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Home » व्यापार और जीवन को आसान बनाने की पहल: लोकसभा में पेश होगा जन विश्वास विधेयक 2.0

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व्यापार और जीवन को आसान बनाने की पहल: लोकसभा में पेश होगा जन विश्वास विधेयक 2.0

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Last updated: August 18, 2025 6:55 pm
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व्यापार और जीवन को आसान बनाने की पहल लोकसभा में पेश होगा जन विश्वास विधेयक 2.0
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नई दिल्ली। जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025 (Jan Vishwas Bill 2.0) सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) इसे पेश करेंगे। इस विधेयक का उद्देश्य छोटे अपराधों (Minor Offences) में सजा के प्रावधानों को खत्म करना और देश में व्यापार  एवं जीवन को आसान बनाना है। सरकार का दावा है कि यह कदम नागरिकों और कारोबारियों के लिए राहत लेकर आएगा और साथ ही भारत के कारोबारी माहौल को और अधिक अनुकूल बनाएगा।

Contents
  • 350 से अधिक प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव
  • पहले भी हुआ था बड़ा बदलाव
  • पीएम मोदी के भाषण में मिले थे संकेत
  • निवेश और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल
  • नागरिकों को मिलेगी राहत
  • कारोबारियों को मिलेगा भरोसा
  • नागरिकों और कारोबारियों के लिए नई उम्मीद
  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सच्चा समाधान
  • FAQs on जन विश्वास विधेयक 2025 (Jan Vishwas Bill 2025)

350 से अधिक प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव

इस संशोधन विधेयक में 350 से ज्यादा प्रविधानों (Provisions) में बदलाव करने का प्रस्ताव है। कई पुराने नियमों में ऐसे प्रावधान थे जिनमें छोटी-छोटी बातों पर भी जेल की सजा का प्रावधान था। सरकार का मानना है कि इन कानूनों के चलते न केवल आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ती थी बल्कि निवेशकों और व्यापारियों के लिए भी भारत का कारोबारी माहौल चुनौतीपूर्ण बना रहता था।

पहले भी हुआ था बड़ा बदलाव

यह पहला अवसर नहीं है जब सरकार ने ऐसे प्रावधानों को बदलने का प्रयास किया हो। इससे पहले जन विश्वास अधिनियम 2023 (Jan Vishwas Act 2023) के तहत 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त (Decriminalised) किया गया था। अपराधमुक्त करने का तात्पर्य है कि किसी कार्य को अपराध की श्रेणी से हटाया जाए। हालांकि वह कार्य अभी भी अवैध या गैरकानूनी हो सकता है, लेकिन उसके लिए आपराधिक दंड (Criminal Punishment) नहीं होगा।

पीएम मोदी के भाषण में मिले थे संकेत

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस दिशा में स्पष्ट संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि भारत में अब भी ऐसे कानून मौजूद हैं जो सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगें लेकिन छोटी-छोटी बातों पर भी जेल की सजा का प्रावधान करते हैं। प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि उन्होंने ऐसे अनावश्यक कानूनों को हटाने का बीड़ा उठाया है ताकि आम नागरिक को बेवजह जेल न जाना पड़े।

निवेश और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल

सरकार का दावा है कि इस विधेयक से व्यवसाय करने में सुगमता

(Ease of Doing Business) और जीवन यापन में सुगमता (Ease of Living) दोनों को मजबूती मिलेगी। छोटे अपराधों में जेल की जगह केवल जुर्माने (Penalty) या दंड का प्रावधान होगा। इससे निवेशकों के लिए भारत में कारोबार करना आसान होगा और वैश्विक स्तर पर देश की छवि एक उदार और नागरिक-केंद्रित शासन प्रणाली (Citizen-Centric Governance) के रूप में उभरेगी।

