केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की नज़रें अब 8वें वेतन आयोग पर टिकी हुई हैं। इस बार चर्चाओं के केंद्र में पेंशन कम्यूटेशन अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की पुरानी मांग फिर से जोर पकड़ रही है। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि अगर यह बदलाव लागू होता है तो पेंशनर्स को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा।
पेंशन कम्यूटेशन क्या है?
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी अपनी पेंशन का 40 प्रतिशत हिस्सा एकमुश्त (lumpsum) ले सकते हैं, जिसे पेंशन कम्यूटेशन कहा जाता है। इसके बदले उनकी मासिक पेंशन घट जाती है। वर्तमान नियमों के अनुसार, घटाई गई पेंशन 15 साल बाद बहाल होती है। इसी अवधि को घटाकर 12 साल करने की मांग लंबे समय से चल रही है।
5वें वेतन आयोग की सिफारिश
दिलचस्प बात यह है कि 5वें वेतन आयोग ने पहले ही पेंशन कम्यूटेशन अवधि को 12 साल करने की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने उस समय इसे लागू करने के बजाय 15 साल की अवधि को बरकरार रखा। तब से लेकर आज तक पेंशनर्स लगातार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं।
न्यायालय का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1986 में और दिल्ली हाई कोर्ट ने 2019 में साफ कहा था कि यह नीति निर्धारण का विषय है और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। अदालतों का मानना था कि 15 साल की अवधि सरकार द्वारा विशेषज्ञ सलाह के आधार पर तय की गई है।
कर्मचारियों की मांग क्यों?
नेशनल काउंसिल (JCM) और अन्य कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में 15 साल की अवधि पेंशनर्स के लिए बोझिल है। उनका तर्क है कि:
- आज औसत जीवन प्रत्याशा पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है।
- ब्याज दरों और कम्यूटेशन टेबल में बदलाव के कारण सरकार को अपना पैसा पहले ही वापस मिल जाता है।
- ऐसे में पेंशनर्स को तीन साल पहले राहत मिलनी चाहिए।
34वीं SCOVA बैठक में मुद्दा उठा
11 मार्च 2025 को हुई 34वीं SCOVA बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। इसके बाद वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने भी माना कि यह मांग गंभीर है और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों में इस पर विचार किया जाना चाहिए।
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से अब तक यही कहा गया है कि 15 साल की अवधि विशेषज्ञों की राय और वित्तीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। हालांकि, बढ़ते दबाव और लगातार उठ रही मांगों के चलते इसे 8वें वेतन आयोग के एजेंडे में शामिल किया गया है।
अगर बदलाव हुआ तो फायदा किसे?
अगर यह मांग मानी जाती है तो लाखों केंद्रीय पेंशनर्स को इसका सीधा फायदा होगा। उन्हें तीन साल पहले ही पूरी पेंशन का लाभ मिल सकेगा। इससे उनके आर्थिक बोझ में कमी आएगी और सेवानिवृत्ति के बाद जीवनयापन आसान होगा।
उम्मीदों पर टिकी निगाहें
कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स की यह मांग एक बार फिर सुर्खियों में है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि 8वां वेतन आयोग क्या सिफारिश करता है और सरकार इस पर क्या फैसला लेती है। अगर 12 साल की अवधि लागू होती है तो यह पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत साबित होगी। फिलहाल, यह एक प्रतीक्षित निर्णय है जो लाखों परिवारों के भविष्य को प्रभावित करेगा।
तत्वदर्शी संत की शरण में ही मिलता है वास्तविक सुख
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FAQs on 8th Pay Commission Pension Commutation
1. पेंशन कम्यूटेशन क्या है?
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी अपनी पेंशन का एक हिस्सा (अधिकतम 40%) एकमुश्त राशि के रूप में ले सकते हैं, जिसे पेंशन कम्यूटेशन कहते हैं। इसके बदले उनकी मासिक पेंशन कम हो जाती है।
2. वर्तमान में पेंशन बहाल होने की अवधि कितनी है?
अभी पेंशन कम्यूटेशन लेने के बाद घटाई गई पेंशन 15 साल बाद बहाल होती है।
3. 8वें वेतन आयोग में क्या मांग उठी है?
कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि पेंशन बहाली की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए।
4. अगर यह बदलाव लागू होता है तो किसे लाभ मिलेगा?
अगर यह नियम लागू होता है तो लाखों केंद्रीय पेंशनर्स को फायदा होगा और उन्हें पूरी पेंशन 3 साल पहले ही मिल जाएगी।
5. सरकार का अब तक क्या रुख रहा है?
सरकार ने अब तक 15 साल की अवधि को बरकरार रखा है और कहा है कि यह विशेषज्ञों की सलाह और वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखकर तय किया गया है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग में इस पर विचार किया जा सकता है।