छत्तीसगढ़, देवरी: संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी दरबारी राम गायकवाड़ ने ईमानदारी और मानवता का परिचय देते हुए एक खोया हुआ मोबाइल उसके असली मालिक को लौटाकर समाज में नैतिकता का संदेश दिया। यह घटना ग्राम मारीं बंगला (देवरी) की है, जहां पुनाराम (पुत्र: पोखन लाल मंडावी), निवासी ग्राम सुअरबोड़ डौंडी, अपने रिश्तेदार सुधीर मंडावी के साथ मेले में गए थे। मेले के दौरान पुनाराम का मोबाइल कहीं गिर गया, जिससे वह और उनका परिवार बेहद परेशान हो गए।
उसी दौरान संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी दरबारी राम को मोबाइल मिला। उन्होंने ईमानदारी दिखाते हुए तुरंत इसे असली मालिक तक पहुँचाने का संकल्प लिया। दरबारी राम ने मोबाइल सुधीर मंडावी के माध्यम से पुनाराम तक पहुँचाया। पुनाराम और उनके परिवार ने इस नेक कार्य के लिए दरबारी राम का आभार व्यक्त किया और कहा, “संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं अनुयायियों को नैतिकता और ईमानदारी के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।”
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं का प्रभाव
संत रामपाल जी महाराज सत्य, ईमानदारी और मानवता पर जोर देते हैं। उनके अनुयायी इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारते हैं, जिसका प्रमाण दरबारी राम का यह कदम है। उनकी शिक्षाओं ने यह साबित किया है कि सही मार्गदर्शन से व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बदल सकता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का स्रोत भी बन सकता है।
समाज में नैतिकता और ईमानदारी का संदेश
इस घटना से यह संदेश मिलता है कि आज भी समाज में ईमानदारी और नैतिकता जैसे मूल्य जीवित हैं। दरबारी राम का यह कार्य प्रेरणा देता है कि सच्चाई और मानवता के साथ समाज में विश्वास और सद्भाव बनाए रखा जा सकता है। पुनाराम और उनके परिवार के लिए यह घटना न केवल राहत का कारण बनी, बल्कि यह भी साबित हुआ कि समाज में अब भी ऐसे लोग हैं जो दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
संत रामपाल जी के अनुयायियों का समाज सुधार में योगदान
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी समाज में नैतिकता और मानवता के प्रसार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
1. छुआछूत और जातिवाद का विरोध
2. दहेज प्रथा का अंत
3. नशा मुक्त अभियान
4. रक्तदान और देहदान शिविर
5. भ्रूण हत्या और पाखंडवाद के खिलाफ अभियान
6. प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
7. निःशुल्क एंबुलेंस सेवा
8. स्वच्छता और खेलों को बढ़ावा देना
9. कोरोना काल में खाद्य सामग्री वितरण
निष्कर्ष
दरबारी राम गायकवाड़ के इस कदम ने यह सिद्ध कर दिया कि संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं केवल शब्दों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके अनुयायी उन्हें अपने जीवन में अपनाते हैं। यह घटना समाज को प्रेरित करती है कि नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
यदि आप भी संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं को जानना चाहते हैं, तो “Sant Rampal Ji Maharaj App” डाउनलोड करें या उनकी आधिकारिक वेबसाइट https://www.jagatgururampalji.org/ पर जाएँ।