Kabir Saheb Prakat Diwas 2025 Live Update: कबीर साहेब जी के 628 वें प्रकट दिवस के लाइव अपडेट आपको यहाँ मिलेंगे। बने रहें SA News के साथ।
कबीर प्रकट दिवस परमात्मा कबीर साहेब के धरती पर अवतरित होने के अवसर पर मनाया जाता है। परमात्मा कबीर साहेब भारत में उत्तर प्रदेश के काशी में लहरतारा तालाब पर एक कमल के फूल पर अवतरित हुए थे। जिन्हे नीरू-नीमा वहां से उठाकर घर ले गए थे जो कि उनके मुँह बोले माता-पिता थे। लोकवेद के कारण कबीर परमेश्वर जी को पूरी दुनिया एक जुलाहा, कवि या संत मानती है।
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लेकिन पवित्र वेद कबीर परमेश्वर जी की महिमा गाते हैं। पवित्र ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 94, मन्त्र 1 और मण्डल 9 सूक्त 96 मन्त्र 17 से 20 में लिखा है कि वह परमेश्वर इस धरती पर सहशरीर आते हैं और अपना ज्ञान दोहों व लोकोक्तियों के माध्यम से बताते हैं। इस वर्ष Kabir Saheb Prakat Diwas 11 June को है। कबीर प्रकट दिवस 2025 के उपलक्ष्य में नेपाल सहित भारत के 12 सतलोक आश्रमों में 9 से 11 जून तक मनाया जाएगा, जिसके लाइव अपडेट आपको यहाँ मिलेंगे।
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यह वीडियो दिल्ली के सतलोक आश्रम मुंडका में कबीर साहेब के 628वें प्रकट दिवस समारोह के बारे में है, जिसे 9, 10 और 11 जून को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया था [01:10]। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया [01:03, 02:12]।
वीडियो में निम्नलिखित पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है:
आध्यात्मिक महत्व: भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि ये सभी व्यवस्थाएँ संत रामपाल जी महाराज और कबीर परमात्मा के आशीर्वाद से संभव हुई हैं [01:47, 04:04]। उनका मानना है कि संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में ‘सतयुग’ (स्वर्ण युग) का आगमन हो रहा है, जहाँ भाईचारा और प्रेम प्रमुख हैं [12:48, 13:35]। आश्रम ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ (भोजन, वस्त्र और आश्रय) प्रदान करके गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए समर्पित है [07:15, 07:48]।
भोजन व्यवस्था: आश्रम में 24 घंटे देसी घी से बना स्वादिष्ट ‘भंडारा’ (सामुदायिक रसोई) चलता रहा, जिसकी आपूर्ति कभी खत्म नहीं होती [03:31, 03:50]। यह व्यवस्था इतनी विशाल थी कि इसे ‘परमात्मा का भंडारा’ बताया गया, जिसे दुनिया के लिए भगवान द्वारा संचालित एक चमत्कार माना जाता है [00:26, 03:38]।
सुविधाएँ और प्रबंधन: गर्मी के मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी [02:18, 02:55]। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग रहने, खाने और नहाने की व्यवस्था थी [02:22, 02:52]। कार्यक्रम स्थल पर उत्कृष्ट स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखा गया, यहाँ तक कि प्रशासन की मदद के बिना भी [04:09, 10:42]।
सामाजिक पहल: कार्यक्रम के दौरान रक्तदान और देहदान शिविर आयोजित किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया [10:25, 10:30]। 19 से अधिक दहेज-मुक्त विवाह (‘रमणी’) भी संपन्न हुए [10:39]। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य समाज से दहेज और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करना है [17:01]।
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सत्संग और आरती: इस समारोह में सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन) और आरती (दीपकों के साथ एक भक्ति अनुष्ठान) शामिल हैं। प्रवचन में अपने गुरु में पूरी आस्था रखने पर जोर दिया गया है।
समारोह विवरण: इस इवेंट में कबीर साहेब के 628वें प्रकट दिवस को मनाने के लिए भंडारा (सामुदायिक भोजन) और सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन) शामिल हैं।
भंडारे की तैयारियाँ: स्वयंसेवक भंडारे के लिए बूंदी, जलेबी, मिश्रित सब्जियां, कढ़ी, चावल, हलवा, सलाद, चपाती (फुलका राम), और मिर्च का अचार सहित विभिन्न व्यंजन तैयार करते हुए दिखाई देते हैं। भोजन को पहले अटेंडीज़ को वितरित किए जाने से पहले कबीर साहेब को “भोग” के रूप में अर्पित किया जाता है।
वित्तीय सहायता: भंडारे और व्यवस्थाओं के लिए सभी खर्च संत रामपाल जी महाराज द्वारा उठाए जाते हैं, इस बात पर जोर दिया जाता है कि यह भक्तों से दान पर निर्भर नहीं है, हालांकि भक्त स्वैच्छिक रूप से योगदान कर सकते हैं।
भक्तों के लिए सहायता: आयोजक अन्य यूरोपीय देशों या बेल्जियम के दूर के हिस्सों से आने वाले भक्तों के लिए मुफ्त परिवहन प्रदान करते हैं, उन्हें नजदीकी ट्रेन या बस स्टेशन से उठाते हैं।
आध्यात्मिक पहुँच: इस इवेंट का उद्देश्य संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं का प्रचार करना और लोगों को आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि अधिक लोग उनके आध्यात्मिक मार्ग में शामिल होंगे।
संत रामपाल जी महाराज की उपस्थिति में विश्वास: संत रामपाल जी महाराज के जेल में होने के बावजूद, भक्तों का मानना है कि वे सर्वव्यापी हैं और विश्व भर में अपने 11 आश्रमों और 500 से अधिक आध्यात्मिक केंद्रों का प्रबंधन करते रहते हैं।
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वीडियो में कबीर साहिब जी के प्रकट दिवस समारोह का वर्णन किया गया है, जो राजस्थान के पाली जिले में सतलोक आश्रम सोजत में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 9, 10 और 11 जून 2025 को मनाया जा रहा है।
वीडियो में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं को शामिल किया गया है:
- कबीर जी का वास्तविक जन्म: वीडियो कबीर जी की वाणियों का उल्लेख करता है, जिसमें वे बताते हैं कि उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ और उनके कोई माता-पिता नहीं थे, बल्कि वे सीधे सतलोक से आए थे। उन्हें पूर्ण परमात्मा और ब्रह्मांड का रचयिता बताया गया है.
