यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के बीच, अब लेबनान में भी इजरायल के खिलाफ एक और जंग का ऐलान हो गया है। हालिया हमलों में पेजर और वाॅकी-टाॅकी सिस्टम को निशाना बनाया गया, जिसके बाद हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का ग़ुस्सा फूट पड़ा। नसरल्लाह ने कहा, “इजराइली दुश्मन ने हमारे कई पेजर्स को निशाना बनाया है, यह बर्बरता हर हद को पार कर चुकी है।”
मुख्य बिंदु: पेजर और वाॅकी-टाॅकी में हमले
- लेबनान में हुए विस्फोटों से सैकड़ों लोग ज़ख़्मी, 37 की मौत
- हसन नसरल्लाह ने वाॅकी-टाॅकी में हुए हमलों पर गंभीर सवाल खड़े किए
- आखिर इस हमले के पीछे कौन है?
- हमले के बाद हसन नसरल्लाह का बड़ा बयान
- 55 लाख लेबनानी लोग पेजर और वाॅकी-टाॅकी के हमलों से परेशान
लेबनान में हुए विस्फोट से प्रभावित लोग
हिज्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह ने 17 और 18 सितंबर को हुए विस्फोटों पर खुलासा किया कि इन हमलों में 3,000 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं और करीब 37 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। नसरल्लाह ने कहा कि ये विस्फोट अस्पतालों, बाज़ारों, दुकानों, घरों और फार्मेसियों में हुए, जहां नागरिक मौजूद थे। उन्होंने बताया कि लगभग 4,000 पेजर्स को निशाना बनाया गया और इन हमलों का असल मक़सद 4,000 लोगों की जान लेना था।
हसन नसरल्लाह के सवाल
इन हमलों पर नसरल्लाह ने कई अहम सवाल उठाए। उनका कहना था, “क्या हम इस बर्बरता को एक बड़ा ऑपरेशन मानें या इसे एक नरसंहार समझें? ये हर तरह के इंसानी उसूलों के खिलाफ़ है।”
आखिर हमले के पीछे कौन है?
हिज्बुल्लाह चीफ ने इजराइल को इस हमले का जिम्मेदार ठहराया। नसरल्लाह का कहना है कि इजरायली सेना ने पेजर सिस्टम पर हमला किया और इसके पीछे उसकी सोची-समझी साजिश है। हिज्बुल्लाह ने इस हमले का बदला लेने की कसम खाई है। नसरल्लाह ने बयान दिया, “इजराइली दुश्मन ने कई पेजर को निशाना बनाया है, और अब वक्त आ गया है कि इसका जवाब दिया जाए।”
हमले के बाद नसरल्लाह का बड़ा बयान
नसरल्लाह ने हमले के बाद कहा, “ये जंग का ऐलान है। हमें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है, लेकिन अब हालात जंग की तरफ़ बढ़ चुके हैं। इस तजुर्बे के बाद हम और मज़बूत बनकर उभरेंगे।” नसरल्लाह ने इजरायल को चुनौती देते हुए कहा कि “लेबनानी मोर्चा तब तक खामोश नहीं बैठेगा, जब तक ग़ज़ा पर जंग जारी है।”
लेबनान के 55 लाख लोग पेजर और वाॅकी-टाॅकी विस्फोटों से परेशान
लेबनान के लोग सवाल कर रहे हैं, “आखिर हम जाएं तो जाएं कहां?” घर में रहें तो पेजर में धमाका हो सकता है, बाहर जाएं तो कार रेडियो, वाॅकी-टाॅकी या स्कूटर में विस्फोट का ख़तरा है। हर तरफ़ मौत का ख़ौफ छाया हुआ है।
17 सितंबर को सबसे पहले उन पेजर्स में धमाके हुए जिनका इस्तेमाल हिज्बुल्लाह के आतंकवादी कर रहे थे। पेजर्स को खोलकर लोगों में फेंक दिया गया। इसके बाद, 18 सितंबर को कार रेडियो, वाॅकी-टाॅकी, लैपटॉप और घरों में भी धमाके शुरू हो गए। लोगों में खौफ इतना बढ़ गया है कि वे अब अपने घरों में जाने से डर रहे हैं और सड़कों पर इधर-उधर भटक रहे हैं। इसी बीच, इजरायल ने भी लेबनान पर मिसाइल हमला कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए।