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History

Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा

SA News
Last updated: November 27, 2024 4:10 pm
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Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा
Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा
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ओडिशा राज्य में DRDO ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। ध्वनि की गति से पाँच गुना तेज चलने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण बालासोर में किया गया है। यह भारत के लिए गर्व की एक बड़ी उपलब्धि है।
ओडिशा राज्य अपनी अनेक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य एक ओर ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है, तो दूसरी ओर यह आर्थिक और तकनीकी विकास का प्रतीक है। इस लेख में ओडिशा के पुरी से बालासोर तक के सफर का विस्तार से वर्णन किया गया है।

Contents
ओडिशा का संक्षिप्त परिचयओडिशा: भौगोलिक अवलोकन स्थान, सीमाएं और क्षेत्रफलप्राकृतिक भूभागनदियाँ एवं जलवायुखनिज और वनपुरी से बालासोर तक: ओडिशा का इतिहास प्राचीन इतिहासमध्यकालीन इतिहासआधुनिक इतिहासओडिशा की अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रओडिशा की आर्थिक चुनौतियाँOdisha In Hindi: शिक्षा, स्वास्थ्य और चुनौतियांशिक्षापुरी का‌ प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर जिला बालासोर और उसकी प्रसिद्धि ओडिशा की राजधानी क्या है?ओडिशा में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं? ओडिशा में कौन सा प्रमुख नदी है? ओडिशा का प्रमुख भाषाएँ क्या हैं?ओडिशा का क्षेत्रफल कितना है?ओडिशा में कितने जिले हैं?DRDO ने हाइपरसोनिक मिसाइल कहां टेस्ट किया?हाइपरसोनिक मिसाइल कितना तेज गति से चलती है?पूरी का जगन्नाथ मंदिर किनके आशीर्वाद से बना था?

ओडिशा का संक्षिप्त परिचय

  • गठन की तिथि: 1 अप्रैल, 1936
  • राजधानी: भुवनेश्वर
  • उच्च न्यायालय: कटक
  • कुल जिले: 30
  • विधानसभा क्षेत्र: 147
  • संसदीय क्षेत्र: 21
  • राजकीय भाषा: ओडिया
  • क्षेत्रफल: 155,707 वर्ग किमी
  • जनसंख्या (2011): 41,947,358
  • साक्षरता दर (2011): 72.9%

ओडिशा: भौगोलिक अवलोकन 

स्थान, सीमाएं और क्षेत्रफल

  • ओडिशा 17°49′ से 22°34′ उत्तर अक्षांश और 81°27′ से 87°29′ पूर्व देशांतर पर स्थित है।
  • इसके उत्तर में झारखंड और पश्चिम बंगाल, पश्चिम में छत्तीसगढ़, दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है।
  • कुल क्षेत्रफल 155,707 वर्ग किमी है, जो भारत का आठवां सबसे बड़ा राज्य है।

प्राकृतिक भूभाग

  • पश्चिमी और दक्षिणी ओडिशा पूर्वी घाट की पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
  • देवमाली राज्य की सबसे ऊँची चोटी है।
  • लगभग 480 किमी लंबा तटीय क्षेत्र समृद्ध समुद्री, लैगून और डेल्टा से घिरा है।
  • चिल्का झील, एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, यहीं स्थित है।

नदियाँ एवं जलवायु

  • महानदी, ब्राह्मणी, बैतरनी, और स्वर्णरेखा प्रमुख नदियाँ हैं।
  • महानदी डेल्टा और अन्य डेल्टा तटीय क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि प्रदान करते हैं।
  • ओडिशा की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है, जिसमें मार्च से जून गर्मी, जून से सितंबर भारी बारिश, और अक्टूबर से फरवरी ठंडा मौसम रहता है।

खनिज और वन

  • प्रमुख खनिज: लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला, क्रोमाइट।
  • लगभग 37% क्षेत्र वनों से आच्छादित है।
  • सिमिलिपाल नेशनल पार्क, सतकोसिया गॉर्ज, और चिल्का वाइल्डलाइफ सेंचुरी जैव विविधता के केंद्र हैं।

पुरी से बालासोर तक: ओडिशा का इतिहास 

प्राचीन इतिहास

  • प्राचीन काल में ओडिशा “कलिंग” के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा इसे “उत्कल” और “ओड्र” नाम से भी जाना जाता था, जिस कारण राष्ट्रीय गान ‘जन-गन-मन’ में उत्कल शब्द का जिक्र मिलता है‌ जो ओडिशा राज्य का बोध कराता है। महाभारत और अन्य प्राचीन ग्रंथों में भी कलिंग का उल्लेख मिलता है।
  • कलिंग अपने समुद्री व्यापार और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध था। यह दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापारिक संबंधों का प्रमुख केंद्र था।
  • मौर्य सम्राट अशोक ने 261 ईसा पूर्व में कलिंग पर आक्रमण किया। भीषण युद्ध होने कारण कलिंग में लाखों लोग मारे गए। इस युद्ध के बाद अशोक ने अहिंसा और बौद्ध धर्म को अपना लिया था।
  • खारवेल ओडिशा के चेदि वंश के महान राजा थे। उन्होंने अपनी सैन्य शक्ति और कला संरक्षक के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। उनके शासनकाल के दौरान ओडिशा सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से मजबूत हुआ।
  • प्राचीन काल में ओडिशा समुद्री व्यापार का केंद्र था। यहाँ से व्यापारिक जहाज दक्षिण-पूर्व एशिया, इंडोनेशिया, और श्रीलंका तक जाते थे।