- समारोह स्थल: समारोह सतलोक आश्रम, सोजत, पाली, राजस्थान में हो रहा है. वीडियो में आश्रम के भव्य प्रवेश द्वार को दिखाया गया है, जिस पर कार्यक्रम की तारीखें और संत रामपाल जी महाराज का नाम अंकित है.
- यातायात और पार्किंग व्यवस्था: संत रामपाल जी महाराज द्वारा श्रद्धालुओं के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप से आश्रम तक मुफ्त बस सेवा की व्यवस्था की गई है, जिसमें भोजन और वापस छोड़ने की सुविधा भी शामिल है. पार्किंग की विशाल और सुव्यवस्थित व्यवस्था दिखाई गई है, जिसमें वॉलंटियर्स झंडे लेकर गाड़ियों को सही तरीके से पार्क करवा रहे हैं, ताकि कोई अव्यवस्था या ट्रैफिक जाम न हो.
- आयोजन का पैमाना: वीडियो में महिलाओं के लिए अलग से की गई व्यवस्था और पंडाल में भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को दिखाया गया है. संत रामपाल जी महाराज का स्वरूप भी स्थापित किया गया है, जहाँ श्रद्धालु सत्संग का श्रवण कर रहे हैं.
- धार्मिक कार्यक्रम: बताया गया है कि सतलोक आश्रम सोजत में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में साल में लगभग छह बड़े भंडारे और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वीडियो में तीन दिवसीय अखंड पाठ के समापन का भी जिक्र किया गया है.
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यह वीडियो सतलोक आश्रम बैतूल में आयोजित तीन दिवसीय समागम के दूसरे दिन की आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भ्रमण कराता है, जो कबीर साहिब जी के प्रकृति दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है [00:11].
प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण:
- कबीर साहिब का प्रकट होना: प्रदर्शनी कबीर साहिब के जन्म की अनूठी कहानी को दर्शाती है, जिसमें बताया गया है कि उन्होंने माँ के गर्भ से जन्म नहीं लिया, बल्कि लहरतारा तालाब के किनारे ऋषि अष्टानंद जी द्वारा प्रकट हुए थे [00:54]. एक तेजमय प्रकाश के रूप में प्रकट होने के बाद, अष्टानंद जी को अपनी आँखें बंद करने पर एक शिशु का स्वरूप दिखाई दिया [02:05].
- नीरू और नीमा द्वारा पालन-पोषण: वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे नीरू और नीमा नामक एक दंपति को कबीर साहिब कमल के फूल पर एक शिशु के रूप में मिले [02:58]. नीमा ने नीरू से बच्चे को उठाने के लिए कहा, और बाद में नीरू ने कमल सहित बच्चे को उठा लिया, जिसे नीमा ने प्यार से चूमा [03:34].
- कबीर जी का नामकरण: जब काजी मुल्ला कबीर जी का नामकरण करने आए, तो उन्हें कुरान शरीफ में केवल ‘कबीर’ शब्द ही दिखाई दिया, जो उनके परम शक्ति होने का प्रमाण था [05:36].
- कुंवारी गाय का दूध: प्रदर्शनी में एक और अद्भुत लीला को दर्शाया गया है, जहाँ शिशु रूप में कबीर जी ने 25 दिनों तक अन्न जल ग्रहण नहीं किया [06:22]. तब भगवान शिव ने ब्राह्मण के रूप में प्रकट होकर नीमा को एक कुंवारी गाय का दूध लाने का आदेश दिया [06:32]. शिव जी के आशीर्वाद से एक छोटी बछिया के थनों से दूध निकलने लगा, जिसे पीकर कबीर जी का पालन-पोषण शुरू हुआ [07:24].
- संत रामपाल जी महाराज का स्वरूप: प्रदर्शनी में संत रामपाल जी महाराज का स्वरूप भी प्रदर्शित किया गया है, जिन्हें उनके अनुयायी कबीर जी का ही स्वरूप मानते हैं [07:44].
- समाज सुधार के कार्य: प्रदर्शनी में संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधार के उद्देश्यों और कार्यों को भी दर्शाया गया है, जैसे विश्व को सद्गुरु के माध्यम से मोक्ष प्रदान करना, पाखंडवाद को खत्म करना, युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना, दहेज मुक्त विवाह, नशा मुक्त समाज, शांति और भाईचारा स्थापित करना, जाति-पाति के भेद को मिटाना, और भ्रष्टाचार को खत्म करना [15:15]. उनके अनुयायी इन नियमों का पालन करते हैं और समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय रहते हैं [15:48].
- आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा: प्रदर्शनी में संत रामपाल जी महाराज द्वारा विभिन्न धर्म गुरुओं को आध्यात्मिक ज्ञान में निरुत्तर करने की बात भी कही गई है [09:57]. यहां पवित्र ग्रंथों के आधार पर ज्ञान चर्चा करते हुए लोग देखे जा सकते हैं [20:35].
