नरसिंहपुर जिले के विवेकानंद कॉलेज में रविवार को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने एकदिवसीय सत्संग और सेवा कार्यों का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नरसिंहपुर सहित मंडला, जबलपुर, सागर, होशंगाबाद और छिंदवाड़ा से आए लगभग 2,000 श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सत्संग और आध्यात्मिक संदेश
सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित सत्संग में संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं पर चर्चा हुई। इन शिक्षाओं में मानवता, सद्भावना और सेवा के महत्व को रेखांकित किया गया। श्रद्धालुओं ने इसे आत्मिक शांति और प्रेरणा का स्रोत बताया।
रक्तदान शिविर: मानवता की सेवा का माध्यम
सत्संग के बाद दोपहर 12 बजे से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें संत रामपाल जी महाराज के 25 अनुयायियों ने रक्तदान किया। आयोजकों ने कहा कि रक्तदान मानवता की सेवा का सर्वोत्तम माध्यम है, जिससे जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदाताओं ने संदेश दिया कि हर स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रक्तदान करना चाहिए, ताकि रक्त की कमी से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
देहदान के प्रति जागरूकता
कार्यक्रम में देहदान के महत्व पर भी जोर दिया गया। श्रद्धालुओं को बताया गया कि देहदान चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रेरणा से 20 अनुयायियों ने परिवार की सहमति के साथ देहदान का संकल्प लिया। संकल्प पत्रों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में सौंपा जाएगा।
कार्यक्रम में प्रमुख अनुयायियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में प्रदेश समन्वयक विष्णु साहू, जिला समन्वयक महेंद्र शर्मा, तहसील समन्वयक जगमोहन शर्मा और देवीदास सहित कई प्रमुख अनुयायी मौजूद रहे। आयोजन को सफल बनाने में ब्लड कलेक्शन यूनिट की भूमिका सराहनीय रही।
मानवता की सेवा का संदेश
कार्यक्रम के दौरान मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया गया। रक्तदान और देहदान जैसे कार्यों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का महत्वपूर्ण माध्यम कहा गया। श्रद्धालुओं ने संत रामपाल जी महाराज के बताए मार्ग पर चलने और मानवता की सेवा के प्रति समर्पित रहने का संकल्प लिया।
समापन: आध्यात्मिकता और समाज सेवा की प्रेरणा
यह एकदिवसीय आयोजन न केवल आध्यात्मिकता और सेवा का संदेश लेकर आया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा भी दी। आयोजकों ने भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया।