SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » कैश कांड में जस्टिस वर्मा पर महाभियोग: लोकसभा में प्रस्ताव पास, 3 सदस्यीय समिति गठित

National

कैश कांड में जस्टिस वर्मा पर महाभियोग: लोकसभा में प्रस्ताव पास, 3 सदस्यीय समिति गठित

SA News
Last updated: August 12, 2025 2:22 pm
SA News
Share
कैश कांड में जस्टिस वर्मा पर महाभियोग लोकसभा में प्रस्ताव पास, 3 सदस्यीय समिति गठित
SHARE

कैश कांड (Cash Scandal) में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा ने मंगलवार को महाभियोग ( Impeachment)  प्रस्ताव मंजूर कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि उन्हें 146 सांसदों (सत्ता व विपक्ष दोनों) के हस्ताक्षर सहित प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसमें जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की मांग की गई थी। प्रस्ताव मिलने के बाद उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों (Constitutional Provisions) और न्यायाधीश जांच अधिनियम (Judges Inquiry Act) का अध्ययन करने के बाद जांच समिति (Inquiry Committee)गठित करने का निर्णय लिया।

Contents
  • तीन सदस्यीय समिति का गठन
  • आरोपों की जड़ में क्या है मामला?
  • न्यायपालिका के भीतर से कार्रवाई की शुरुआत
  • समयरेखा (Timeline)
  • संविधान का अनुच्छेद 124 क्या कहता है?
  • जांच समिति के कार्य
  • जस्टिस वर्मा का पक्ष
  • इस मामले का महत्व
  • न्यायपालिका में पारदर्शिता की ओर एक सख्त कदम
  • भ्रष्टाचार से मुक्ति का एकमात्र मार्ग – सच्ची भक्ति
  • FAQs on जस्टिस वर्मा महाभियोग मामला

तीन सदस्यीय समिति का गठन

स्पीकर बिड़ला ने बताया कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जज, एक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और एक वरिष्ठ कानूनविद (Senior Jurist) की 3 सदस्यीय समिति बनाई गई है।

जस्टिस अरविंद कुमार – सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव – मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

एडवोकेट बी.वी. आचार्य – वरिष्ठ कानूनविद

समिति इन आरोपों की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच करेगी और रिपोर्ट आने तक महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा।

आरोपों की जड़ में क्या है मामला?

जांच  दस्तावेज़ (Investigation Documents) और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 मार्च 2025 को दिल्ली स्थित जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास में देर रात आग लग गई थी। आग बुझाने के दौरान दिल्ली फायर सर्विस ने स्टोर रूम से जले हुए ₹500 के नोटों (Burnt Currency Notes) के बंडल बरामद किए।

आरोप है कि यह रकम कैश कांड से जुड़ी हुई थी।

21 मार्च को मीडिया में खबर आई कि करीब ₹15 करोड़ की राशि बरामद हुई, हालांकि जस्टिस वर्मा ने इसे साजिश बताया और कैश बरामदगी से इनकार किया।

न्यायपालिका के भीतर से कार्रवाई की शुरुआत

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले में इन-हाउस प्रक्रिया (In-House Procedure)  के तहत जांच कराई।

रिपोर्ट में आरोपों को गंभीर पाया गया और इसे तत्कालीन CJI के पास भेजा गया।

CJI ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की।

समयरेखा (Timeline)

1. 14 मार्च 2025 – दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग, जले हुए नोट मिले।

2. 21 मार्च 2025 – मीडिया में ₹15 करोड़ बरामदगी की खबर।

3. 22 मार्च 2025 – सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम (Supreme Court Collegium)  ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में ट्रांसफर किया।

4. 3–4 मई 2025 – जांच समिति ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी।

5. 8 मई 2025 – CJI ने पीएम और राष्ट्रपति को महाभियोग की सिफारिश भेजी।

6. 19 मई 2025 – विस्तृत रिपोर्ट में आलीशान जीवनशैली और आय में असंगति का उल्लेख।

7. 12 अगस्त 2025 – लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पास।

संविधान का अनुच्छेद 124 क्या कहता है?

सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज को केवल सिद्ध दुराचार या अयोग्यता के आधार पर ही हटाया जा सकता है।

इसके लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत (Two-Third Majority) से प्रस्ताव पास होना जरूरी है।

प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा हटाने की कार्रवाई की जाती है।

जांच समिति के कार्य

  • भ्रष्टाचार और कैश कांड से जुड़े सबूतों की जांच।
  • गवाहों के बयान दर्ज करना।
  • फॉरेंसिक व वित्तीय रिकॉर्ड का विश्लेषण।
  • रिपोर्ट में यह स्पष्ट करना कि आरोप प्रमाणित हैं या नहीं।

जस्टिस वर्मा का पक्ष

  • जस्टिस वर्मा ने सभी आरोपों को निराधार और राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा:
  • उनके घर से कोई नकदी बरामद नहीं हुई।
  • आग की घटना संदिग्ध है और उन्हें फंसाने की कोशिश है।
  • वे जांच में पूरा सहयोग देंगे।

