्षा बलों ने संभाली निगरानी
शाम 8 बजे तक (स्थानीय समय) जांच जारी थी। पुलिस ने बताया कि अभी तक छात्र संदिग्ध के अलावा कोई अन्य गिरफ्तारी नहीं हुई है।
फॉरेंसिक विश्लेषण और गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। स्कूल परिसर को अस्थायी रूप से बंद रखा गया है जब तक कि सुरक्षा एजेंसियां इसे सुरक्षित घोषित नहीं करतीं।
स्थानीय टीवी चैनलों ने दिखाया कि मस्जिद की इमारत को भारी नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन परिसर के आसपास पुलिस और सेना के जवानों ने सुरक्षा घेरा बना रखा था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संवेदना
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने इंडोनेशिया को संवेदना और एकजुटता का संदेश भेजा, तथा आतंकवाद के किसी भी रूप की निंदा की।
इंडोनेशियाई अधिकारियों ने बताया कि अब भी 33 घायलों का इलाज चल रहा है, और उनकी स्थिति पर निरंतर नज़र रखी जा रही है।
जांच जारी, जनता से संयम की अपील
जकार्ता पुलिस ने कहा है कि फिलहाल किसी अतिरिक्त धमकी की सूचना नहीं है। घटनास्थल की पूरी फॉरेंसिक जांच के बाद ही विस्फोट के वास्तविक कारणों की पुष्टि की जाएगी।
देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं, और अधिकारियों ने जनता से अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
फिलहाल इंडोनेशिया का शिक्षा जगत इस घटना से स्तब्ध है, जिसने एक साधारण शुक्रवार की नमाज़ को भयावह अनुभव में बदल दिया।

