डिजिटल शिक्षा आधुनिक तकनीक और डिजिटल उपकरणों का अभिनव समावेश है जो शिक्षण और सीखने की प्रगति में सहायता करता है। डिजिटल शिक्षा ने आजकल शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला दी है। यह न केवल शिक्षा को सुलभ बनाता है, बल्कि यह शिक्षा को अधिक प्रभावी और रोचक भी बनाता है। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से छात्र अपनी गति से सीख सकते हैं, और शिक्षक अपने छात्रों को व्यक्तिगत ध्यान दे सकते हैं।
डिजिटल शिक्षा के कुछ फायदे
- डिजिटल शिक्षा कहीं से, कभी भी सीखने की सुविधा प्रदान करती है।
- छात्र अपनी गति से सीख सकते हैं।
- डिजिटल शिक्षा में छात्रों को सूचना के विशाल भंडार तक पहुंच मिलती है . ऑनलाइन डेटाबेस, ई-बुक्स, और शैक्षिक वेबसाइटों से छात्रों को ज्ञान का खज़ाना मिलता है।
- इसमें पुस्तक लाइब्रेरी, इंटरैक्टिव पाठ, और डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, खेल, योग, प्रदर्शन कला जैसे विषय शामिल होते हैं।
- संसाधनों की बचत: डिजिटल शिक्षा में पुस्तकों और अन्य संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती।
- डिजिटल शिक्षा पर्यावरण के अनुकूल है।
- डिजिटल शिक्षा में छात्रों को व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी स्वीकार करने, संचार करने, और टीमवर्क करने में मदद मिलती है।
- डिजिटल शिक्षा में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होता है। डिजिटल शिक्षा शिक्षकों के लिए भी सहायक है।
- डिजिटल शिक्षा में इंटरैक्टिव क्विज़ और आकलन होते हैं, जिनसे छात्रों को तुरंत प्रतिक्रिया मिलती है. इससे उन्हें जानकारी बेहतर तरीके से याद रहती है।
- डिजिटल शिक्षा में छात्रों को उनकी प्रगति पर नज़र रखने में मदद मिलती है।
- छात्र कम उम्र में ही ज़्यादा ज़िम्मेदारी लेना सीख जाते हैं और छात्रों को ज़्यादा ज्ञान तक की पहुंच मिलती है।
- एनिमेशन के साथ ज्यादा अच्छे से सीख पाते हैं।
डिजिटल शिक्षा के कुछ नुकसान
- 1. डिजिटल शिक्षा में तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं। इंटरनेट कनेक्शन धीमा या नहीं चलना एक आम समस्या है। लगातार और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की कमी से छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में कठिनाई हो सकती है।
- डिजिटल शिक्षा में शिक्षक की कमी महसूस हो सकती है।
- डिजिटल शिक्षा में छात्र सामाजिक अलगाव महसूस कर सकते हैं।
- डिजिटल शिक्षा में छात्रों को ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है।
- डिजिटल शिक्षा में गुणवत्ता की कमी हो सकती है और सुरक्षा की समस्या भी आ सकती है।
- बच्चे स्कूल जाकर बहुत सी स्किल्स पर काम कर पाते हैं और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से उन्हें अपनी स्किल्स को डेवलप करने में समय लगता है।
- डिजिटल शिक्षा में आर्थिक असमानता हो सकती है। आवश्यक नहीं कि हर कोई कंप्यूटर या फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को उपयोग में ला सके।
- डिजिटल शिक्षा से बच्चों में आलसी दृष्टिकोण का विकास हो सकता है।
- छात्रों को अनुचित साइटों तक पहुंचने से रोकने के लिए ज़्यादातर स्कूलों ने अभिभावकीय नियंत्रण स्थापित किया है, लेकिन ये हमेशा सफल नहीं होते।
- इंटरनेट पर सभी जवाब आसानी से मिल जाने की वजह से बच्चों की रचनात्मक क्षमता में कमी आ सकती है।
निष्कर्ष
डिजिटल शिक्षा के फायदे और नुकसान दोनों हैं। लेकिन अगर हम इसका सही तरीके से उपयोग करें, तो यह शिक्षा को अधिक प्रभावी और रोचक बना सकता है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने से हम शिक्षा को अधिक सुलभ और समानता पर आधारित बना सकते हैं। इसके लिए हमें डिजिटल शिक्षा के नुकसानों को दूर करने के लिए काम करना होगा। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से हम अपने घर के बच्चों को आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित कर सकते हैं।
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