2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कोडिंग ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। नाइजीरिया और बर्किना फासो जैसे अफ्रीकी देश इस बदलाव के केंद्र में हैं, जहां टेक्नोलॉजी पारंपरिक शिक्षा को चुनौती दे रही है और लाखों छात्रों के लिए नए अवसर खोल रही है।
वैश्विक शिक्षा संकट के बीच, जहां 20 मिलियन से अधिक नाइजीरियाई बच्चे स्कूल से बाहर हैं और बर्किना फासो में सुरक्षा चुनौतियां शिक्षा को प्रभावित कर रही हैं, ये पहलें समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दे रही हैं। वर्ल्ड बैंक, UNESCO और स्थानीय सरकारों के सहयोग से ये प्रोजेक्ट न केवल सीखने को तेज कर रहे हैं, बल्कि डिजिटल समानता को भी मजबूत कर रहे हैं।
नाइजीरिया में AI पायलट प्रोग्राम: वर्ल्ड बैंक की पहल
नाइजीरिया में शिक्षा लंबे समय से चुनौतियों से जूझ रही थी – 20 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर, शिक्षक-छात्र अनुपात 1:55, और पुरानी पाठ्यचर्या। लेकिन 2025 ने तस्वीर बदल दी।
वर्ल्ड बैंक का जेनरेटिव AI पायलट प्रोग्राम, जो एडो स्टेट के एडो बॉयज हाई स्कूल में चला, ने कमाल कर दिखाया। छात्र ओमोरोग्बे उयोसा कहते हैं, “AI ट्यूटर बनकर हमें पर्सनलाइज्ड लेसन्स देता है।”
रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCT) में AI ग्रुप ने 6 हफ्तों में 2 साल की अंग्रेजी प्रोग्रेस हासिल की, जो 80% अन्य इंटरवेंशन्स से बेहतर थी। यह प्रोग्राम फ्री AI टूल्स जैसे ChatGPT का उपयोग करता है, जो आफ्टर-स्कूल सेशन्स में राष्ट्रीय करिकुलम पर आधारित लेसन्स देता है।
24 जनवरी 2025 को इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन पर मिनिस्टर डॉ. मरूफ तुन्जी अलौसा ने “AI and Education: Preserving Human Agency” थीम अपनाई। नाइजीरिया लर्निंग पासपोर्ट 15,000 रिसोर्सेज दे रहा है। हालांकि, बिजली और इंटरनेट की कमी अभी भी चुनौतियां हैं।
नाइजीरिया की नई सेकेंडरी करिकुलम: AI और कोडिंग का समावेश
4 सितंबर 2025 को घोषित नई सेकेंडरी स्कूल करिकुलम ने AI, कोडिंग, जर्नलिज्म और डिजिटल लिटरेसी को शामिल किया, जो 2025/26 सेशन से लागू होगी।
सीनियर सेकेंडरी में प्रोग्रामिंग, AI, डेटा साइंस और साइबरसिक्योरिटी जैसे विषय जोड़े गए हैं, साथ ही प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग। जूनियर सेकेंडरी में डिजिटल लिटरेसी और कोडिंग (पायथन बेसिक्स, स्क्रैच) शामिल है।
माइक्रोसॉफ्ट का $1M कमिटमेंट 1 मिलियन नाइजीरियंस को ट्रेन करेगा, जबकि एलीट ग्लोबल AI का 30,000 ट्रेनीज प्रोग्राम 2030 तक $15B GDP जोड़ेगा। यह करिकुलम छात्रों को टेक्नोलॉजी-ड्रिवन दुनिया के लिए तैयार करेगा, जिसमें इंग्लिश में जर्नलिज्म और फैक्ट-चेकिंग मॉड्यूल्स भी हैं।
बर्किना फासो में PACT DIGITAL प्रोजेक्ट:
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
सुरक्षा संकट से 20% स्कूल प्रभावित हैं, लेकिन PACT DIGITAL प्रोजेक्ट (बजट $150M) डिजिटल क्रांति ला रहा है। 11 सितंबर 2025 को लॉन्च इस प्रोजेक्ट में ICT करिकुलम अपडेट, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, मल्टीमीडिया कंटेंट और ओउगाडौगौ-बोबो-डिऔलासो हाई स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। मिनिस्टर बौबाकर सावाडोगो कहते हैं, “यह युवाओं को डिजिटल प्रोफेशनल बनाएगा।”