इस मामले का महत्व

यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास के कुछ चुनिंदा मामलों में से एक है, जिसमें लोकसभा ने महाभियोग प्रस्ताव पारित किया है।

मामला न्यायपालिका की साख, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था के लिए एक मिसाल बन सकता है।

न्यायपालिका में पारदर्शिता की ओर एक सख्त कदम

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव का पारित होना यह दर्शाता है कि न्यायपालिका से जुड़े गंभीर आरोपों पर भी संवैधानिक प्रक्रिया के तहत कठोर कार्रवाई संभव है। यह कदम न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में मिसाल है, बल्कि यह जनता को यह भरोसा भी देता है कि न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा। निष्पक्ष जांच और समयबद्ध कार्रवाई से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होंगी और संस्थानों की साख बनी रहेगी।

भ्रष्टाचार से मुक्ति का एकमात्र मार्ग – सच्ची भक्ति

जब मनुष्य के जीवन से परमात्मा का भय समाप्त हो जाता है, तब वह अपने पद, शक्ति और अवसर का दुरुपयोग करने लगता है। यही कारण है कि समाज में भ्रष्टाचार, लालच और अन्याय बढ़ते हैं। यह भय केवल सच्ची भक्ति से उत्पन्न होता है, जो आत्मा को पवित्र और मन को संयमित करती है। संत रामपाल जी महाराज जी अपने सतज्ञान द्वारा मनुष्य को सही-गलत का बोध कराते हैं और ऐसा जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं, जिसमें पाप की कोई गुंजाइश न रहे। वास्तविक समाधान जानने के लिए अभी विजिट करें 

 Website www.jagatgururampalji.org 

FAQs on जस्टिस वर्मा महाभियोग मामला

Q1. जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव क्यों लाया गया?

आरोप है कि उनके सरकारी आवास में आग लगने पर जले हुए ₹500 के नोट मिले, जिनकी राशि लगभग ₹15 करोड़ बताई गई, साथ ही भ्रष्टाचार और आय में असंगति के आरोप हैं।

Q2. महाभियोग प्रस्ताव किसने मंजूर किया?

लोकसभा ने 146 सांसदों (सत्ता और विपक्ष दोनों) के हस्ताक्षरों के आधार पर महाभियोग प्रस्ताव पारित किया।

Q3. जांच समिति में कौन-कौन शामिल हैं?

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और वरिष्ठ कानूनविद बी.वी. आचार्य।

Q4. संविधान के तहत जज को कैसे हटाया जा सकता है?

अनुच्छेद 124 के अनुसार, दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से सिद्ध दुराचार या अयोग्यता पर ही जज को हटाया जा सकता है।

Q5. इस मामले का महत्व क्या है?

यह मामला न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सख्त कदम माना जा रहा है।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love1
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
BySA News
Follow:
Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.
Previous Article किसानों के लिए खुशखबरी, 35 लाख किसानों के लिए जारी हो गया फसल बीमा का पैसा, चेक करें अकाउंट किसानों के लिए खुशखबरी, 35 लाख किसानों के लिए जारी हो गया फसल बीमा का पैसा, चेक करें अकाउंट
Next Article तनाव से निपटने के साइंटिफिक तरीके: छोटे कदम, बड़ा बदलाव तनाव से निपटने के साइंटिफिक तरीके: छोटे कदम, बड़ा बदलाव
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

दिल्ली का सियासी पारा: विकासपुरी में अरविंद केजरीवाल पर हमला, सियासी बयानबाजी तेज

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2024 – पश्चिम दिल्ली के विकासपुरी इलाके में शुक्रवार को आम…

By SA News

विटामिन B12 की कमी: 57% कॉर्पोरेट पेशेवर प्रभावित, जानें बचाव के उपाय

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि भारत में 57% से…

By SA News

EMRS Recruitment 2025: 7267 पदों पर वैकेंसी, जानिए आवेदन प्रक्रिया, योग्यता और शुल्क

EMRS Recruitment 2025: अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं और शिक्षा या प्रशासनिक…

By SA News

You Might Also Like

Modern Train, Ancient Problem Is Vande Bharat a Failure
NationalTravel

Modern Train, Ancient Problem: Is Vande Bharat a Failure?

By SA News
President Appoints Five New Governors Ajay Kumar Bhalla For Manipur & Others For Kerala, Mizoram, Odisha & Bihar
National

President Appoints Five New Governors: Ajay Kumar Bhalla For Manipur & Others For Kerala, Mizoram, Odisha & Bihar

By SA News
प्रधानमंत्री की डिग्री के मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका
National

प्रधानमंत्री की डिग्री के मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका

By SA News
Union Cabinet Approves MSP Hike For Rabi Crops For 2025-26 Marketing Season
National

Union Cabinet Approves MSP Hike For Rabi Crops For 2025-26 Marketing Season

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2025 | All rights reserved.