- गरीबों की मदद: संत रामपाल जी महाराज की “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन, बच्चों को शिक्षा, और बेघर लोगों को पक्के मकान जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं [23:09].
- विश्वव्यापी प्रभाव: वीडियो में बताया गया है कि संत रामपाल जी महाराज जेल में होने के बावजूद, उनके 550 से अधिक नाम दीक्षा केंद्र पूरे विश्व में खुल चुके हैं, जिनमें भारत के अलावा यूएई, कतर, नेपाल, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली जैसे कई अन्य देश शामिल हैं [24:04].
- पवित्र ग्रंथों से प्रमाण: प्रदर्शनी में कबीर जी की वाणियों और अन्य धर्म ग्रंथों, जैसे गीता, कुरान शरीफ, और जैन धर्म के ग्रंथों से प्रमाण दिखाए गए हैं, जो कबीर जी को पूर्ण परमात्मा सिद्ध करते हैं [17:10]. इसमें यह भी बताया गया है कि संत रामपाल जी महाराज तीनों देवी-देवताओं की भक्ति छुड़वाते नहीं हैं, बल्कि सबसे पहले उनकी साधना बताते हैं [26:06].
यह प्रदर्शनी कबीर साहिब के जीवन, संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान, और उनके अनुयायियों द्वारा किए जा रहे समाज सुधार के कार्यों को विस्तार से दिखाती है [25:44].
Satlok Ashram Shamli में Dowry Free Marriage | 628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस 2025 | SA News
यह वीडियो सतलोक आश्रम, वेदखेड़ी, शामली में 628वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के अवसर पर हो रहे दहेज-मुक्त विवाहों पर प्रकाश डालता है [01:23].
इन विवाहों के मुख्य पहलू इस प्रकार हैं:
- दहेज-मुक्त: मुख्य ध्यान दहेज को खत्म करने पर है, जिसे समाज को खोखला करने वाला “राक्षस” बताया गया है [01:43]. इन शादियों में पैसे, उपहार या गहनों का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है [03:15].
- सादगी और शालीनता: जोड़े शेरवानी, लहंगा या भारी गहनों जैसे विस्तृत परिधानों के बिना साधारण कपड़े पहनते हैं [03:29]. इनमें जयमाला समारोह या पुजारियों जैसे पारंपरिक तत्व नहीं होते हैं [03:39].
- 17 मिनट का समारोह: शादियाँ संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में 17 मिनट के “उपचार” समारोह के रूप में आयोजित की जाती हैं [03:41].
- सामुदायिक समर्थन: इन शादियों के हजारों लोग गवाह बनते हैं, जो इस पहल के लिए व्यापक समर्थन का प्रदर्शन करते हैं [01:32], [02:44].
- संत रामपाल जी महाराज से प्रेरणा: प्रतिभागी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हैं, जो उन्हें बिना दहेज के शादी करने और दिखावे से बचने के लिए प्रेरित करते हैं [01:02], [04:33]. एक दूल्हा, अमित दास, बताते हैं कि उन्होंने दहेज को अस्वीकार कर दिया क्योंकि संत रामपाल जी महाराज सिखाते हैं कि कड़ी मेहनत से कमाई गई कमाई पर्याप्त है और दहेज लेने से दुल्हन का पिता कर्ज में डूब जाता है [06:06].
- सामाजिक प्रभाव: इस पहल का उद्देश्य दहेज की मांगों के कारण भ्रूण हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार जैसे सामाजिक मुद्दों का मुकाबला करना है [05:25].
- कोई भव्य उत्सव नहीं: समारोह के बाद कोई रिसेप्शन पार्टी या अतिरिक्त उत्सव नहीं होता है; सभी दोस्त और रिश्तेदार आश्रम में मुख्य कार्यक्रम में भाग लेते हैं [07:02].
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यह वीडियो सतलोक आश्रम मुंडका में कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समागम के बारे में है [00:17]. SA न्यूज़ की टीम ने कुछ बच्चों से बात की, जिन्होंने कबीर परमात्मा और संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के बारे में बताया.
यहाँ कुछ मुख्य बातें हैं जो बच्चों ने बताईं:
- कबीर प्रकट दिवस
- यह दिवस कबीर परमात्मा के सतलोक से शरीर में लहरताला ताला पर प्रकट होने की याद में मनाया जाता है, जहाँ उन्हें जुलाहा दंपति नीरू और नीमा ने पाया था [00:23].
- संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएँ
- बच्चों को शराब और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है [00:48].
- उन्हें कार्टून, मूवी और सीरियल्स देखने से बचने के लिए कहा जाता है, क्योंकि ये समय बर्बाद करते हैं [00:48, 03:09].
- बच्चों को भक्ति करने और अपना समय व्यर्थ न करने की सलाह दी जाती है [03:22].
- गुरुजी भ्रष्टाचार, दहेज मुक्त विवाह और नशे के खिलाफ शिक्षा देते हैं [04:33].
- बच्चों द्वारा बताई गई वाणियाँ और उनके अर्थ
- एक वाणी के अनुसार, कबीर साहिब चारों युगों में आते हैं: सतयुग में सुकृत, त्रेता में मुनिंदर, द्वापर में गणाम और कलियुग में कबीर के नाम से [00:55].
- एक अन्य वाणी बताती है कि लोग वेदों को पढ़ते हैं पर उनका भेद नहीं जानते, और पत्थर की पूजा करके भ्रमित होते हैं [01:28]. परमात्मा वेदों के अंदर ही रहते हैं [01:42].
