डिजिटल युग की हर सुविधा हमें किसी न किसी रूप में ट्रैक कर रही है। जब भी आप किसी सोशल मीडिया ऐप जैसे Instagram, Twitter, Facebook आदि पर किसी पोस्ट को लाइक या शेयर करते हैं, तो AI आपकी मानसिक स्थिति और पसंद को समझ लेता है, जिससे आपकी एक डिजिटल प्रोफ़ाइल बन जाती है।
Google या Bing पर आप क्या सर्च करते हैं, किसे अधिक समय तक देखते हैं, किसे कम देखते हैं — इन्हीं आधारों पर यह प्लेटफॉर्म्स आपको विज्ञापन दिखाते हैं।
‘Agree’ पर क्लिक करते ही क्या खोते हैं हम?
जब आप किसी ऐप या वेबसाइट पर “Agree” बटन पर क्लिक करते हैं, तो आप उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच देने की अनुमति दे देते हैं।
इसका अर्थ है कि आप कंपनी के Terms & Conditions से कानूनी रूप से बंध जाते हैं, जिससे बाद में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आप शिकायत नहीं कर सकते।
आपकी जानकारी को इन प्लेटफॉर्म्स द्वारा थर्ड पार्टी के साथ साझा किया जा सकता है, जैसे:
- AI Companies
- Data Brokers
- Marketing Platforms
- Advertising Agencies
कंपनियों की तिजोरी: डेटा कहाँ और कैसे स्टोर होता है?
बड़ी टेक कंपनियां जैसे Google, Meta, Amazon आदि हमारे डेटा को स्टोर करती हैं, व्यवहार के आधार पर प्रोफाइलिंग करती हैं,
और फिर Targeted Ads दिखाती हैं।
वे कई बार इस डेटा को थर्ड पार्टी के साथ भी साझा करती हैं — अपने फायदे के लिए, न कि हमारे।
निजता को बचाने के उपाय
प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग और मजबूत पासवर्ड बनाएँ ।
पासवर्ड में (A-Z), (1-9) और विशेष चिन्ह (@, #, %) का प्रयोग करें। सभी पासवर्ड को पासवर्ड मैनेजर में सुरक्षित रखें।
अपने मोबाइल व लैपटॉप में ऐप्स और सॉफ़्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें, क्योंकि पुराने वर्जन में सुरक्षा कमज़ोरियाँ हो सकती हैं।
स्क्रीन टाइम को सीमित रखें
मोबाइल और लैपटॉप में पेरेंटल कंट्रोल सेट करें ताकि बच्चे अनुचित कंटेंट न देख सकें। यदि बच्चे कोई गलती करते हैं, तो उन्हें डांटे नहीं बल्कि प्रेमपूर्वक समझाएँ। बच्चों को इंटरनेट के लाभ और हानियाँ दोनों बताएं ताकि वे आगे सतर्क रहें।
ऐप्स से सावधान रहें
कई बार लोग फ्री में उपलब्ध ऐप्स को बिना सोचे-समझे डाउनलोड कर लेते हैं, लेकिन वे ऐप्स आपकी निजी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई ऐप आवश्यकता से अधिक परमिशन माँगता है, जैसे कि टॉर्च या कैलकुलेटर ऐप कैमरा या कॉन्टैक्ट की अनुमति माँग रहा है — तो वह संदिग्ध है। केवल प्रमाणिक स्रोतों से ही ऐप डाउनलोड करें, जैसे Google Play Store या Apple Store से।
निष्कर्ष (संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान अनुसार)
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि जिस प्रकार आज के समय में बड़ी-बड़ी कंपनियां हमारा डेटा मोबाइल, लैपटॉप आदि के माध्यम से रिकॉर्ड करती हैं, उसी प्रकार काल (ब्रह्म) हमारे सूक्ष्म शरीर में हमारे हर पाप-पुण्य को रिकॉर्ड कर लेता है और हमारे कर्मों के आधार पर हमें दुखी या सुखी करता है।
इसलिए केवल डिजिटल निजता ही नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की निजता की भी आवश्यकता है।
भगवद गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में बताए गए तीनों गुप्त मंत्रों को यदि जीव पूर्ण संत से प्राप्त नहीं करता, तो उसका मोक्ष संभव नहीं है। इन तीन मंत्रों को केवल तत्त्वदर्शी संत ही दे सकता है।
गीता अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4, और अध्याय 16 और 17 में उस संत की पहचान दी गई है। वर्तमान समय में तत्त्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं उनसे नामदीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएँ ।