आज की दुनिया, ऊर्जा मानव जीवन और आर्थिक प्रगति का आधार है।आज हमारी हर जरूरत – रसोई से लेकर फैक्ट्री तक सिर्फ बिजली और एनर्जी से पूरी होती है, जो हमारी तरक्की की सबसे बड़ी चाबी है। पर मुश्किल वाली बात यह है कि हम अब भी ज्यादातर एनर्जी कोयला, तेल और गैस जैसी पुरानी और गंदी चीजों से बना रहे है और ये अब खत्म होने लगी है इनसे प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि धरती का मौसम असंतुलित हो रहा है। साफ बात यह है कि हम एक बड़े ऊर्जा संकट में फंस चुके है। और अगर हमने जल्द से सूर्य और हवा जैसी साफ एनर्जी की नहीं अपनाया, तो यह संकट हमारे भविष्य के लिए बहुत बड़ी बढ़ सकता है।
ऊर्जा संकट के प्रमुख कारण और गंभीर प्रभाव
बिजली – संकट एक बहुत बड़ी समस्या है और बहुत उलझी हुई भी। अभी हमारी बिजली ज्यादातर कोयला और तेल जैसी पुरानी चीजों से बन रही है, जो अब जल्दी – जल्दी खत्म हो रही है। साथ ही दुनिया की आबादी और फैक्ट्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इसलिए बिजली की मांग भी हर साल बढ़ती जा रही है। अगर कहीं लड़ाई – झगड़े हो जाते है (जैसे रूस – यूक्रेन का युद्ध) तो तेल और गैस की सप्लाई रुक जाती है और इनके दाम असमान छू जाते है। इसके अलावा, जम लोग बिजली का उपयोग भी ठीक से नहीं करते है, पुराने फ्रिज और खराब तारो में बहुत बिजली बर्बाद हो जाती है। और सबसे बड़ी बात, ये सब तेल – कोयला जलाने से प्रदूषण इतना बढ़ गया कि हमारी धरती का मौसम खराब हो रहा है। इन सब का नतीजा यह है कि गरीबों को बिजली नहीं मिलती, चीजें महंगी हो जाती है, और हमारा पर्यावरण खराब होता जाता है।
ऊर्जा संकट के स्थायी और प्रभावी समाधान
विश्व आज एक गहरे ऊर्जा संकट से गुजर रहा है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और जीवाश्म ईंधनों (कोयला, तेल, गैस) पर अत्यधिक निर्भरता ने स्थिति को भयावह बना दिया है। इन संसाधनों के खत्म होने और प्रदूषण बढ़ने से जलवायु असंतुलन, आर्थिक असमानता और पर्यावरणीय संकट बढ़ते जा रहे हैं।
अब समय है कि हम सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों को अपनाएँ और ऊर्जा दक्षता बढ़ाएँ। हरित तकनीक, स्मार्ट उपकरण और संतुलित उपभोग ही भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। यह संकट केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना के अभाव का परिणाम भी है—जब तक मानव अपनी सीमाओं को नहीं समझेगा, धरती का संतुलन बहाल नहीं हो सकेगा।
नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना: संकट का सबसे प्रभावी उपाय शेरू ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइड्रोपावर जैसी उपकरणों को अपनाना यह असीमित है और पर्यावरण को मुस्कान भी नहीं पहुंचाते है।
ऊर्जा दक्षता और संरक्षण: कम ऊर्जा का उपयोग करके अधिक काम करना। इसके लिए स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा कुशल उपकरण (जैसे इनवर्टर, LED लाइट्स)
नई प्रौद्योगिक का विकास: ऊर्जा स्टोर के लिए लिथियम – आयन बैटरी और हाइड्रोजन ईंधन जैसे नई प्रौद्योगिक का उपयोग करना।
ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण: किसी एक स्रोत या देश पर कम निर्भरता के लिए ऊर्जा के स्रोतों और आपूर्तिकर्ताओं में विविधीकरण लाना।
हरित निवेश को प्रोत्साहन: सतत ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण को प्रोत्साहित करने हेतु मज़बूत नीतियां और सरकारी प्रोत्सान आवश्यक है।
ऊर्जा संकट पर आध्यात्मिक दृष्टिकोण
विश्व में बढ़ रहा यह ऊर्जा संकट (पेट्रोल, कोयला और गैस की कमी तथा प्रदूषण) केवल भौतिक साधनों का संकट नहीं है, बल्कि हम सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान के भटक जाने का परिणाम है। मनुष्य ने मोक्ष के मूल उद्देश्य को भूलकर, केवल माया (धन, शक्ति) को अपना लिया है। इसी अति – उपभोग की लालसा और असंतोष ने प्राकृतिक संसाधनों का भीषण दोहन करवाया है, जिससे आज प्रदूषण और ऊर्जा संकट उत्पन हुआ है। इस संकट का स्थाई समाधान केवल भौतिक उपायों को अपनाने ने नहीं होगा बल्कि पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर सच्ची भक्ति करने से होगा अधिक जानकारी के लिए “Sant Rampal Ji Maharaj App” Play Store व Apple Store से डाउनलोड कर सकते है।

