संबंधित समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या है डिप्रेशन और तनाव। जरा सी बातों पर अधिक चिंतित होना और लंबे समय तक तनाव में रहना डिप्रेशन का कारण बन सकता है। डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है जो व्यक्ति को उदास, अकेला और जीवन से विमुख कर सकती है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और कामकाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आइए इस लेख में जानेंगे डिप्रेशन और तनाव के लक्षणों के बारे में और उन 5 आसान कारगर उपायों के बारे में जिसे दैनिक जीवन में अपनाने से डिप्रेशन और तनाव को कम किया जा सकता है। पढ़िए हमारा संपूर्ण लेख….
डिप्रेशन और तनाव क्या है? (What is depression or stress?)
डिप्रेशन और तनाव एक गंभीर स्वास्थय मानसिक विकार है। जो व्यक्ति की सभी आनंदित रुचियों को कम कर देता है। डिप्रेशन को समझने से पहले हमें यह समझना होगा कि चिंता या तनाव क्या होता है। तनाव एक ऐसी स्थिति है जो कि कुछ भौतिक और मानसिक कारकों की वजह से होती है। जब किसी व्यक्ति का जीवन उसके द्वारा सोची गई योजना के अनुसार नहीं चलता है, चाहे वह एक अच्छी नौकरी का न होना (तनावभरी नौकरी होना), परिवार से संबंधित परेशानी,
पढ़ाई या किसी काम को लेकर ज्यादा सोचना या अन्य कोई और वजह। हम सभी ने कभी न कभी, किसी चीज को लेकर तनाव के कुछ लक्षणों का अनुभव जरूर किया है, पर ज्यादातर लोग तनावमुक्त इसलिए नहीं हो पाते कि क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि वे तनावग्रस्त हैं।
डिप्रेशन और तनाव के लक्षण (Symptoms of depression or stress)
अगर आप में नीचे दिए लक्षणों में से कुछ भी लक्षण अगर लंबे समय तक दिखाई देते हैं तो मान लीजिए आप डिप्रेशन और तनाव के शिकार हैं –
- छोटी-छोटी बातों पर अधिक गुस्सा आना
- ध्यान केंद्रित करने और याद रखने में कठिनाई होना
- नींद न आना
- अधिक नकारात्मक विचार आना
- अकेले रहने का मन करना
- थकान और कमजोरी महसूस करना
- चिड़चिड़ापन रहना
- मन में अजीब से विचार आना
- भूख में कमी
- खाने का सही से न पचना
- छोटी-छोटी चीजों को लेकर अधिक सोचना
- सिरदर्द
- आत्मविश्वास की कमी
WHO रिपोर्ट के अनुसार डिप्रेशन और तनाव
डिप्रेशन और तनाव एक तरह की गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो दुनियां भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दुनियाभर में 70 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें से हर 8 में से एक डिप्रेशन की वजह से सुसाइड करता है। भारत में भी स्थिति चिंताजनक है- लेंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 19.73 करोड़ लोग विभिन्न तरह की मानसिक समस्याओं से ग्रस्त हैं, जिनमें 4.57 करोड़ लोग डिप्रेशन और 4.49 करोड़ लोग तनाव से ग्रसित हैं।
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यह समस्या शहरी युवा वर्ग में अधिक देखी जा रही है जो कॉरपोरेट जगत में काम करते हैं। समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर उचित इलाज और समर्थन प्रदान करना आवश्यक है।
डिप्रेशन और तनाव को कम करने का कारगर उपाय
डिप्रेशन या तनाव से मुक्त होने के लिए निम्न कारगर उपायों को हम हमारी दैनिक जीवन में अपनाकर कम कर सकते हैं –
1. नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधियाँ करना जो एंडोर्फिन्स जैसे हार्मोन्स को बढ़ावा देते हैं और तनाव को कम करके मूड को बेहतर बनाते हैं।
2. स्वस्थ आहार: पौष्टिक भोजन लेना जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। तथा तनाव को भी दूर करने में मदद करता है।
3. पर्याप्त नींद: तनाव को दूर करने हेतु अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
4. सामाजिक समर्थन: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना और अपनी भावनाओं को एक दूसरों को साझा करने से हम अपनी गहरी चिंताओं को दूर कर सकते हैं।
5. चिकित्सा उपचार: तनाव का शिकार होने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर उपचार कराना चाहिए। तथा डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों को समय पर लेना चाहिए।
डिप्रेशन और तनाव को कम करने का आध्यात्मिक उपाय
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि डिप्रेशन और तनाव को कम करने का एक प्रभावी तरीका आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति है। संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने सत्संगों और पुस्तकों के माध्यम से लोगों को सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाया है, जिससे लोग अपने जीवन में सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार, पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की सच्ची भक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि शारीरिक और आर्थिक समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
वह बताते हैं कि सच्ची भक्ति के लिए शास्त्रों के अनुसार साधना करनी चाहिए और एक तत्वदर्शी संत की शरण में जाना चाहिए। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी उनकी बताई भक्ति विधि का पालन करके अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से मुक्ति पा रहे हैं।
इसके अलावा, संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी सेवा और परोपकार के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक शांति मिलती है और समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन आता है।

