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Home » उत्तर भारत में भारी बारिश से हाहाकार, राजस्थान-जम्मू कश्मीर में हालात गंभीर, कई राज्यों में अलर्ट

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उत्तर भारत में भारी बारिश से हाहाकार, राजस्थान-जम्मू कश्मीर में हालात गंभीर, कई राज्यों में अलर्ट

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Last updated: August 25, 2025 1:45 pm
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उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हालात सबसे ज्यादा विकराल हो गए हैं। नदियां और नाले उफान पर हैं, सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है, जबकि कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

Contents
राजस्थान में आपदा जैसी स्थितिजम्मू-कश्मीर: तीन दशक में रिकॉर्ड बारिशहिमाचल में बादल फटना और बर्फबारीउत्तर प्रदेश में येलो अलर्टउत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट, स्कूल बंदमुंबई और महाराष्ट्र पर भी असरमौसम विभाग का पूर्वानुमानक्यों बढ़ रही हैं प्राकृतिक आपदाएं: जानें आध्यात्मिक दृष्टिकोणFAQs: उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान में आपदा जैसी स्थिति

राजस्थान के दौसा, कोटा, बूंदी और सवाईमाधोपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई गांव पानी में डूब गए हैं, सड़कें कट गई हैं और पुल धंस गए हैं। जयपुर के कई इलाकों में भी जलभराव के कारण सामान्य जीवन ठप हो गया है। कोटा और बूंदी में सेना व वायुसेना को राहत कार्यों में उतारना पड़ा है। भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित निकालने का अभियान जारी है। इस आपदा में राजस्थान के पांच किशोर और दो शिक्षकों की जान चली गई है।

जम्मू-कश्मीर: तीन दशक में रिकॉर्ड बारिश

जम्मू-कश्मीर में भी हालात चिंताजनक हैं। पिछले 24 घंटों में जम्मू में 190 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिसे तीन दशक में सबसे बड़ी वर्षा में गिना जा रहा है। कठुआ में नदी पर बना पुल टूटने से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करना पड़ा। जम्मू स्थित IIIM (Indian Institute of Integrative Medicine) छात्रावास के भूतल में सात फीट पानी भर गया, जहां से 100 छात्रों को बचाव दल ने नावों की मदद से बाहर निकाला। निकी तवी क्षेत्र में तवी नदी के किनारे बने कई घर ढह गए, जबकि शहर की कई सड़कें धंस गईं और पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया।

कश्मीर घाटी में भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं। गुरेज-बांदीपोरा मार्ग पर दस से अधिक स्थानों पर मलबा गिरने से सड़क अवरुद्ध हुई, जिससे दर्जनों यात्री फंस गए। प्रशासन ने भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाकर लोगों को सुरक्षित निकाला।

हिमाचल में बादल फटना और बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश में भी भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं। चंबा जिले के डलहौजी में बादल फटने से कई वाहन मलबे में दब गए, वहीं भूस्खलन के कारण बस और टैक्सी मलबे की चपेट में आ गई। बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में भूस्खलन के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं और शिमला व चंडीगढ़ से संपर्क कट गया है। दूसरी ओर, रोहतांग और बारालाचा जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है।

उत्तर प्रदेश में येलो अलर्ट

उत्तर प्रदेश में मानसून दोबारा सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य के 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, मुरादाबाद और बरेली समेत तराई और पूर्वी यूपी के कई जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। हालांकि, विभाग का अनुमान है कि 26 अगस्त के बाद बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आ सकती है।

उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट, स्कूल बंद

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है। देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए देहरादून, उत्तरकाशी और चमोली के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश दिया है।

मुंबई और महाराष्ट्र पर भी असर

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी भारी बारिश के बाद जनजीवन प्रभावित हुआ है। निचले इलाकों में जलभराव से यातायात बाधित है और लोकल ट्रेन सेवाओं पर भी असर पड़ा है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र और पश्चिमी भारत में सक्रिय चक्रवाती गतिविधि के कारण मानसून की तीव्रता बढ़ी है। अगले दो-तीन दिन उत्तर भारत, मध्य भारत और तटीय राज्यों में भारी से अति भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। विभाग ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पहाड़ी राज्यों में तेज बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट जारी किया है।

क्यों बढ़ रही हैं प्राकृतिक आपदाएं: जानें आध्यात्मिक दृष्टिकोण

उत्तर भारत में हो रही भीषण बारिश और बाढ़ हमें यह संकेत देती है कि प्रकृति असंतुलन की ओर बढ़ रही है। आज मानव अपने कर्मों और लालच के कारण प्राकृतिक आपदाओं को आमंत्रित कर रहा है। संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि जब तक मनुष्य सही भक्ति मार्ग को नहीं अपनाता, तब तक ऐसे संकट बढ़ते रहेंगे। संत जी के ज्ञान के अनुसार, परमात्मा कबीर साहेब की सच्ची भक्ति से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि समाज और प्रकृति में भी संतुलन आता है। इस समय जरूरत है कि हम सच्चे सतगुरु की शरण में जाकर उनका नाम-सुमिरन करें और उनके बताए मार्ग पर चलें, ताकि मानव जीवन सुरक्षित और सुखमय बन सके।

FAQs: उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात

1. उत्तर भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य कौन से हैं?

राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

2. राजस्थान में हालात कैसे हैं?

दौसा, कोटा, बूंदी और सवाईमाधोपुर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और सेना व वायुसेना राहत कार्य कर रही है।

3. जम्मू-कश्मीर में कितनी बारिश दर्ज हुई?

जम्मू में 24 घंटे में 190 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसे तीन दशक का रिकॉर्ड माना जा रहा है।

4. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में क्या अलर्ट जारी है?

उत्तर प्रदेश में येलो अलर्ट और उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

5. मुंबई में क्या असर पड़ा है?

मुंबई के निचले इलाकों में जलभराव से यातायात और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

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