- एक वाणी के अनुसार, मनुष्य का जन्म अनमोल है और यह बार-बार नहीं मिलता, इसलिए इसमें भक्ति करनी चाहिए [02:30].
- एक और वाणी कहती है कि अगर कुएँ में पानी नहीं है, तो उसकी अच्छी पेंटिंग किसी काम की नहीं, उसी तरह अगर मानव जीवन में भक्ति नहीं है तो वह व्यर्थ है [06:42].
- जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें 70 जन्म कुत्ते, गधे और पशु-पक्षी के मिलते हैं [08:29].
- बच्चों का जीवन और सेवा
- गुरुजी के सामाजिक कार्य
- गुरुजी ने “अन्नपूर्णा महिमा” नाम की एक टीम बनाई है जो गरीब लोगों को राशन, कपड़े और मकान उपलब्ध कराती है [12:25].
- हरियाणा में 15 दिनों में तीन घर बनाए गए, जिससे गरीब परिवारों को बहुत मदद मिली [11:03].
- एक घटना का जिक्र किया गया जिसमें एक परिवार ने भूख के कारण आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद गुरुजी ने तुरंत अपनी टीम भेजकर ऐसे परिवारों की मदद करने का आदेश दिया [12:37].
रिपोर्टर ने बच्चों के ज्ञान और विचारों पर आश्चर्य व्यक्त किया, क्योंकि इतनी कम उम्र में इतना गहरा ज्ञान दुर्लभ है [01:52, 12:04]. बच्चों ने दर्शकों को “जीने की राह” और “ज्ञान गंगा” पुस्तकें पढ़ने और अपना कल्याण कराने का आग्रह किया [13:55].
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यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज द्वारा आयोजित एक मुफ्त डेंटल कैंप के बारे में है [00:03]. यह कैंप सतलोक आश्रम में लगाया गया है और इसमें हजारों लोग अपने दाँतों का इलाज कराने आते हैं [00:11].
वीडियो में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:
- कैंप का संगठन: यह दिखाया गया है कि कैसे लोग सुबह से ही चेकअप के लिए आते हैं और विभिन्न स्थानों जैसे मध्य प्रदेश के छतरपुर और छत्तीसगढ़ से आए हुए हैं [00:31].
- इलाज प्रक्रिया: मरीजों को पहले एक फॉर्म भरना होता है, फिर डॉक्टर उनका इलाज करते हैं. यह बताया गया है कि इलाज उसी तरह किया जाता है जैसे निजी अस्पतालों में होता है, जिसमें नई मशीनें और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है [01:31].
- उपलब्ध उपचार: कैंप में पायरिया का इलाज, दाँत निकालना, दाँतों में मसाला भरना और दवाइयाँ मुफ्त में दी जाती हैं [04:21]. कुछ जटिल प्रक्रियाएँ जो लैब या ऑपरेशन थिएटर से संबंधित हैं, वे यहाँ नहीं की जाती हैं [04:38].
- डॉक्टरों का अनुभव: एक डॉक्टर, डॉ. मंजीत, बताते हैं कि उन्हें यहाँ सेवा करके बहुत अच्छा लगता है और वे हर समागम में तीन दिन के लिए आते हैं [03:35]. वे बताते हैं कि संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा उन्हें निमंत्रण मिला था [03:54].
- सेवा का उद्देश्य: डॉक्टरों का कहना है कि वे मरीजों से कोई शुल्क नहीं लेते, क्योंकि वे सेवा करने आते हैं [05:38]. दवाइयाँ और अन्य सामान संत रामपाल जी महाराज की तरफ से ही उपलब्ध कराया जाता है [05:53]. संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य समाज सेवा और गरीबों की सहायता करना है, ताकि जरूरतमंदों को सुविधाएँ मिल सकें [04:57].
- मरीजों की संख्या: एक और डॉक्टर बताती हैं कि पूरे दिन में डेंटल के 1000 और आँखों के 1000 से अधिक मरीज आते हैं [07:05].
कुल मिलाकर, वीडियो संत रामपाल जी महाराज द्वारा लोगों को मुफ्त दंत चिकित्सा और अन्य स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के प्रयासों पर प्रकाश डालता है [08:21].
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SA News Punjab की टीम हाल ही में सतलोक आश्रम धूरी गई थी. दरअसल, वहां कबीर प्रकट दिवस का जश्न चल रहा था, और हमारी टीम ने पहले भी आपको इस बड़े इवेंट की तैयारियों की झलक दिखाई थी.
इस वीडियो में खास तौर पर आश्रम में लगे रक्तदान शिविर के बारे में बताया गया है. यहां इस बात पर जोर दिया गया है कि रक्तदान करना सबसे बड़ा दान है. यह कैंप संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में चल रहा है और आप देखेंगे कि कैसे भक्त खुशी-खुशी रक्तदान कर रहे हैं. दान देने वालों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, जिसके लिए सारी मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं.
सेवादारों और भक्तों की जुबानी
आश्रम के एक सेवादार ने बताया कि यह कबीर साहिब का 628वां प्रकट दिवस है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन दिनों से यहां संत गरीब दास जी के ग्रंथों का पाठ चल रहा है. उनके मुताबिक, संत रामपाल जी का मकसद इंसानियत की हर तरह से मदद करना है, और इस बात पर खास जोर दिया गया कि खून को आर्टिफीशियल तरीके से नहीं बनाया जा सकता.