मध्यकालीन इतिहास

  • 8वीं से 11वीं शताब्दी तक सोमवंशी शासकों ने ओडिशा पर शासन किया।
  • इसके बाद गंग वंश ने 11वीं से 15वीं शताब्दी तक शासन किया। गंग वंश के शासक अनंग भीम देव ने पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया।
  • इस काल में कोणार्क के सूर्य मंदिर (13वीं शताब्दी) जैसे अद्वितीय स्मारकों का निर्माण हुआ। ओडिशा की स्थापत्य कला ने भारतीय कला को नई ऊँचाई दी।
  • 13वीं से 15वीं शताब्दी के बीच ओडिशा पर दिल्ली सल्तनत और बंगाल के मुस्लिम शासकों ने आक्रमण किया।

आधुनिक इतिहास

  • भक्ति आंदोलन: 15वीं और 16वीं शताब्दी में ओडिशा भक्ति आंदोलन का केंद्र बन गया। संत चैतन्य महाप्रभु ने जगन्नाथ मंदिर के माध्यम से भक्ति का प्रचार किया।
  • अफगान और मराठा शासन: 16वीं शताब्दी में अफगानों ने ओडिशा पर कब्जा किया। बाद में मराठों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
  • ब्रिटिश शासन: 1803 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ओडिशा पर कब्जा कर लिया। अंग्रेजों ने यहाँ आर्थिक शोषण किया और जनजीवन को प्रभावित किया।
  • स्वतंत्रता संग्राम: ओडिशा ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी अहम भूमिका निभाई। जयराज गुरू और वीर सुरेन्द्र साई जैसे क्रांतिकारी स्वतंत्रता आंदोलन के नायक थे।
  • 1936 में ओडिशा का गठन: 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा को एक अलग प्रांत बनाया गया। यह भाषाई आधार पर गठित भारत का पहला राज्य था।

ओडिशा की अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र

  • कृषि पर निर्भरता: ओडिशा की लगभग 60% आबादी कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर निर्भर है। चावल, मक्का, दालें, तिलहन और गन्ना यहां की प्रमुख फसलें हैं। नारियल और मसाले व्यावसायिक फसलें हैं। ओडिशा भारत के चावल उत्पादक राज्यों में से एक है, इसे “भारत का चावल का कटोरा” भी कहा जाता है।
  • प्रमुख खनिज: लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला, क्रोमाइट, मैंगनीज और चूना पत्थर ओडिशा में पाएं जाते हैं। इसलिए खनन आय का प्रमुख स्रोत है। क्योंझर, सुंदरगढ़, जाजपुर और अंगुल खनन के प्रमुख क्षेत्र हैं। खनिज संसाधन ओडिशा में इस्पात, एल्यूमिनियम और ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।
  • स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादन के लिए ओडिशा प्रमुख राज्य है। राउरकेला स्टील प्लांट (RSP) भारत का पहला एकीकृत इस्पात संयंत्र है।‌ NALCO (नेशनल एल्युमीनियम कंपनी) और Vedanta Resources जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्र यहाँ स्थित हैं। पारादीप में उर्वरक और पेट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित हैं।
  • पुरी, कोणार्क, चिल्का झील, और सिमिलिपाल जैसे पर्यटन स्थलों ने ओडिशा की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है।
  • भुवनेश्वर राज्य का आईटी हब है, जहाँ कई आईटी कंपनियाँ काम करती हैं। पारादीप और गुप्तेश्वर जैसे बंदरगाहों के माध्यम से समुद्री व्यापार ओडिशा की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • ओडिशा भारत में कोयले से बिजली उत्पादन में अग्रणी है। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हीराकुंड बाँध और इंद्रावती परियोजना जैसे बड़े जल विद्युत संयंत्र बिजली उत्पादन में योगदान करते हैं।

ओडिशा की आर्थिक चुनौतियाँ

  • कृषि में मानसून पर अत्यधिक निर्भरता से किसान प्रभावित होते हैं।
  • देश के अन्य राज्यों की तुलना में गरीबी दर अधिक है।
  • तटीय क्षेत्र औद्योगिक रूप से विकसित हैं, जबकि आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र पिछड़े हुए हैं।
  • औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की कौशल प्रशिक्षण में कमी है।
  • ओडिशा अक्सर चक्रवात, बाढ़ और सूखे से प्रभावित रहता है, जिससे आर्थिक नुकसान होता है।

Odisha In Hindi: शिक्षा, स्वास्थ्य और चुनौतियां

शिक्षा

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ओडिशा की साक्षरता दर 72.9 फीसदी है।
  • पुरुषों की साक्षरता दर लगभग 79.6 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 60.7 फीसदी है।
  • ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तहत सभी बच्चों के लिए गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने की पहल जारी है।
  • ‘मिड-डे मील योजना’ के तहत प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पोषण और स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे है।
  • ‘गर्ल्स एजुकेशन प्रोग्राम’ लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है।
  • ‘डिजिटल लर्निंग’ के तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लास और डिजिटल सामग्री प्रदान की जा रही है।
  • स्कूलों और शिक्षकों की कमी अभी भी प्रमुख चुनौतियां बनी हुई है।
  • भाषा की बाधा, क्योंकि आदिवासी समुदायों की अपनी अलग भाषाएँ हैं जिसके कारण भी चुनौतियां बनी हुई है।
  • ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में योग्य शिक्षकों का अभाव भी एक चुनौती है।
  • सामाजिक व सांस्कृतिक कारणों से लड़कियों की शिक्षा बाधित होती है और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अध्ययन करना छोड़ना पड़ता है।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ हैं लेकिन इसके बावजूद, ओडिशा अभी भी स्वास्थ्य के कई मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से पीछे है।
  • राज्य की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च सीमित होता है।

पुरी का‌ प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर 

पुरी में जगन्नाथ मंदिर निर्माण को लेकर कई धारणाएं हैं। एक धारणा यह कि गंग वंश के शासक अनंग भीम देव ने जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया था। लेकिन दूसरी धारणा के मुताबिक इसे अवंती के राजा इंद्रद्युम्न ने बनवाया था। कृष्ण जी का अनन्य भक्त होने के कारण कृष्ण जी ने उन्हें मंदिर निर्माण का स्वप्न दिया था। उसके पश्चात राजा ने मंदिर निर्माण करवाया। लेकिन समुद्र ने पांच बार मंदिर तोड़ा था और राजा ने पांच बार मंदिर निर्माण करवाया था। अंततः राजा के आग्रह के कारण कबीर परमेश्वर ने समुद्र को अपनी शक्ति से रोक दिया, फिर राजा ने मंदिर निर्माण करवाया जो कबीर परमेश्वर के आशीर्वाद से आज तक सलामत हैं।

जिला बालासोर और उसकी प्रसिद्धि 

ओडिशा का बालासोर जिला एक तटीय क्षेत्र है। 1828 में बालासोर को एक अलग जिला का दर्जा मिला। तटीय क्षेत्र होने से यह जिला लोगों के आकर्षण और मनोरंजन का केंद्र है। लोग यहां भ्रमण करने लिए आते हैं।

बालासोर शहर DRDO के प्रशिक्षण के लिए भी जाना जाता है। हाल ही DRDO ने हाइपरसोनिक मिसाइल की टेस्टिंग कर इतिहास रच दिया है। 

India has achieved a major milestone by successfully conducting flight trial of long range hypersonic missile from Dr APJ Abdul Kalam Island, off-the-coast of Odisha. This is a historic moment and this significant achievement has put our country in the group of select nations… pic.twitter.com/jZzdTwIF6w

— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 17, 2024

हाइपरसोनिक मिसाइल आवाज की गति से पांच गुना अधिक तेज गति से चलने वाली मिसाइल है और मैक5 के नाम से भी जानी जाती है। यह मिसाइल 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने में सक्षम है।

Odisha In Hindi: FAQS

ओडिशा की राजधानी क्या है?

भुवनेश्वर।

ओडिशा में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?

जगन्नाथ मंदिर, पुरी।

ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?

पुरी, कोणार्क, कटक, चिलिका झील।

 ओडिशा में कौन सा प्रमुख नदी है?

महानदी।

 ओडिशा का प्रमुख भाषाएँ क्या हैं?

ओडिया।

ओडिशा का क्षेत्रफल कितना है?

155,707 वर्ग किमी।

ओडिशा में कितने जिले हैं?

30 जिले।

DRDO ने हाइपरसोनिक मिसाइल कहां टेस्ट किया?

ओडिशा के बालासोर जिला में।

हाइपरसोनिक मिसाइल कितना तेज गति से चलती है?

आवाज की गति से पांच गुना अधिक तेज गति से हाइपरसोनिक मिसाइल चलती है।

पूरी का जगन्नाथ मंदिर किनके आशीर्वाद से बना था?

कबीर परमेश्वर जी के आशीर्वाद से।

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