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फरवरी 2024 में शुरू 95 एजुकेशनल मोबाइल ऐप्स का प्रोजेक्ट 2025 में विस्तारित हो रहा है। वर्ल्ड बैंक का REPAIR प्रोजेक्ट ($140M, 5 मई 2025) प्री-प्राइमरी एक्सेस बढ़ा रहा है, जिससे 2.2 मिलियन छात्र लाभान्वित होंगे। यह प्रोजेक्ट शिक्षा को आधुनिक बनाते हुए, महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देता है।
बर्किना फासो में यूथ कोडिंग इनिशिएटिव
UNESCO और CODEMAO ने 7 मार्च 2025 को AI डे और यूथ कोडिंग इनिशिएटिव फेज-2 लॉन्च किया, जिसमें अफ्रीका-एशिया सहयोग पर फोकस है। यह इनिशिएटिव (2025-2030) कोडिंग और AI स्किल्स को बढ़ावा देता है, जिसमें वार्षिक AI डे, टीचर-स्टूडेंट ट्रेनिंग, चाइना स्टडी टूर्स और डिजिटल एजुकेशन नेटवर्क शामिल हैं। बर्किना फासो में यह प्रोजेक्ट स्थानीय स्तर पर लागू हो रहा है, जहां रोबोटिक्स फॉर गुड यूथ चैलेंज में टीमें डिजास्टर रिस्पॉन्स रोबोट्स बना रही हैं और AI फॉर गुड समिट 2025 के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। 27 अगस्त 2025 को नेशनल AI एक्शन प्लान वर्कशॉप ने इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा गवर्नेंस पर जोर दिया। यह फेज-1 (2021-2024) की सफलता पर आधारित है, जो कांगो और केन्या जैसे देशों में भी लागू हुआ था।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
ये पहलें साबित करती हैं कि AI और कोडिंग शिक्षा को समावेशी और स्केलेबल बना रहे हैं। लेकिन कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर ट्रेनिंग और डिजिटल डिवाइड जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। नाइजीरिया में बिजली की कमी और बर्किना फासो में सुरक्षा मुद्दे बाधा हैं। फिर भी, 2025 की ये पहलें अफ्रीका को AI रिवोल्यूशन का केंद्र बना रही हैं। भविष्य में, ये मॉडल्स भारत जैसे देशों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं, जहां NEP 2020 के तहत समान बदलाव हो रहे हैं।
सिर्फ AI ही जरूरी नहीं, इसका भी रखना होगा ध्यान
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं सच्चे ज्ञान की ओर ले जाती हैं, जो आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति का आधार है। AI और कोडिंग शिक्षा को बदल रहे हैं, लेकिन सत्य ज्ञान के बिना यह अधूरी है। संत जी कहते हैं, “सच्चा ज्ञान ही अंधकार मिटाता है।” नाइजीरिया और बर्किना फासो में AI ट्यूटर्स विषयों की शिक्षा दे रहे हैं, ठीक वैसे ही संत रामपाल जी महाराज का सत्य ज्ञान सांसारिक मोह से मुक्ति देता है। टेक्नोलॉजी तब सार्थक है जब यह सत्य मार्ग से जुड़कर छात्रों को आत्म-ज्ञान दे। सत्य ज्ञान से प्रेरित होकर हम इस क्रांति को सशक्त बना सकते हैं।
नाइजीरिया और बर्किना फासो की 2025 क्रांति पर FAQs
1. नाइजीरिया में AI शिक्षा क्रांति कैसे हो रही है?
वर्ल्ड बैंक के 2025 पायलट में AI टूल्स ने 6 हफ्तों में 2 साल की लर्निंग दी। नई करिकुलम में AI और कोडिंग शामिल किए गए हैं।
2. बर्किना फासो में डिजिटल शिक्षा की स्थिति क्या है?
PACT DIGITAL प्रोजेक्ट ई-लर्निंग और ICT करिकुलम से डिजिटल स्किल्स ला रहा है, लेकिन कनेक्टिविटी चुनौती बनी हुई है।
3. AI शिक्षा के क्या फायदे हैं?
पर्सनलाइज्ड लर्निंग, कम लागत, और स्किल डेवलपमेंट, लेकिन मानवीय मूल्यों को बनाए रखना जरूरी है।
4. भारत में AI-कोडिंग शिक्षा कब लागू होगी?
NEP 2020 से शुरू हुई है। अफ्रीकी मॉडल्स से प्रेरणा लेकर 2025 में इसमें तेजी संभव है।
5. AI शिक्षा की मुख्य चुनौतियां क्या हैं?
इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल डिवाइड और शिक्षक प्रशिक्षण। लेकिन नीतियों और निवेश से इनका समाधान संभव है।