Landslide in Vaishno Devi: वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर लैंडस्लाइड, 2 श्रद्धालुओं की मौत; 1 घायल
जम्मू-कश्मीर (Landslide in Vaishno Devi) के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर सोमवार को लैंडस्लाइड हो गया। लैंडस्लाइड होने से यहां काफी नुकसान हुआ है। इस हादसे में दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई है तो वहीं एक लड़की गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है। घायल लड़की को अस्पताल पहुंचाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर सोमवार को भूस्खलन होने से दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई है जबकि एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि भवन से तीन किलोमीटर पहले पंछी के पास मार्ग पर दोपहर करीब 2.35 बजे भूस्खलन हुआ, जिससे ऊपर बने लोहे के ढांचे का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। भूस्खलन के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया और इस हादसे में घायल लड़की को अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर के नए ट्रैक पर भूस्खलन में दो महिला तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई।
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इन महिला श्रद्धालुओं की पहचान नेहा (30 वर्षीय) पत्नी अमित निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश जबकि दूसरी महिला श्रद्धालु की पहचान सपना (25 वर्षीय) पत्नी अमित कुमार निवासी गुरदासपुर पंजाब के रूम में हुई है जबकि इस हादसे में गंभीर रूप से घायल लड़की को गहरी खाई से निकलकर उपचार के लिए श्राइन बोर्ड के नारायण अस्पताल में रवाना कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, ऊपर बने लोहे के ढांचे का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी भूस्खलन के बाद वे लोहे के ढांचे के नीचे फंस गए।
बता दें साल 2022 में नव वर्ष के दिन मंदिर में भगदड़ में 12 यात्रियों की मौत हो गई थी और 16 घायल हो गए थे।
माता वैष्णो देवी का मंदिर भारत के पवित्र स्थानों में से एक पवित्र स्थान है। इस स्थान पर भारत ही नहीं दुनिया के कोने-कोने से बड़ी ही श्रद्धा से श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं। यह यात्रा पूरे साल खुली रहती है। गर्मियों की छुट्टी पड़ते ही यह श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है और अगर बात करें नवरात्रों की तो पैर रखने की भी जगह नहीं होती है। धार्मिक मान्यता है की मां वैष्णो देवी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक भक्त भैरव घाटी जाकर मंदिर में भैरव बाबा के दर्शन ना कर ले। देखा जा रहा है कि कलयुग में तीर्थ स्थान में यात्रियों के मरने की खबर दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।
प्रश्न यह उड़ता है कि आज का श्रद्धालु शास्त्र अनुसार भक्ति भी कर रहा है या नहीं? यह प्रश्न इसलिए उठता है क्योंकि आज कोई भी सुखी नहीं है; चाहे वह राजा हो या रंक, सभी दुखी हैं। किसी को राज की चिंता है, किसी को पैसे की, किसी को पुत्र की, किसी को स्वास्थ्य की!