नई दिल्ली, 21 नवंबर 2025: केंद्र सरकार ने आज से देशभर में चार नए लेबर कोड्स (New Labour Codes) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि “यह हर वर्कर के सम्मान की मोदी सरकार की गारंटी है।” इन कोड्स के साथ देश के 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह अब चार एकीकृत कोड्स लागू होंगे, जिससे वर्कफोर्स को एक संरचित, पारदर्शी और सुरक्षित कार्य वातावरण मिलेगा।
New Labour Codes 2025: मुख्य बिंदु
- New Labour Codes लागू: 21 नवंबर 2025 से बदले श्रमिकों के नियम, जानें पूरी जानकारी
- New Labour Codes 2025: नए लेबर कोड्स के 9 बड़े बदलाव और फायदे, हर वर्कर को मिलेगा सीधा लाभ
- नए लेबर कोड्स 2025: सरकारी स्टडी में मिले पॉजिटिव नतीजे- सुरक्षा बढ़ी, पारदर्शिता आई, विवादों में कमी
- OSHWC Code 2025: जोखिम वाले सेक्टर के कामगारों को अब 100% हेल्थ सिक्योरिटी और सख्त सेफ्टी मानक
- New Labour Reforms 2025: भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम
- New Labour Codes 2025: कर्मचारियों के अधिकार, सामाजिक सुरक्षा और रोजगार पर होंगे बड़े बदलाव
आज से लागू हुए चार नए लेबर कोड्स
सरकार ने जिन चार कोड्स को 21 नवंबर 2025 से लागू कर दिया है, वे हैं –
- मजदूरी पर कोड (2019)
- इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020)
- सोशल सिक्योरिटी पर कोड (2020)
- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस (OSHWC) कोड (2020)
ये कोड्स देशभर में श्रम कानूनों की जटिल व्यवस्था को सरल, स्पष्ट और एकरूप बनाने के उद्देश्य से तैयार किए गए थे।
नए लेबर कोड्स के मुख्य फायदे: कौन-कौन से बदलाव होंगे?
- सभी वर्कर्स को समय पर Minimum Wages की गारंटी:-
- नए कोड के तहत हर प्रकार के वर्कर को समय पर मिनिमम वेजेस मिलना अनिवार्य होगा।
- भुगतान में होने वाली देरी पर अब और सख्त कार्रवाई होगी।
- यह उद्योगों, MSME सेक्टर और गिग प्लेटफॉर्म्स में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ा राहत कदम है।
- युवाओं को Appointment Letter अनिवार्य
- पहली बार हर नए कर्मचारी को अनिवार्य अप्वाइंटमेंट लेटर देना होगा, जिससे उनका रोजगार आधिकारिक रूप से रिकॉर्ड में आएगा और भविष्य के विवादों में उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
- महिलाओं के लिए एक समान वेतन और मजबूत सुरक्षा
नए कोड्स महिलाओं के लिए कई सुधार लाते हैं—
Equal Pay for Equal Work अब और अधिक सख्ती से लागू।
- 26 हफ्तों की Paid Maternity Leave की पुष्टि।
- वैकल्पिक वर्क-फ्रॉम-होम मॉडल का प्रावधान।
- क्रेच सुविधा सुनिश्चित करना अनिवार्य।
- 3500 रुपये मेडिकल बोनस का लाभ।
- परिवार की परिभाषा विस्तारित – “अब सास-ससुर भी परिवार में शामिल,” जिससे सोशल सिक्योरिटी कवरेज बढ़ेगा।
- 40 करोड़ वर्कर्स को Social Security कवरेज
मनसुख मंडाविया के अनुसार नए कोड्स से लगभग 40 करोड़ वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इसमें शामिल हैं-
EPF
ESI
ग्रेच्युटी
इंश्योरेंस
पेंशन
Also Read: 2025 से लागू होगा नया Labour Code 2025: 4-Day Work Week, PF और वेतन संरचना में बदलाव
- पहली बार Gig & Platform Workers को कानूनी पहचान
- स्विगी, जोमैटो, उबर, ओला, ई-कॉमर्स और डिलीवरी सेक्टर के वर्कर्स के लिए यह ऐतिहासिक सुधार है।
- गिग वर्कर्स के लिए बड़े बदलाव:
एग्रीगेटर्स कंपनियों को 1–2% टर्नओवर सोशल सिक्योरिटी फंड में डालना होगा।
