आजकल कई लोग बाहर से स्वस्थ और तंदुरुस्त भले ही दिखाई देते हैं, लेकिन दैनिक कामकाजों में व्यस्त होने के कारण कई बीमारियों का शिकार भी बन जाते हैं। इन दिनों भारत में हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का फैलाव काफी तेजी से बढ़ रहा है। इन बीमारियों को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इनके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते हैं। हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के कारण हृदय रोग, किडनी की समस्याएं और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो जाती हैं।
आइए जानते हैं इन बीमारियों से सुरक्षित रहने के 5 आसान तरीकों के बारे में, जिन्हें अपनाकर हम कैसे इन बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं पढ़िए हमारा यह लेख…
हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ की दहशत
भारत में आजकल दो ‘साइलेंट किलर’ – हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) और डायबिटीज़ (मधुमेह) — तेजी से फैल रहे हैं और यह स्थिति बेहद चिंता का विषय बन चुकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा The Lancet Diabetes & Endocrinology जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 315 मिलियन (31.5 करोड़) लोग उच्च रक्तचाप से और 101 मिलियन (10.1 करोड़) लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। देश की आबादी का 11.4% डायबिटिक है और 35.5% को उच्च रक्तचाप है। ये आंकड़े हमारे स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं।
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हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के 5 हानिकारक लक्षण
हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ प्रारंभिक चरण में अक्सर लक्षणहीन होते हैं, इसलिए इन्हें ‘साइलेंट किलर’ कहा जा रहा है। यह दो ऐसी बीमारियाँ हैं जो हमारे जीवनशैली और आहार से जुड़ी हुई हैं। अगर इन बीमारियों को समय पर पहचाना और इलाज नहीं किया जाए तो यह हमारे लिए हानिकर साबित हो सकती है। यहाँ 5 हानिकारक लक्षण दिए गए हैं:
1. शारीरिक निष्क्रियता (बैठे रहने की आदत):
लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना (जैसे ऑफिस वर्क, मोबाइल यूज़ या टीवी देखना) मेटाबॉलिज्म को धीमा करता है और ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर को असंतुलित कर देता है। यह आदत इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापे की जड़ है।
2.अचानक चक्कर आना: अचानक चक्कर आना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ का एक हानिकारक लक्षण हो सकता है। यह लक्षण रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण हो सकता है।
3. सिरदर्द और थकान: सिरदर्द और थकान हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के हानिकारक लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण हो सकते हैं।
4. दृष्टि में कमी: दृष्टि में कमी हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ का एक हानिकारक लक्षण हो सकता है। यह लक्षण रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण हो सकता है।
5.हृदय समस्याएं: हृदय समस्याएं हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के हानिकारक लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण हो सकते हैं।
6. किडनी की समस्याएं: किडनी की समस्याएं हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के हानिकारक लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण हो सकते हैं।
हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ से बचने के लिए 5 महत्वपूर्ण उपाय
हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ दो ऐसी बीमारियाँ हैं जो हमारे जीवनशैली और आहार से जुड़ी हुई हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो आपको स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। भारत में इन रोगों से जूझ रहे लाखों लोग इन 05 बुनियादी तरीकों को अपनाकर अपना नियंत्रण पा सकते हैं::
1. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करता है। व्यायाम से रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसीलिए कम‑से‑कम रोज 30 से 60 मिनट के लिए बाहर दौड़ना चाहिए या फिर साइकिल चलाना चाहिए। यह ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रण में कारगर साबित होता है
2. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लेना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करता है। आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करना चाहिए। तथा शक्कर का सेवन नियंत्रित करे और अतिरिक्त चाय, मीठे पेय और जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।
3. वजन प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करता है। वजन कम करने से रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके लिए हमेशा हल्का आहार ही लेना चाहिए न कि पेट भरकर खाना यह सेहत के लिए हानिकारक होता है।
4. तनाव प्रबंधन: तनाव को प्रबंधित करना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करता है। तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, ईश्वर की शास्त्रानुकूल भक्ति तथा आध्यात्मिक पुस्तके जैसे ज्ञान गंगा, जीने की राह को ऑनलाइन सोशल मीडिया से निःशुल्क मंगवाकर पढ़ना चाहिए।
5. नियमित जाॅंच: नियमित जाॅंच करवाना हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ का पता लगाने में मदद करता है। नियमित जांच से इन बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद मिलती है। विशेषकर 30 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को वर्ष में कम‑से‑कम एक बार ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच अवश्य करवानी चाहिए।
आध्यात्मिक भक्ति से पाएं बीमारियों से छुटकारा
अध्यात्म सिर्फ एक विश्वास नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को स्थायी रूप से पाने के लिए संतों द्वारा बताई गई शास्त्रानुसार सतभक्ति को अपनाना, आज के युग में भी पूर्णतः वैज्ञानिक और प्रभावशाली उपाय है। संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी जा रही शास्त्रानुकूल भक्ति विधि के माध्यम से लाखों लोगों ने न केवल मानसिक शांति पाई है, बल्कि अनेक असाध्य बीमारियों से छुटकारा भी पाया है। उनसे नामदीक्षा लेकर आप भी अपने जीवन को रोगों से मुक्त और सुखमय बना सकते हैं।
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हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी:
Q1: क्या आध्यात्मिक भक्ति से हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ से छुटकारा पाया जा सकता है?
उत्तर: हां, पूर्ण संत से प्राप्त सतभक्ति विधि से इन बीमारियों सहित कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति संभव है।
Q2: हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ के लिए क्या खाऍं?
उत्तर: फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, कम फैट युक्त प्रोटीन और कम मीठा आहार उपयुक्त रहता है।
Q3: तनाव कैसे नियंत्रण में लाऍंं?
उत्तर: ध्यान, योग, और आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन जैसे “ज्ञान गंगा” और “जीने की राह” से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
Q4: जांच कितनी बार करानी चाहिए?
उत्तर: 30 वर्ष की आयु के बाद वर्ष में एक बार ब्लड शुगर और BP की जांच ज़रूर कराएं।
Q 5. बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
उत्तर: बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा लेकर शास्त्रानुकूल सतभक्ति करें।