दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही हैं और इस बार खास बात यह है कि पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी भी पहली बार मतदान करेंगे। मजनू का टीला जैसी पुनर्वास बस्तियों में रहने वाले ये शरणार्थी भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं। उनकी लंबित ख्वाहिशें अब पूरी होने जा रही हैं। इन शरणार्थियों के लिए यह चुनाव सिर्फ वोट डालने का मौका नहीं, बल्कि भारतीय नागरिक के रूप में उनकी पहचान का प्रतीक भी है। 2013 से दिल्ली में रह रहे इन परिवारों के लिए यह एक नई शुरुआत है। (स्रोत:जागरण न्यूज़)
पाकिस्तान के शरणार्थी पहली बार मतदान करेंगे, मुख्य बिंदु
1. दिल्ली में चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयार हैं और पाकिस्तान के शरणार्थी भी इस बार मतदान करेंगे।
2. पाकिस्तान शरणार्थियों में मतदान को लेकर भारी उत्साह है।
3. शरणार्थी स्थायी आवास और रोज़गार की मांग कर रहे हैं।
4. कई शरणार्थी भारत के विकास के लिए वोट देना चाहते हैं।
5. शरणार्थी सरकार से उनके बेहतर भविष्य की उम्मीद रखते हैं।
6. नागरिकता मिलने के बाद मजनूं का टीला तथा आदर्श नगर से 300 से अधिक लोगों ने किए मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन।
7. 10 वर्ष से अधिक के इंतज़ार के बाद मिली नागरिकता तो कानूनी तरीके से हुआ है आवेदन, कई जीवन में पहली बार करेंगे लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग।
8. अब कानूनी तरीके से भारत का नागरिक बनने पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही देश में पहली बार लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने जा रहे हैं।
पाकिस्तानी शर्णार्थियों को मिला भारत में मतदान करने का अधिकार
Delhi Election 2025 पाकिस्तान से 300 से अधिक हिंदू शरणार्थी हैं जो 10-13 वर्षों से अधिक समय से भारत में रह रहे हैं। सभी पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत उन्हें भारतीय नागरिकता मिली है। इन मतदाताओं में मतदान को लेकर काफी उत्साह का देखा जा रहा है।
नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) वह कानून है जो वर्ष 2019 में पारित हुआ, जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 2014 या उससे पहले से भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई को देश की नागरिकता देता है। इस वर्ष लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मई में नागरिकता प्रमाणपत्र बांटने का क्रम शुरू हुआ।
पाकिस्तानी शरणार्थियों का उत्साह
22 साल के सतराम ने कहा, “मैं 2013 से यहां रह रहा हूं और पहली बार मतदान करने के लिए उत्साहित हूं। यह हमारे संघर्ष और विश्वास का परिणाम है।”
स्थायी आवास की मांग
18 साल की मोहिनी ने बताया कि उसने आर्थिक कारणों से पढ़ाई छोड़ दी। वह सरकार से कौशल आधारित अवसरों की उम्मीद करती है। वहीं बलदेवी ने कहा कि वे यहां एक दशक से अधिक समय से यहां रह रही हैं और सरकार से स्थायी आवास की मांग करती हैं।
FAQs पाकिस्तानी शरणार्थी पहली बार करेंगे विधानसभा चुनाव में मतदान
1. क्या पाकिस्तानी शरणार्थी पहली बार मतदान कर रहे हैं?
हां, दिल्ली में रहने वाले पाकिस्तानी शरणार्थी पहली बार विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे। यह उनके लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता मिलने के बाद यह अधिकार प्राप्त हुआ है।
2. पाकिस्तानी शरणार्थियों को किस प्रकार का समर्थन मिल रहा है?
पाकिस्तानी शरणार्थी सरकार से स्थायी आवास, शिक्षा और रोजगार के अवसरों की मांग कर रहे हैं। कई शरणार्थियों ने उम्मीद जताई है कि उन्हें बेहतर जीवन और राजनीतिक भागीदारी के लिए समर्थन मिलेगा।
3. क्या शरणार्थियों का जीवन भारत में सहज रहा है?
नहीं, पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि अस्थायी आवास, शिक्षा, बिजली, और साफ-सफाई के मुद्दे। फिर भी, वे भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं।
4. पाकिस्तानी शरणार्थी नागरिकता के लिए आवेदन कब से कर रहे हैं?
पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी 2013 से दिल्ली में रह रहे हैं और उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था। अब उन्हें यह अधिकार मिल गया है और वे पहली बार चुनाव में मतदान करेंगे।
5. शरणार्थी सरकार से कौन-कौन सी मांगें कर रहे हैं?
शरणार्थी मुख्यतः स्थायी आवास, कौशल आधारित शिक्षा, और रोज़गार के अवसर की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे बेहतर जीवन स्तर और अपने बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
6. क्या शरणार्थियों का उत्साह मतदान में भाग लेने के लिए है?
हां, शरणार्थियों में मतदान को लेकर भारी उत्साह है। यह उनके लिए केवल वोट डालने का अवसर नहीं, बल्कि भारतीय नागरिकता का प्रतीक भी है, जिसे वे गर्व के साथ स्वीकार करते हैं।