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Home » देसी अध्यापिका विदेश में रहते हुए भी गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से लेती हैं सैलरी

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देसी अध्यापिका विदेश में रहते हुए भी गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से लेती हैं सैलरी

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Last updated: August 18, 2024 11:57 am
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देसी अध्यापिका विदेश में रहते हुए भी गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से लेती हैं सैलरी
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विदेश में रहते हुए भी शिक्षिका को गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से मिल रही है सैलरी 

शिक्षक को बच्चों का भविष्य निर्माता कहा जाता है। शिक्षक ही वह कड़ी है ,जो बच्चों के भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। बेहतर जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। लेकिन हाल ही में गुजरात राज्य की बनासकांठा जिले के पांचा गांव के सरकारी स्कूल से आश्चर्य चकित कर देने वाला मामला सामने आया हैं। पिछले 8 साल से अमेरिका में रहते हुए भी भावना बेन पटेल को गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से मिल रही है सैलरी।

Contents
विदेश में रहते हुए भी शिक्षिका को गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूल से मिल रही है सैलरी 8 साल से अमेरिका में रह रही हैं सरकारी स्कूल की टीचर, लेती हैं सरकार से सैलरी, अब जाकर खुली पोलपांचा के प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों का क्या कहना है?पांचा गांव के प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्कूल की मुख्य शिक्षिका पर लगाया आरोपगुजरात के शिक्षा मंत्री ने जांच करने के आदेश दिए राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंशेरियां ने शिक्षिका की लापवाही पर क्या बयान दिया?

8 साल से अमेरिका में रह रही हैं सरकारी स्कूल की टीचर, लेती हैं सरकार से सैलरी, अब जाकर खुली पोल

मुख्य शिक्षिका भावना पटेल पिछले 8 सालों से गुजरात के बनासकांठा जिले के पांचा गांव में स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल से सैलरी प्राप्त कर रही हैं। भावना 2016 में अमेरिका चली गई थीं और उन्हें वहां का ग्रीन कार्ड भी मिला हुआ है। वह साल में केवल एक महीने के लिए अपनी ड्यूटी देने आती हैं और पूरे साल की सैलरी ले जाती हैं।

पांचा के प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों का क्या कहना है?

पांचा के सरकारी प्राइमरी स्कूल के स्टाफ ने बताया कि भावना बेन पटेल के विद्यार्थी कक्षा 2 में पढ़ रहे थे। वर्तमान में वह कक्षा 5वीं में पहुंच चुके हैं, जिस क्लास की मुख्य शिक्षिका पटेल हैं उन्हें बच्चों ने कभी देखा भी नहीं हैं। इस पर अभिभावकों का कहना है कि उनके स्कूल न आने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

पांचा गांव के प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्कूल की मुख्य शिक्षिका पर लगाया आरोप

प्रधानाचार्य के आरोपों के बारे में जानकारी मिलने पर गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए। 

गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले के अंबाजी मंदिर के पास स्थित पांचा गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल पारुल मेहता ने अपनी मुख्य शिक्षिका पर आरोप लगाया है कि वह पिछले 8 सालों से अमेरिका में रह रही हैं। वह 2016 में अमेरिका चली गई थीं। उनको वहां का ग्रीन कार्ड मिला हुआ है। वह साल में केवल एक महीने के लिए गुजरात आती हैं। वह भी दिवाली के समय जब स्कूल की छुट्टी रहती है।

पिछले दो सालों से उनके क्लास के बच्चों ने उन्हें देखा भी नहीं हैं। वह न तो बच्चों से मिलती हैं और न उनसे बात करती हैं। वह केवल कथित तौर पर शिक्षिका बनी हुई हैं। अमेरिका में रहने के कारण पैड लीव पर भी हैं। उन्हें या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या वापस आ जाना चाहिए। इसके बावजूद भावना बेन पटेल का स्कूल के रजिस्टर में नाम चल रहा है। इस संबंध में बहुत बार शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन कोई उचित सुनवाई नहीं हुई।

गुजरात के शिक्षा मंत्री ने जांच करने के आदेश दिए 

प्रिंसिपल पारुल मेहता के भावना पटेल पर लगाए आरोपों की जानकारी होने के पश्चात गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने जांच के आदेश देते हुए मीडिया के सामने जिला अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट मांगी और कहा कि अनाधिकृत दोषी पाए जाने पर हम शिक्षिका को दण्डित करेगें और उसे दिया गया वेतन वापस लिया जाएगा।

राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंशेरियां ने शिक्षिका की लापवाही पर क्या बयान दिया?

शिक्षिका भावना, बनासकांठा के दांता ताल्लुका में 11 शिक्षिकाओं में से एक हैं। अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्राथमिक रिर्पोट के अनुसार वह नियमित अंतराल पर छुट्टियां लेती रही हैं। हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि उनको जनवरी माह में वेतन नहीं मिला है। वह विदेश में रह रही हैं और अन्य योजना के लाभ उठाते हुए दोषी पाए जाने पर हम उन पर सख्त कार्रवाई करेगें। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार शिक्षका को सेवा से बर्खास्त तब किया जा सकता है जब वह 1 साल या उससे अधिक अनुस्पस्थित रहे। 

शिक्षिका ने अधिकारियों द्वारा भेजे गए नोटिस के जवाब में सितंबर में ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही है जबकि उनकी बात को खारिज कर दिया गया है और उन्हें तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया।

इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि “यह एक सुव्यवस्थित घोटाला है और राज्य सरकार को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए”।

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