एक और सेवादार ने रक्तदान के महत्व को समझाया. उन्होंने कहा कि खून को फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता और सड़क हादसों या सैनिकों के लिए यह जान बचाने में बहुत अहम है. उन्होंने यह भी बताया कि आज के दिन देश भर के सभी 12 सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविर लगाए गए हैं. संत रामपाल जी महाराज ने समाज के लिए कई काम किए हैं, जैसे:
- बाढ़ के दौरान खाना और चारा देना
- COVID-19 महामारी में राशन बांटना
- बिना दहेज के शादियां कराना
- 24 घंटे लंगर (सामुदायिक रसोई) चलाना
रक्तदान करने वालों और मेडिकल टीम की बातें
एक भक्त ने बताया कि वह पांच साल से आश्रम में रक्तदान कर रहे हैं और यह उनका 12वां डोनेशन था. एक और भक्त, जो CA और फाइनेंस डायरेक्टर भी हैं, ने कहा कि संत रामपाल जी महाराज का एकमात्र लक्ष्य सभी जीवों का कल्याण करना और उन्हें सच्ची भक्ति की राह दिखाना है.
मौके पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने बताया कि अब तक 60 यूनिट खून जमा हो चुका है और उम्मीद है कि कुल 100 यूनिट इकट्ठा हो जाएगा. उन्होंने आश्रम के बेहतरीन तालमेल और दानदाताओं की मदद करने की भावना की तारीफ की. उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने की अपील की, क्योंकि इससे दानदाताओं को भी फायदा होता है और यह कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है.
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Dowry Free Marriage | Satlok Ashram Mundka | SA News Delhi
यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित दहेज मुक्त विवाह समारोहों पर केंद्रित है, जिसमें दिल्ली के सतलोक आश्रम, मुंडका में 16 से 17 जोड़ों ने हिस्सा लिया [00:34]।
वीडियो में, विभिन्न जोड़ों और उनके परिवारों के अनुभव साझा किए गए हैं:
- दहेज मुक्त और अंतरजातीय विवाह संतों के मार्गदर्शन में हो रहे हैं, जहाँ दूल्हा और दुल्हन विभिन्न जातियों से होते हैं [02:32]।
- एक दूल्हे ने बताया कि उन्होंने स्वेच्छा से दहेज नहीं लिया क्योंकि वे संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हैं और परमात्मा के बताए वचनों पर चलते हैं [03:29]।
- एक दुल्हन ने कहा कि दहेज मुक्त और अंतरजातीय विवाह संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान के कारण ही संभव हो पाए हैं, और यह पवित्र ग्रंथों में भी प्रमाणित है [05:58]। उन्होंने उन लड़कियों को भी संदेश दिया कि वे अपने पवित्र ग्रंथों को पढ़ें, जिनमें विवाह के तरीके और अंतरजातीय विवाह की अवधारणा का उल्लेख है [06:53]।
- एक परिवार ने बताया कि उन्होंने एक साल के अंदर अपने तीनों बच्चों की शादी बिना किसी दहेज के और अंतरजातीय तरीके से करवाई है, और वे बहुत खुश हैं [15:08]। उन्होंने संत रामपाल जी महाराज का धन्यवाद किया, क्योंकि उनकी कम आय में यह संभव नहीं था [19:44]।
- एक अन्य परिवार ने अपनी दो बेटियों की शादी बिना किसी खर्च के बहुत साधारण तरीके से करवाई और संत रामपाल जी महाराज को इसका श्रेय दिया [22:40]।
- बाहर से आए कुछ मेहमानों ने भी इन विवाहों और आश्रम के अनुशासन और सेवा भाव की सराहना की [25:09, 27:16]।
यह वीडियो दर्शाता है कि संत रामपाल जी महाराज और उनके शिष्य समाज से बुराइयों को दूर कर एक नए और स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें दहेज प्रथा और जातिगत भेदभाव को मिटाया जा रहा है [21:21, 40:00]।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा आयोजित एक रक्तदान शिविर का कवरेज . यह आयोजन उनके मार्गदर्शन में आयोजित एक कार्यक्रम के दूसरे दिन का हिस्सा है
रक्तदान शिविर के मुख्य पहलू:
स्वास्थ्य सेवा रक्तदान के अलावा, शिविर में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं जैसे आंखों की जांच और दांतों की जांच भी की जाती है। [06:54]
भागीदारी का पैमाना भीषण गर्मी के बावजूद हजारों भक्त रक्तदान के लिए पंजीकरण और रक्तदान करने के लिए एकत्र हुए हैं। [00:35] लोगों का निरंतर आना उनके समर्पण को उजागर करता है। [00:41]
प्रतिभागियों के लिए आराम के उपाय गर्मी से निपटने के लिए, आयोजकों ने कूलर और पानी के छिड़काव की व्यवस्था की है। [00:46]
मेडिकल टीम और प्रक्रिया डॉक्टरों और कर्मचारियों की एक समर्पित टीम फॉर्म भरने, रक्त के नमूने एकत्र करने और हरियाणा सरकार से सरकारी सत्यापित प्रमाण पत्र जारी करने में मदद के लिए मौजूद है। [01:37]
दान के लिए प्रेरणा भक्त व्यक्त करते हैं कि वे रक्तदान करने के लिए प्रेरित हैं क्योंकि वे मानते हैं कि उनका शरीर उनके गुरु का एक उपहार है और रक्तदान करने से जरूरतमंदों, विशेषकर मध्यमवर्गीय परिवारों के लोगों की मदद हो सकती है। [01:28]
दान के बाद जलपान और देखभाल दाताओं को ऊर्जा वापस पाने में मदद करने के लिए रक्तदान के बाद जूस, फल और अन्य जलपान प्रदान किया जाता है। [03:02] लड्डू और जलेबी जैसी वस्तुओं के साथ एक सामुदायिक भोजन (भंडारा) की भी व्यवस्था है। [03:12]
आपातकालीन तैयारी रक्तदान प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति के लिए शिविर में एक एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। [03:24]
प्रेरणा और सामुदायिक भावना रक्तदान अभियान में भाग लेने वाले लोगों की भारी संख्या दूसरों को भी योगदान करने के लिए प्रेरित करती है। [05:39]