- यह राशि कुल वेतन भुगतान के 5% तक सीमित होगी।
- वर्कर्स को इंश्योरेंस, पेंशन और हेल्थ बेनेफिट्स का लाभ मिलेगा।
- घर और कार्यस्थल के बीच यात्रा के दौरान हादसा होने पर इसे employment-related accident माना जाएगा।
- 40+ उम्र वाले सभी वर्कर्स के लिए मुफ्त हेल्थ चेकअप
- 40 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारियों को फ्री वार्षिक हेल्थ चेकअप मिलेगा।
- यह उद्योगों में स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाएगा।
- ओवरटाइम पर दोगुनी मजदूरी
- अब कर्मचारियों को ओवरटाइम करने पर दोगुना वेज भुगतान मिलेगा।
- यह प्रावधान मजदूरों को आर्थिक सुरक्षा और श्रम शोषण पर रोक दोनों सुनिश्चित करेगा।
- एक वर्ष की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का अधिकार
- पहले 5 वर्ष की सेवा अनिवार्य थी। अब नए कोड के तहत 1 साल की निरंतर सेवा के बाद भी कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा।
- यह विशेष रूप से कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए बड़ा लाभ है।
- Universal Account Number (UAN) की नई प्रणाली
- सरकार ने हर वर्कर के लिए आधार लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की घोषणा की है। इससे कर्मचारी किसी भी राज्य में जाए, नौकरी बदले या कंपनी बदले, फिर भी उसकी सभी वेल्फेयर स्कीमें अब निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
- स्टडी में मिले पॉजिटिव रिजल्ट
- सरकार ने नए कोड्स के प्रभाव को समझने के लिए कई राज्यों में अध्ययन किया, जिनमें शामिल हैं –
- आंध्र प्रदेश
- गुजरात
- हरियाणा
- महाराष्ट्र
- पंजाब
- बिहार
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
अध्ययन में पाया गया कि :-
- कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ी है,
- ओवरटाइम और वेतन व्यवस्था में पारदर्शिता आई है,
- उद्योगों में अनुपालन आसान हुआ है,
- श्रम विवादों में कमी दर्ज की गई है।
कामगारों की सुरक्षा: OSHWC कोड के तहत 100% Health सिक्योरिटी
- जो वर्कर्स खदान, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, भारी मशीनरी जैसे जोखिम वाले सेक्टर में काम करते हैं, उन्हें पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी।
- कंपनियों को सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा।
भारत के विकास लक्ष्य में बड़ा योगदान
सरकार का दावा है कि ये लेबर रिफॉर्म्स आत्मनिर्भर भारत मिशन और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य, दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। 2020 में पारित होने के बाद लगभग 5 वर्षों तक इनके लागू होने में देरी राज्य-स्तरीय नियमावली तैयार न होने के कारण हुई थी। अब सारी तैयारी पूरी होने पर इन्हें देशभर में लागू कर दिया गया है।
New Labour Codes 2025: रोजगार, सुरक्षा और विकास पर क्या होगा बड़ा प्रभाव?
New Labour Codes 2025 के लागू होने से भारत की श्रम प्रणाली में 75 वर्षों बाद सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। कर्मचारियों की सुरक्षा, महिला वर्कर्स के अधिकार, गिग-वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी और उद्योगों के लिए सरल नियम – सभी क्षेत्रों में इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
ये सुधार न सिर्फ कार्यस्थल को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाएंगे, बल्कि भारत की आर्थिक विकास यात्रा को भी नई गति प्रदान करेंगे।