पहले ही खत्म किए गए हजारों अनुपालन और अप्रचलित कानून

मोदी सरकार इससे पहले भी बड़े पैमाने पर सुधार कर चुकी है। अब तक 40,000 से अधिक अनुपालनों (Compliances) को खत्म किया गया है और 1,500 से ज्यादा अप्रचलित कानून (Obsolete Laws) रद्द किए जा चुके हैं। संसद में पहले भी कई ऐसे कानूनों को सरल बनाया गया है जिनसे आम जनता को सीधे लाभ मिलता है।

नागरिकों को मिलेगी राहत

छोटे अपराधों में जेल की सजा खत्म करने से सबसे बड़ी राहत आम नागरिकों को मिलेगी। उदाहरण के तौर पर कई मामलों में केवल तकनीकी गलती या प्रक्रिया पूरी न करने पर भी जेल की सजा हो जाती थी। ऐसे मामलों में अब केवल जुर्माना लगेगा और जेल जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

कारोबारियों को मिलेगा भरोसा

व्यापार जगत (Business Community) के लिए यह विधेयक एक बड़ा कदम माना जा रहा है। छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने से कारोबारियों को विश्वास मिलेगा और व्यापारिक माहौल सकारात्मक बनेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे विदेशी निवेश (Foreign Investment) को भी प्रोत्साहन मिलेगा और भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को मजबूती मिलेगी।

नागरिकों और कारोबारियों के लिए नई उम्मीद

जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025 सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें नागरिकों और कारोबारियों को बेवजह कानूनी जाल में फंसाने के बजाय उन्हें राहत देने पर जोर है। छोटे अपराधों में सजा खत्म होने से न केवल न्याय प्रणाली का बोझ कम होगा, बल्कि निवेश और व्यापार के लिए भारत को और आकर्षक गंतव्य बनाया जा सकेगा। यह कदम भरोसे पर आधारित शासन और पारदर्शिता की दिशा में एक नई उम्मीद जगाता है।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सच्चा समाधान

जिस तरह सरकार छोटे अपराधों के अनावश्यक दंड को हटाकर नागरिकों का बोझ हल्का करना चाहती है, उसी प्रकार संत रामपाल जी महाराज जी समझाते हैं कि इंसान भी अपने प्रारब्ध के पाप कर्म और अज्ञान के बोझ से दबा हुआ है। साधारण पूजा-पाठ या कर्मकांड इस बोझ को नहीं हटा सकते। श्रीमद् भगवत गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 में लिखा है जो पुरुष शास्त्र विधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धी को प्राप्त होता है न परमगति को न ही सुख को ही। इस विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज ही वह तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रानुकूल साधना बता रहे हैं।  इस सच्चाई को गहराई से जानने के लिए अवश्य पढ़े पवित्र पुस्तक ‘ज्ञान गंगा’ ,  जिसमें सभी धर्मों के शास्त्रों का सार स्पष्ट प्रमाणों सहित दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए विज़िट करें www.jagatgururampalji.org

FAQs on जन विश्वास विधेयक 2025 (Jan Vishwas Bill 2025)

Q1. जन विश्वास विधेयक 2025 (Jan Vishwas Bill 2025) क्या है?

यह एक संशोधन विधेयक है जिसका उद्देश्य छोटे अपराधों में जेल की सजा के प्रावधान को खत्म कर नागरिकों और कारोबारियों को राहत देना है।

Q2. इस विधेयक में कितने प्रविधानों (Provisions) में बदलाव होगा?

इसमें 350 से अधिक प्रविधानों को संशोधित करने का प्रस्ताव है।

Q3. जन विश्वास अधिनियम 2023 (Jan Vishwas Act 2023) के तहत क्या किया गया था?

उसके तहत 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त (Decriminalised) किया गया था।

Q4. छोटे अपराधों में सजा खत्म करने से किसे सबसे अधिक लाभ होगा?

इससे आम नागरिकों और कारोबारियों को राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें छोटी-छोटी प्रक्रियात्मक गलतियों पर जेल नहीं जाना पड़ेगा।

Q5. इस विधेयक से भारत को क्या फायदा होगा?

यह कदम न्याय प्रणाली पर बोझ घटाएगा, व्यापार को आसान बनाएगा और निवेश को प्रोत्साहन देगा।

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