किसी दूसरे देश में एंट्री करने के लिए पासपोर्ट एक बहुत ही ज़रूरी डॉक्यूमेंट है, बिना इसके दूसरे देश में एंट्री की अनुमति नहीं दी जाती है। अगर आप भी पासपोर्ट बनवाने जा रहे हैं, तो हाल ही में सरकार ने पासपोर्ट की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। सुरक्षा, दक्षता और मानकीकरण में सुधार के लिए एक बड़े कदम के रूप में, भारत सरकार ने नए पासपोर्ट नियम शुरू किए हैं जो आपके पासपोर्ट के लिए आवेदन करने और उसका उपयोग करने के तरीके को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों का उद्देश्य प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, इसे अधिक सुरक्षित बनाना और समकालीन मानकों के अनुरूप बनाना है।
भारतीय पासपोर्ट नियम बदलाव से संबंधित मुख्य बिंदु
1. जन्म प्रमाण पत्र अब अनिवार्य: 1 अक्टूबर 2023 या उससे पहले जन्मे व्यक्ति के लिए अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया है क्योंकि पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में यह एकमात्र दस्तावेज हो सकता है।
2. स्थाई पते की डिजिटल कोडिंग: पासपोर्ट में अब स्थायी पता छापा नहीं जाएगा। इसकी जगह यह जानकारी डिजिटल बारकोड में होगी, जिसे केवल अधिकृत अधिकारी स्कैन करके देख सकेंगे। इससे व्यक्तिगत जानकारी अधिक सुरक्षित रहेगी।
3. पासपोर्ट में अब रंगों के आधार पर कोडिंग होगी।
4. माता-पिता के नाम का लोप: प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हुए पासपोर्ट से माता-पिता का नाम हटा दिया गया है। अब यह जानकारी पासपोर्ट पर नहीं छपेगी।
5. पासपोर्ट सेवा केन्द्रों का विस्तार: अगले 5 वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने का लक्ष्य रखा गया है।
पासपोर्ट क्यों ज़रूरी है?
किसी भी व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा करने के लिए पासपोर्ट एक अनिवार्य दस्तावेज़ है। बिना पासपोर्ट के किसी अन्य देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ की प्रक्रिया में हाल ही में भारत सरकार ने कई अहम बदलाव किए हैं।
पासपोर्ट में बड़ा बदलाव: पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होगा
1 अक्टूबर 2023 या उससे पहले जन्मे व्यक्ति के लिए अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है, क्योंकि पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में यह एकमात्र दस्तावेज़ हो सकता है। अब पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय जन्म प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। पहले जन्म तिथि को अन्य दस्तावेज़ों से भी प्रमाणित किया जा सकता था, लेकिन अब केवल जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। जन्म तिथि के प्रमाण को अधिक विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया गया है।
पासपोर्ट में घर के पते को गोपनीय रखने के लिए बड़ा बदलाव, अब डिजिटल बारकोड के रूप में होगा स्थाई निवास
गोपनीयता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब पासपोर्ट पर लिखा हुआ स्थायी पता हटा दिया जायेगा। इसकी जगह निवास स्थान की जानकारी एक बारकोड के रूप में डिजिटल रूप से जोड़ी जाएगी, जिसे केवल इमिग्रेशन अधिकारी ही स्कैन करके देख सकेंगे। इस बदलाव से पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी, जैसे उसका पता, आम लोगों की पहुँच से सुरक्षित रहेगा। अब पासपोर्ट देखने वाला कोई भी बाहरी व्यक्ति उस व्यक्ति के पते की जानकारी प्राप्त नहीं कर सकेगा। यह पहल डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।
रंगों के आधार पर पासपोर्ट की नई श्रेणियां, पहचान और प्रक्रिया दोनों होंगे आसान
पासपोर्ट को नई श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसका उद्देश्य पासपोर्ट धारकों की पहचान को सरल और अधिक व्यवस्थित बनाना है। पासपोर्ट श्रेणियाँ तीन रंगों में होंगी:
- सफेद पासपोर्ट: सरकारी अधिकारियों के लिए।
- लाल पासपोर्ट: राजनयिकों के लिए।
- नीला पासपोर्ट: आम नागरिकों के लिए।
इस रंग-कोड प्रणाली से विभिन्न प्रकार के पासपोर्ट धारकों की पहचान करना आसान हो जाएगा और आव्रजन प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी।
पासपोर्ट में नहीं होगा माता–पिता का नाम, प्राइवेसी को मिलेगी प्राथमिकता
प्राइवेसी को मजबूत करने के लिए पासपोर्ट से माता-पिता का नाम हटा दिया गया है। अब पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर अभिभावक का नाम नहीं छपेगा। यह बदलाव पर्सनल जानकारी को सीमित करने और प्राइवेसी के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
पासपोर्ट सेवाओं में सुधार, सरकार का लक्ष्य 600 सेवा केंद्रों का विस्तार
पासपोर्ट सेवाओं में सुधार करने के लिए सरकार ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विस्तार करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत अगले पांच सालों में 442 पासपोर्ट सेवा केंद्रों को बढ़ाकर 600 कर दिया जाएगा। इससे पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी और अधिक लोगों को पासपोर्ट सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। सरकार के इस कदम से पासपोर्ट बनवाने के इच्छुक नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
पासपोर्ट सेवाओं में बदलाव के मुख्य उद्देश्य
पासपोर्ट बनवाने की प्रकिया को तेज़, सरल, सुव्यवस्थित बनाना, जिससे नागरिकों को अधिक से अधिक सेवा का लाभ मिल सके। साथ ही पासपोर्ट सेवा केंद्रों को बढ़ाकर नागरिकों को नज़दीकी केंद्रों की सुविधाएं प्रदान करना है ।
भारतीय पासपोर्ट नियम बदलाव से संबंधित मुख्य FAQs
1 . वर्तमान में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या कितनी है?
उत्तर: वर्तमान में भारत में लगभग 442 पासपोर्ट सेवा केंद्र उपलब्ध हैं।
2 . अगले पांच साल में सरकार कितनी सेवा केंद्रों के विस्तार के लक्ष्य रख रही हैं?
उत्तर: अगले पांच साल में सरकार लगभग 600 सेवा केंद्रों के विस्तार का लक्ष्य रख रही हैं।
3 . नए सेवा केंद्र किन क्षेत्रों में खोले जाने की योजना है?
उत्तर :अधिकतर नए केंद्र छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में खोलने की योजना है, जहाँ अब तक यह सुविधा सीमित थी।
4. पासपोर्ट प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए क्या किया जा रहा है?
उत्तर: ऑनलाइन आवेदन, ट्रैकिंग सुविधा, और त्वरित (Tatkal) सेवा की शुरुआत की गई है।
5. सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ने से क्या लाभ होंगे?
उत्तर: लंबी वेटिंग लिस्ट, दूर यात्रा और देरी की समस्या में कमी आएगी।