कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” को लेकर पंजाब में काफी आक्रोश पैदा हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप सिख संगठनों ने फिल्म को बैन करने की मांग उठाई है। आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय को ऐतिहासिक दृष्टि से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। अब तेलंगाना में भी इस फिल्म को बैन करने का प्रयास किया जा रहा है।
कंगना रनौत, जो एक प्रमुख अभिनेत्री और बीजेपी की सांसद भी हैं, की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म “इमरजेंसी” काफी सुर्खियों में है। इस फिल्म की रिलीज़ के लिए प्रमोशन भी शुरू हो चुका है। हालांकि, तेलंगाना में फिल्म के बैन की खबरें कंगना रनौत के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी हैं और फिल्म की रिलीज़ में कठिनाइयाँ उत्पन्न कर रही हैं।
मुख्य बिंदु : कंगना रनौत की फ़िल्म “इमरजेंसी” पर विवाद
- पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” को लेकर आक्रोश।
- सिख समुदाय को ऐतिहासिक दृष्टि से गलत तरीके से पेश कर उनकी भावनाओं को पहुँचाई है ठेस।
- पंजाब में विरोध के बाद, अब तेलंगाना में भी इस फिल्म को बैन करने का किया जा रहा है प्रयास।
- तेलंगाना में फिल्म के बैन की खबरें बनी कँगना रनौत के लिए बड़ी समस्या।
- तेलंगाना सिख सोसाइटी के 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म में सिक्खों को आतंकवादी और राष्ट्र-विरोधी दिखाने का लगाया है आरोप।
- सोसाइटी के 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म को बैन करने की सरकार से की मांग ।
- फिल्म में सिखों को ‘आतंकवादी और एंटी-नेशनल’ के रूप में किया गया है पेश।
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी नेदिया सिक्खों को आश्वासन।
- सरकार कर रही फिल्म को बैन करने पर विचार ।
फिल्म को बैन करने का मुख्य कारण क्या है?
फिल्म “इमरजेंसी” हाल ही में रिलीज़ हुई है और इसके खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा आरोप यह है कि फिल्म में सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है और उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया गया है। इसी कारण पंजाब में सिख संगठनों ने फिल्म को बैन करने की मांग की है और अब तेलंगाना में भी बैन की खबरें सामने आई हैं। तेलंगाना राज्य सरकार कानूनी सलाह पर विचार कर रही है।
क्या सच में तेलंगाना कंगना रनौत की फिल्म को लेकर बैन करने की तैयारी कर रहा है?
पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म के खिलाफ उठे विरोध के बाद, सिख संगठनों ने इस फिल्म को बैन करने की मांग की है। कहा जा रहा है कि फिल्म के माध्यम से सिख समुदाय को ऐतिहासिक दृष्टि से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और उनकी छवि को ठेस पहुँचाई गई है। इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप, तेलंगाना में भी फिल्म को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं और एक सिख संगठन ने फिल्म “इमरजेंसी” को बैन करने की मांग की है। राज्य सरकार इस पर कानूनी सलाह ले रही है।
“इमरजेंसी” के बैन की मांग किसने उठाई?
खबरों के अनुसार, तेलंगाना सिख सोसाइटी के 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व आईपीएस अधिकारी तेजदीप कौर मेनन के नेतृत्व में फिल्म को आतंकवादी और राष्ट्र-विरोधी के रूप में दिखाने का आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में सरकारी सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर से मुलाकात कर फिल्म को बैन करने की मांग की और फिल्म में दिखाए गए चित्रण पर अपनी चिंता व्यक्त की।
सिख समुदाय की छवि को आहत करने का आरोप
सिख संगठनों ने आरोप लगाया है कि फिल्म “इमरजेंसी” में सिखों को ‘आतंकवादी और एंटी-नेशनल’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे उनकी भावनाओं को आहत किया गया है और उनकी छवि को ठेस पहुँचाई गई है। प्रेम रिलीज़ के दौरान, शब्बीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सिख संगठनों को आश्वासन दिया है कि तेलंगाना राज्य सरकार कानूनी सलाह ले रही है और फिल्म को बैन करने पर विचार कर रही है