उत्तर प्रदेश के आगामी उपचुनावों के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है। इस गठबंधन में सपा 10 में से 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि कांग्रेस को 2 सीटें दी गई हैं। चुनाव आयोग ने फिलहाल 9 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित की है। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, क्योंकि वहां चुनाव नतीजों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लंबित है।
सीट बंटवारे की तस्वीर साफ: सपा 8, कांग्रेस 2 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सीटों का बंटवारा कर लिया है, जिसमें कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटें मिली हैं। बाकी सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने जानकारी दी कि पार्टी ने करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी, मझवां और मीरापुर सीटों के लिए अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिए हैं। मीरापुर से सपा ने सुंबुल राणा को उम्मीदवार बनाया है, जो पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू हैं और बसपा नेता मुनकाद अली की बेटी हैं। कुंदरकी सीट पर अभी सपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
उत्तर प्रदेश उपचुनाव 2024:- मुख्य बिंदू
- अखिलेश-राहुल की मुलाकात: गठबंधन का नया रास्ता तैयार
- चुनाव आयोग ने 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा, मिल्कीपुर की स्थिति अनिश्चित
- मीरापुर में सपा का बड़ा दांव: सुंबुल राणा बनीं उम्मीदवार
- सपा-कांग्रेस गठबंधन: 2024 की चुनावी रणनीति की शुरुआत
- कांग्रेस के लिए 2 सीटों की चुनौती, बढ़ेगा जनाधार
- कुंदरकी सीट पर सस्पेंस: सपा ने अभी तक उम्मीदवार नहीं घोषित किया
- जानें उस सरकार के बारे में जिसकी सत्ता असंख्य ब्रह्मांडों पर है।
अखिलेश और राहुल की मुलाकात के बाद बना गठबंधन का रोडमैप
सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच श्रीनगर में सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई थी। इस बातचीत के दौरान कांग्रेस ने गाजियाबाद और खैर सीटों की मांग की थी, जिसे सपा ने स्वीकार कर लिया। दोनों दलों के बीच हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद ही सीटों का औपचारिक बंटवारा किया गया। इस गठबंधन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
चुनाव आयोग ने 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा, मिल्कीपुर पर स्थिति अनिश्चित
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। इनमें गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी, मझवां, मीरापुर और कुंदरकी सीटें शामिल हैं। हालांकि, अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीख अभी तय नहीं की गई है। इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव नतीजों को चुनौती देने वाली एक याचिका हाईकोर्ट में लंबित है।
भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ ने यह याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणाम पर सवाल उठाए थे। याचिका वापस लेने की अपील पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है, जिसके कारण वहां चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं की गई है।
मीरापुर से सपा का बड़ा दांव: सुंबुल राणा बनीं प्रत्याशी
मीरापुर सीट से सपा ने सुंबुल राणा को प्रत्याशी बनाया है, जो कि पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू हैं और बसपा के वरिष्ठ नेता मुनकाद अली की बेटी हैं। सुंबुल राणा का नामांकन सपा के सामाजिक समीकरण को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम से पार्टी का उद्देश्य मुस्लिम और दलित समुदायों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करना है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन: 2024 की रणनीति का हिस्सा
सपा और कांग्रेस का यह गठबंधन केवल उपचुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति का भी एक हिस्सा माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के मजबूत जनाधार को देखते हुए यह गठबंधन भाजपा के खिलाफ एक सशक्त मोर्चा तैयार करने की कोशिश में है। दोनों दलों का उद्देश्य राज्य की राजनीति में भाजपा को चुनौती देना और विपक्ष को मजबूत करना है।
कांग्रेस के लिए दो सीटों पर चुनौती: जनाधार बढ़ाने का मौका
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से संघर्ष कर रही कांग्रेस के लिए यह गठबंधन एक बड़ी चुनौती और अवसर दोनों है। कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर जैसी प्रमुख सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला है। इन सीटों पर पार्टी अपने प्रभावशाली उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है, जिससे वह अपने कमजोर जनाधार को मजबूत कर सके। यह चुनाव कांग्रेस के लिए एक टेस्ट होगा, क्योंकि पार्टी को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है।
कुंदरकी सीट पर सस्पेंस बरकरार: सपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की
सपा ने अभी तक कुंदरकी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जिससे इस सीट पर अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के भीतर इस सीट को लेकर चर्चा जारी है, और माना जा रहा है कि जल्द ही यहां से उम्मीदवार का नाम सामने आएगा। कुंदरकी सीट सपा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पार्टी का परंपरागत वोट बैंक है, जिसे ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में सपा और कांग्रेस का गठबंधन एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। दोनों दलों की रणनीति भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाकर चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की है। सीटों का बंटवारा हो चुका है, और दोनों दल अब अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
कौन है वह सरकार जिसकी सत्ता असंख्य ब्रह्मांडों पर है?
पवित्र अथर्ववेद के काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र 7 में यह स्पष्ट है कि उस परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी (गीता ने अध्याय 15 श्लोक 16-17 में भी प्रमाण है) जगत् गुरु, आत्माधार, जो पूर्ण मुक्त होकर सत्यलोक गए हैं उनको सतलोक ले जाने वाला, सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार, काल (ब्रह्म) की तरह धोखा न देने वाला ज्यों का त्यों वह स्वयं कविर्देव अर्थात् कबीर प्रभु है।
यही परमेश्वर सर्व ब्रह्मण्डों व प्राणियों को अपनी शब्द शक्ति से उत्पन्न करने के कारण (जनिता) माता भी कहलाता है तथा (पित्तरम्) पिता तथा (बन्धु) भाई भी वास्तव में यही है तथा (देव) परमेश्वर भी यही है। इसलिए इसी कविर्देव (कबीर परमेश्वर) की स्तुति किया करते हैं।