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस पर हुए दहेज रहित विवाह का Satlok Ashram Dhanana Dham से विशेष कवरेज |
SA News Channel का यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित सतलोक आश्रम धनाना में तीन दिवसीय कार्यक्रम को कवर करता है, जो 9, 10 और 11 जून को कबीर परमेश्वर जी के प्राकट्य दिवस का जश्न मना रहा है। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण दहेज मुक्त विवाहों का आयोजन है।
विवाह और आयोजन के प्रमुख पहलू:
- दहेज मुक्त विवाह: वीडियो इस बात पर जोर देता है कि ये विवाह पूरी तरह से दहेज से मुक्त हैं, परिवारों के बीच किसी भी सामान या पैसे का आदान-प्रदान नहीं होता है। इस पहल का उद्देश्य दहेज के सामाजिक बोझ और इस प्रथा के कारण बेटियों को होने वाली समस्याओं का समाधान करना है।
- सरल समारोह: शादियाँ उल्लेखनीय रूप से सरल तरीके से की जाती हैं, जो केवल 17 मिनट तक चलती हैं। वरमाला, कन्यादान, सिंदूर और मंगलसूत्र जैसी पारंपरिक हिंदू रस्में नहीं निभाई जाती हैं। प्रतिभागी सादे कपड़े पहने हुए हैं, असाधारण कपड़ों, गहनों या अनावश्यक खर्चों से बचते हैं।
- कोई जाति या भेदभाव नहीं: आश्रम इन विवाहों के लिए जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है, क्योंकि सभी प्रतिभागी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हैं और उन्होंने उनसे नाम दीक्षा ली है। सिद्धांत यह है कि सभी प्राणी एक जाति और एक धर्म के हैं।
- विवाह पूर्व प्रक्रियाएं: विवाह से पहले, सभी जोड़ों को कानूनी रूप से अदालत में अपना विवाह पंजीकृत कराना होता है। आश्रम के पास इन विवरणों को दर्ज करने के लिए एक समर्पित ऐप है, और एक टीम यह सुनिश्चित करने के लिए उम्र और तलाक के कागजात (यदि लागू हो) को सत्यापित करती है कि सभी कानूनी शर्तें पूरी हों।
- आध्यात्मिक आधार: रमैनी के रूप में संदर्भित विवाहों में 33 करोड़ देवताओं का आह्वान करने वाले मंत्रों का जाप शामिल है, जो संघ के लिए एक दिव्य साक्षी का प्रतीक है। इन सरल विवाहों के पीछे का दर्शन कबीर परमेश्वर जी और संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं में निहित है, जो सामाजिक दिखावा, अनावश्यक खर्च और दहेज के नकारात्मक प्रभावों के खिलाफ वकालत करते हैं।
- सामुदायिक सहायता: इस कार्यक्रम में गुरु जी द्वारा प्रदान की जाने वाली एक मुफ्त सामुदायिक रसोई (भंडारा) भी है, जिसमें परिवारों को कोई लागत नहीं आती है।
वीडियो में जोड़ों, उनके परिवार के सदस्यों और आश्रम के स्वयंसेवकों के साक्षात्कार शामिल हैं, जो सभी दहेज मुक्त और सरल विवाह मॉडल के लिए अपनी संतुष्टि और समर्थन व्यक्त करते हैं। वे इस पहल के वित्तीय बोझ को कम करने, समानता को बढ़ावा देने और आध्यात्मिक रूप से केंद्रित समुदाय को बढ़ावा देने पर सकारात्मक प्रभाव को उजागर करते हैं।
सतलोक आश्रम खमाणों में आकर कैसा लगा राजिंदर सिंह जीत आम आदमी पार्टी , खन्ना (पंजाब)
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Dowry Free Marriage | Satlok Ashram Nepal
डॉ. हरबंस लाल – पंजाब सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री, पहुंचे सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब)
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Dowry Free Marriage | Satlok Ashram Khamanon
Blood Donation Camp 2025 | Kabir Prakat Diwas 2025 | Satlok Ashram Nepal
सतलोक आश्रम में सभी को आना चाहिए | Kabir Prakat Diwas 2025 | Satlok Ashram Betul
समाज सुधार के बहुत ही ज्यादा कार्य संत रामपाल जी महाराज कर रहे है | Satlok Ashram Dhanana Dham
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Blood Donation Camp | Organ Donation Camp | Satlok ashram khamanon
628वें कबीर साहेब प्रकट दिवस पर सतलोक आश्रम श्री धनाना धाम से महासमागम का सीधा प्रसारण
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Dowry Free Marriage | Satlok Ashram Sojat
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Blood Donation Camp 2025 | Satlok Ashram Sojat
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | आध्यात्मिक प्रदर्शनी | Satlok Ashram Sojat
628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस | Day-1 Coverage | Satlok Ashram Dhawalpuri Maharashtra
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य 628वें कबीर प्रकट दिवस पर धनाना आश्रम हरियाणा में आयोजन शुरू
सबसे अनोखी बात देखने को मिली कि संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में करवाए जाने वाले दिव्य महा समागम में जगह-जगह से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आश्रम में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं के लिए अलग से बसों की व्यवस्था की गई है जो बिल्कुल निशुल्क है ताकि आने जाने वालों को आश्रम पहुंचने में कोई दिक्कत ना हो।
इसके साथ ही पुस्तकालय में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक रखी गई है जिनका मूल्य मात्र ₹20 है।
इस महा-समागम के लिए श्रद्धालुजन सेवा कार्यों में पूरी निष्ठा से संलग्न हो चुके हैं। संगत के सुचारु निवास और भोजन व्यवस्था हेतु बड़े स्तर पर टेंट आदि की तैयारियाँ की जा रही हैं, जिससे भंडारे का संचालन सुव्यवस्थित ढंग से किया जा सके।
