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सरकार द्वारा दी गयी 52 उपग्रहों के प्रक्षेपण हेतु 26,986  करोड़ देने की अनुमति

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Last updated: October 14, 2024 1:28 pm
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सरकार द्वारा दी गयी 52 उपग्रहों के प्रक्षेपण हेतु 26,986  करोड़ देने की अनुमति
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति द्वारा 52  जासूसी कृत्रिम उपग्रहों का प्रक्षेपण हेतु अनुमति दी गयी | जिसमे 21 कृत्रिम उपग्रह इसरो द्वारा वहीँ 31 उपग्रह निजी कंपनियों द्वारा प्रक्षेपित किये जायेंगे| जिसकी कुल लागत 26,986 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

Contents
क्या है कृत्रिम उपग्रह की कार्यप्रणाली ?SBS परियोजना के उद्देश्य SBS परियोजनासच्ची भक्ति द्वारा मोक्ष प्राप्ति

अंतरिक्ष आधारित निरक्षण SBS (Space based serveillance) Phase III  परियोजना के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट सचिवालय तथा Defence Space Agency  द्वारा यह कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपित होंगे | रक्षा मंत्रालय की निगरानी में यह परियोजना को संचालित किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा जनवरी में फ्रांस देश के साथ सैन्य कृत्रिम उपग्रह के निर्माण तथा प्रक्षेपण संबंधी पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

क्या है कृत्रिम उपग्रह की कार्यप्रणाली ?

कृत्रिम उपग्रहों को निचली भू स्थिर कक्षा में प्रक्षेपित किया जायेगा|  जिससे  पृथ्वी पर हो रही घटनाओ से आंकड़े प्राप्त कर कृत्रिम बुद्दिमत्ता( AI) के द्वारा आंकड़ों का विश्लेषण किया जा सके , असामान्य गतिविधियो का पता लगाया जा सके | कृत्रिम उपग्रहों आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान भी कर सकते है। जिससे यदि  कुछ ऊंचाई पर किसी गतिविधि को एक उपग्रह द्वारा भांपा जाता है तो उसकी पुष्टि निचली कक्षा पर उपस्तिथ दूसरे उपग्रह द्वारा की जा सके| ये उपग्रह बिना किसी रूकावट के दिन- रात, हर मौसम में संचालित किये जा सकेंगे |

SBS परियोजना के उद्देश्य 

कृत्रिम उपग्रहों के प्रक्षेपण का मुख्य उद्देश्य जल थल वायु सीमाओं की निगरानी करना तथा नागरिको की सुरक्षा सुनिश्चित करना है| इन जासूसी कृत्रिम उपग्रहों के माध्यम से दुश्मन देशो की गतिविधियों घुसपैठ तथा हिन्द महासागर हिन्द- प्रशांत समुद्री क्षेत्र में पनडुब्बियों का पता लगाया जा सकेगा |

SBS परियोजना

SBS  परियोजना की शुरुआत अटल बिहारी बाजपेयी जी के कार्यकाल में की गयी| पहले फेज में 4 जासूसी कृत्रिम उपग्रह सन् 2001 में प्रक्षेपित किये गए| सन् 2013 में SBS फेज २ परियोजना के तहत 6 जासूसी कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपित किये गए आगामी 5 वर्षो में सभी उपग्रहों के प्रक्षेपण की सम्भावना जताई जा रही है|

संत रामपाल जी महाराज सिखाते हैं कि हम सच्ची भक्ति और धार्मिक जीवन के माध्यम से परमात्मा (सर्वोच्च ईश्वर) को प्राप्त कर सकते हैं। वह शास्त्रों की शिक्षाओं का पालन करने और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त करने के लिए भगवान कबीर की सच्ची पूजा करने के महत्व पर जोर देते हैं।

सच्ची भक्ति द्वारा मोक्ष प्राप्ति

संत रामपाल जी महाराज शास्त्रानुकुल भक्ति और भगवान कबीर की प्रामाणिक पूजा पर जोर देते हैं। उनका मानना ​​है कि शास्त्र परमेश्वर तक पहुँचने का सच्चा मार्ग बताते हैं और इन शिक्षाओं का पालन करना पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति और मोक्ष पाने के लिए ज़रूरी है।

संत रामपाल जी कहते हैं:

  • सच्ची भक्ति: शास्त्रों में बताए गए उचित मार्गदर्शन के साथ भगवान की पूजा करना, अंधविश्वास और कपट से बचना बहुत ज़रूरी है।
  • भगवान कबीर: वे भगवान कबीर को सर्वोच्च मानते हैं और कहते हैं कि उनकी सच्ची पूजा ही मोक्ष प्राप्त करने की कुंजी है।
  • मोक्ष: सच्चे गुरु की शिक्षाओं को अपनाने और शास्त्रों में बताई गई भक्ति का अभ्यास करने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पा सकता है और अंततः सर्वोच्च ईश्वर से जुड़ सकता है।

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