सरकार ने शीतकालीन सत्र के लिए 10 महत्वपूर्ण विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। इनमें सबसे उल्लेखनीय परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 है, जो पहली बार निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने का प्रावधान करेगा। यह कदम भारत के परमाणु ऊर्जा ढांचे को आधुनिक, सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
- मुख्य बिंदु: शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले 10 प्रमुख विधेयक
- पुराने कानूनों को आधुनिक रूप देने की तैयारी
- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक
- 2. कॉरपोरेट कानून (संशोधन) विधेयक
- 3. प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक
- मध्यस्थता कानून में बदलाव
- चंडीगढ़ के लिए बड़ा संवैधानिक बदलाव
- FAQs: शीतकालीन सत्र के प्रमुख विधेयकों से जुड़े आम सवाल
इसी के साथ सरकार भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (HECI) से जुड़े विधेयक को भी पेश करने जा रही है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित यह आयोग उच्च शिक्षा के लिए एकीकृत नियामक के रूप में कार्य करेगा, जिससे वर्तमान में विभाजित नियामक प्रणाली को एक मजबूत और स्पष्ट ढांचा मिल सकेगा।
मुख्य बिंदु: शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले 10 प्रमुख विधेयक
1. परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025
निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र खोलने का प्रस्ताव, जिससे देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन, अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (HECI) विधेयक
इस बिल के लागू होने पर
- UGC
- AICTE
- NCTE
को हटाकर एक संयुक्त उच्च शिक्षा नियामक बनेगा।
HECI तीन प्रमुख भूमिकाएँ निभाएगा: - नियमन
- मान्यता
- मानक निर्धारण
चिकित्सा और विधि शिक्षा इसके दायरे में नहीं आएगी।
पुराने कानूनों को आधुनिक रूप देने की तैयारी
सरकार तीन बड़े क्षेत्रों में कानूनी सुधार लाने जा रही है:
1. राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और सरल बनाने का लक्ष्य।
2. कॉरपोरेट कानून (संशोधन) विधेयक
कंपनी अधिनियम 2013 और LLP अधिनियम 2008 में सुधार,
ताकि Ease of Doing Business और मजबूत हो।
3. प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक
SEBI Act, Depositories Act और Securities Contracts Regulation Act को मिलाकर एक समान, स्पष्ट और सरल कानून तैयार किया जाएगा।
मध्यस्थता कानून में बदलाव
मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 34 से जुड़े मुद्दों पर समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधन पेश किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
चंडीगढ़ के लिए बड़ा संवैधानिक बदलाव
सरकार संविधान (131वां संशोधन) विधेयक 2025 पेश करेगी।
इस संशोधन के बाद चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के दायरे में लाया जाएगा, जिससे-
- राष्ट्रपति को चंडीगढ़ के लिए सीधे कानून बनाने का अधिकार मिल जाएगा
- एक स्वतंत्र प्रशासक की नियुक्ति संभव होगी
यह कदम प्रशासनिक प्रभावशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
FAQs: शीतकालीन सत्र के प्रमुख विधेयकों से जुड़े आम सवाल
Q1. इस सत्र में कितने विधेयक पेश किए जाएंगे?
उत्तर: कुल 10 विधेयक पेश किए जाएंगे।
Q2. परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह निजी कंपनियों को असैन्य परमाणु क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देगा और परमाणु ढांचे को अधिक सुरक्षित और आधुनिक बनाएगा।
Q3. HECI बिल लागू होने पर क्या बदलेगा?
उत्तर: UGC, AICTE और NCTE समाप्त होकर एक एकीकृत उच्च शिक्षा आयोग बनेगा।
Q4. प्रस्तावित कानूनी संशोधन किन क्षेत्रों में हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय राजमार्ग, कॉरपोरेट कानून और प्रतिभूति बाजार।
Q5. चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 में शामिल करने से क्या बदलेगा?
उत्तर: राष्ट्रपति सीधे कानून बना सकेंगे और चंडीगढ़ में एक स्वतंत्र प्रशासक नियुक्त होगा।