628वें कबीर प्रकट दिवस पर देश-विदेश में हर्षोल्लासपूर्वक तैयारियाँ
संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सान्निध्य में 628वें कबीर प्रकट दिवस के पावन अवसर पर देश-विदेश के विभिन्न सतलोक आश्रमों में हर्षोल्लासपूर्वक तैयारियाँ चल रही हैं। देश के अनेक राज्यों सहित विदेशों में भी संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी इस दिव्य पर्व को भव्य रूप में मनाने हेतु पूर्ण समर्पण के साथ सेवा में लगे हुए हैं।
जैसे भारत के 11 सतलोक आश्रमों में यह महोत्सव संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में मनाया जा रहा है, उसी प्रकार नेपाल के धनुषा क्षेत्र में भी इस पावन अवसर को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियाँ की जा रही हैं।
यह दिव्य महा-समागम तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर संत रामपाल जी महाराज जी की प्रेरणा से अनेक समाजोत्थान एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें दहेज रहित विवाह, निःशुल्क विशाल भंडारा (देसी घी युक्त भोजन), निःशुल्क रक्तदान शिविर तथा अन्य सेवा कार्य प्रमुख होंगे।
इसके अतिरिक्त, इस पावन अवसर पर एक भव्य आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी में कबीर साहेब जी की दिव्य लीलाओं को चित्रों माध्यमों द्वारा जीवंत रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुगण उनके यथार्थ स्वरूप को समझ सकें।
628वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष में सतलोक आश्रम भिवानी में भव्य तीन दिवसीय महा-समागम का आयोजन की तैयारी बड़ी जोर शोर से चल रही है
सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में 628वें कबीर प्रकट दिवस के पावन अवसर पर सतलोक आश्रम, मुंडका (दिल्ली) में एक भव्य तीन दिवसीय महा-समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय महा समागम में विशाल देसी घी के भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। यहां के भक्तों के बताने के अनुसार इन तीनों दिन निशुल्क भंडारा वितरित किया जाएगा तथा यह 24 घंटे तक सबके लिए खुला रहेगा।
इस महा समागम में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, भोजन एवं अन्य सभी आवश्यक सुविधाओं की संपूर्ण व्यवस्था संत जी के अनुयायियों द्वारा बड़े व्यवस्थित तरीके से की जा रही है।
अनुयायियों के अनुसार, यह महा-समागम केवल भिवानी ही नहीं बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित अन्य 11 आश्रमों में भी समान रूप से आयोजित किया जा रहा है। सभी आश्रमों में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए व्यवस्थाएं अत्यंत सुनियोजित एवं व्यवस्थित ढंग से की जा रही हैं।
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस के उपलक्ष में एक विशेष आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कबीर जी की लीलाओं को चित्रों के माध्यम से सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
सतलोक आश्रम मुंडका में 628वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष में भव्य तीन दिवसीय महा-समागम का आयोजन
सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सान्निध्य में 628वें कबीर प्रकट दिवस के पावन अवसर पर सतलोक आश्रम, मुंडका (दिल्ली) में एक भव्य तीन दिवसीय महा-समागम का आयोजन किया जा रहा है।
इस विशेष आयोजन में देशभर से पधारने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, भोजन एवं अन्य सभी आवश्यक सुविधाओं की संपूर्ण व्यवस्था संत जी के अनुयायियों द्वारा की गई है।
अनुयायियों के अनुसार, यह महा-समागम केवल मुंडका आश्रम में ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित अन्य 12 सतलोक आश्रमों में भी समान रूप से आयोजित किया जा रहा है। सभी आश्रमों में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए व्यवस्थाएं अत्यंत सुनियोजित एवं व्यवस्थित ढंग से की गई हैं।
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस के उपलक्ष में एक विशेष आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें परमात्मा कबीर जी की दिव्य जीवनी को चित्रों के माध्यम से सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
628वें कबीर प्रकट दिवस पर सतलोक आश्रम, कुरुक्षेत्र में भव्य महा-समागम का आयोजन
संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सान्निध्य में 628वें कबीर प्रकट दिवस के शुभ अवसर पर सतलोक आश्रम, कुरुक्षेत्र में एक विशाल महा-समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देशभर के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं के पहुँचने की संभावना है। समस्त श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंध संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा किया गया है।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने जानकारी दी कि यह आयोजन केवल सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र में ही नहीं, बल्कि अन्य 12 आश्रमों में भी आयोजित किया जा रहा है, जो विभिन्न राज्यों में स्थित हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक भंडारे में जितनी मात्रा में भोजन तैयार किया जाता है, उससे कहीं अधिक संख्या में भोजन की आवश्यकता होने पर भी कभी कोई कमी नहीं आती। वे इसे संत रामपाल जी महाराज जी की कृपा का प्रत्यक्ष प्रमाण मानते हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक आयोजित समस्त भंडारों में व्यवस्था अत्यंत सुचारु और निर्विघ्न रही है, चाहे श्रद्धालुओं की संख्या कितनी भी अधिक क्यों न हो।
628 वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम सोजत से तैयारियों की एक झलक फोटो के माध्यम से














628 वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम धूरी, संगरूर से तैयारियों की रिपोर्ट
628वें कबीर प्रकट दिवस के शुभ अवसर पर, संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सान्निध्य में आयोजित होने वाले भव्य महा-समागम की तैयारियाँ अत्यंत उत्साहपूर्वक चल रही हैं। देशभर के समस्त सतलोक आश्रमों से सेवादारगण अपनी-अपनी सेवाओं में सक्रिय रूप से सम्मिलित हो चुके हैं।
विशेषतः सतलोक आश्रम धूरी, संगरूर में तैयारियाँ व्यापक स्तर पर प्रारंभ हो चुकी हैं। विभिन्न स्थानों पर पंडालों की स्थापना की जा रही है, तथा श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। लड्डू, जलेबी प्रसाद को सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण में संग्रहित करने हेतु एक पृथक स्थल का निर्माण किया गया है, जहां मच्छरों एवं मक्खियों से सुरक्षा हेतु विशेष पंखों की व्यवस्था की गई है।
यह तीन दिवसीय दिव्य आयोजन 11 जून 2025 को संपन्न होगा, जिसमें सभी श्रद्धालुजन सपरिवार सादर आमंत्रित हैं। इस अवसर पर गरीबदास जी महाराज जी की अमृतवाणी का अखंड पाठ आयोजित किया जाएगा। दरबार साहिब में समुचित सफाई की जा चुकी है तथा 9 जून से पूर्व सजावट का कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा।
628वें कबीर प्रकट दिवस पर सतलोक आश्रम बैतूल से तैयारियों की सीधी कवरेज
628वें कबीर प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी के अनुयायी सभी आश्रमों में पहले से ही अपनी सेवाओं में पहुंच चुके हैं।
9-10-11 जून को होने वाला यह विशाल महासमागम संत रामपाल जी के सानिध्य में हो रहा है जो सतलोक आश्रम बैतूल के साथ – साथ अन्य 11 आश्रमों में आयोजित होगा। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बताया कि सतलोक आश्रम बैतूल के साथ-साथ सभी अन्य आश्रमों में भी आने वाली संगत के लिए इस समागम में इसी तरह से व्यवस्था की जा रही है। क्या शहर, क्या गाँव, क्या ज़िला सभी जगह जानी मानी हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।
आने वाली संगत के लिए जूता घर का प्रबंध किया गया है जहां पर वह अपने जूते जमा करके आसानी से वहां पर सत्संग का आनंद ले सकते हैं। इसके साथ ही फोन को चार्ज करने के लिए भी किसी को कोई परेशानी ना हो तो भक्तों और माइयों के लिए अलग – अलग से व्यवस्था की गई है। उसके लिए भी उनको अलग से टोकन देने की व्यवस्था की गई है। दिनांक 9 जून 2025 से शुरू होने वाले विशाल महा समागम के लिए लड्डू, जलेबी प्रसाद बनना शुरू हो गया है। स्वच्छता का ध्यान रखते हुए सब्जियों को धोकर अलग-अलग टोकरियों में रखा जा रहा है।
इसके साथ ही देशभर से हजारों श्रद्धालु, सेवा और समर्पण की भावना के साथ आश्रमों में अपनी सेवाओं में लगे हुए हैं। हर ओर उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा की झलक दिखाई दे रही है।
पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग विशाल पंडाल सजाए जा रहें हैं। भंडारे की व्यवस्था विशेष रूप चल रही है जिससे आने वाले अनुयायियों को किसी भी परेशानी ना हो। हर सामग्री की जांच सुनिश्चित की गई ताकि सभी को सात्विक, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिल सके। देशी घी से बने लड्डू, बूंदी, जलेबी और अन्य व्यंजन प्रेमपूर्वक तैयार किए जा रहे हैं।
Kabir Saheb Prakat Diwas 2025 Live Update: Satlok Ashram Betul and Indore में चल रही तैयारियों की एक झलक





आगामी कबीर साहेब जी के 628 वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम धनाना धाम में तैयारियां शुरू
संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में कबीर प्रकट दिवस पर अभी से ही सतलोक आश्रमों में एक अलौकिक माहौल बन चुका है। सतलोक आश्रमों में आज से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस तीन दिवसीय महासमागम में अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाएगा।
धनाना धाम में आज से ही ज़ोरों शोरों से तैयारियां हो रही हैं। सबसे पहले सर्व संगत के लिए भंडार गृह के लिए शेड तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस शेड में एक बार में पच्चीस हज़ार श्रद्धालु भंडारा ग्रहण कर सकते हैं।
आने वाली संगत के लिए पानी की निकासी का खास प्रबंध किया जा रहा है। यह महासमागम 9 से 11 जून 2025 को सभी सतलोक आश्रमों में मनाया जाएगा। संत रामपाल जी के श्रद्धालुओं ने बताया कि इस महासमागम में विशाल निःशुल्क देसी घी का भंडारा, दहेज मुक्त विवाह, नशा मुक्त अभियान, दंत चिकित्सा शिविर, नेत्र जाँच शिविर और आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
समागम में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग विशाल पंडालों की व्यवस्था की गई है जहाँ रजाई, गद्दे, कंबल से लेकर मोबाइल चार्जिंग स्टेशन, स्वच्छ शौचालय और मेडिकल सुविधा तक सब कुछ व्यवस्थित किया गया है।
इसके साथ ही आश्रम में आने जाने वालों के लिए 24 घंटों के लिए बस की व्यवस्था भी की गई है जो बिल्कुल निशुल्क है।