प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत देश भर के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्ही में से एक पीएम फसल बीमा योजना भी है। इस योजना के तहत सोमवार को 35 लाख किसानों को 3900 करोड रुपए की बीमा राशि डिजिटल भुगतान के जरिए उनके खाते में हस्तांतरित की गई। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झुंझुनू में आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम भुगतान कार्यक्रम में बटन दबाकर किसानों के खातों में बीमा राशि का डिजिटल भुगतान किया ।
8000 करोड़ रुपए की अगली किस्त
केंद्रीय मंत्री चौहान ने बताया कि जिन किसानों के खातों में आज राशि नहीं पहुंची है उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आगे और भुगतान किया जाएगा। जिस प्रकार पहले किस्त पहुंची है इसी प्रकार आगे 8000 करोड रुपए और जारी किए जाएंगे जिससे किसानों को राहत मिल सके।
बीमा कंपनियों के लिए भी सख्त नियम
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि अगर कोई बीमा कंपनी दावा करने के बाद भी निर्धारित समय पर भुगतान नहीं करती है तो कंपनी पर 12% ब्याज का जुर्माना लगेगा और ब्याज की यह राशि भी किसानों के खातों में ही सीधी जमा की जाएगी। शिवराज सिंह चौहान जी ने कहा कि यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए वरदान है और सरकार उनकी हर संभव मद्द करेगी।
किसानों के कल्याण की शपथ
अपने संबोधन में मंत्री चौहान जी ने किसानों से कहा कि किसान भाइयों और बहनों आपकी सेवा ही मेरे लिए ईश्वर की पूजा है। अगर आपको फसल बीमा योजना से जुड़ी कोई भी शिकायत है तो कृपया मुझे सूचित करें, हम हमेशा आपके साथ हैं। मधु चौहान जी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस योजना की शुरुआत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के आर्थिक नुकसान से बचने के लिए की है।
2016 से चल रही है योजना
2016 में शुरू की गई यह योजना बाढ़, सूखा, चक्रवात, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश और बीमारियों से होने वाले फसल नुकसान के खिलाफ एक कवच की तरह काम करती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की 18 फरवरी 2025 को वर्षगांठ है। यह किसानों की आय को स्थिर रखने और उन्हें नई खेती तकनीक अपनाने के लिए भी मदद करेगी।
बीमा राशि को बढ़ाया व फैलाया गया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट के साथ 2025-26 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम-आधारित फसल बीमा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी। यह योजना भले ही स्वैच्छिक है, लेकिन 2023-24 में इसे 55% गैर-ऋणी किसानों तक भी पहुँचाया गया।
सरकार ने राजस्थान के किसानों के लिए योजना के लाभ में बढ़ोतरी की है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाले ₹6000 के अलावा, उन्हें ₹6000 अतिरिक्त भी दिए जाएंगे। राजस्थान के विभिन्न जिलों के लाखों किसानों को इस कार्यक्रम से लाभ मिला है।
सिर्फ इतना ही नहीं, देश के 23 राज्यों के किसान इस कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े, जिनमें मध्य प्रदेश के किसान भी शामिल थे। मध्य प्रदेश के किसानों के खातों में 1,156 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए हैं।
बीमा आवेदन की अंतिम तिथि
● गैर-ऋणी किसान: वर्शकालीन फसल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 14 अगस्त 2025 बताई जा रही है।
● ऋणी किसान: वर्षाकालीन फसल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 बताई जा रही है।
पीएम फसल बीमा योजना का लाभ कैसे उठाएँ
पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को हुए नुकसान पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। आवेदन करने के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या निर्धारित एजेंट के पास जाकर फॉर्म भर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन भी पीएम फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
बीमा योजना से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या या सवाल पर आप फसल बीमा योजना के टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का टोल फ्री नंबर 14447 है।
फसल बीमा के लिए निर्धारित दस्तावेज
इस योजना के तहत फसल का बीमा करने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों की जरूरत होगी-
● पासपोर्ट साइज फोटो
● बैंक पासबुक की कॉपी
● आधार कार्ड
● पहचान पत्र
● खेत के कागजात
● फसल की घोषणा
बीमा के तहत कौन-कौन सी फसल होगी कवर
पीएम फसल बीमा योजना में लगभग उन सभी फैसलों को कवर किया जाएगा जिन्हें सरकार की ओर से मान्यता मिली हुई है। इस योजना के तहत खाद्यान्न, तिलहन, वाणिज्यिक या बागवानी की फसलें कवर की जाती हैं।
बीमा राशि प्राप्त हुई या नहीं, कैसे करें चेक?
सबसे पहले आप पीएम बीमा किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए। उसके बाद वेबसाइट के होम पेज पर क्लिक करें जहां दिए गए फॉर्म कॉर्नर ऑप्शन पर जाए। यहां रजिस्टर मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज कर, लॉगिन करे। फिर आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, इसे दर्ज करें। फिर दिए गए किसान क्लेम स्टेटस या एप्लीकेशन स्टेटस पर क्लिक करें। इसके बाद मांगी गई डिटेल जैसे की पॉलिसी नंबर, आधार नंबर इत्यादि ध्यान पूर्वक भरे।अंत में आपके सामने स्टेटस शो हो जाएगा।
इस बात का ध्यान रखें की फसल के नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को 72 घंटे के भीतर देनी होती है। इसके बाद सभी जरूरी दस्तावेज और फसल के नुकसान के प्रमाण मुहैया करने होते हैं, तो ही इस योजना का लाभ उठा पाओगे।
किन राज्यों में फ्री में होगा फसल बीमा?
वैसे तो सभी राज्यों में पीएम फसल बीमा योजना के लिए बस नाममात्र का प्रीमियम ही देना होता है परंतु फिर भी कुछ ऐसे राज्य हैं जहां कोई प्रीमियम नहीं देना होता है।
हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट राज्यों को कोई पैसा नहीं देना होता है बीमा के लिए।
प्रकृति
प्राकृतिक आपदाएँ शास्त्रों के अनुसार तभी आती हैं जब पृथ्वी पर पाप फैल जाता है। चोरी, ठगी, राक्षस और युद्ध सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में भी होते आए, परंतु अब यह पाप कलियुग में विशेष रूप से बढ़ गए है।
आज हम अपने शास्त्रों से दूर हो गए हैं। परमात्मा ने हमें शास्त्र पढ़ने का आदेश इसलिए दिया था ताकि हम उनके बारे में सही जानकारी प्राप्त कर मोक्ष हासिल कर सकें। परंतु हमने हमारा समय इस शिक्षा का दुरुपयोग करके बम, रॉकेट और युद्ध की सामग्री बनाने में लगा दिया। हम अपने मूल उद्देश्य को भूल गए।
भगवद गीता अध्याय 3 श्लोक 10 में कहा गया है —
“सृष्टि के आरंभ में प्रजापति ब्रह्मा ने मानव जाति को कर्तव्य सहित उत्पन्न किया और कहा कि इन यज्ञों के अनुष्ठान में सफल हो जाओ, क्योंकि यह तुम्हें वह सब प्रदान करेंगे, जिसकी तुम इच्छा रखते हो।”
आज संत रामपाल जी महाराज हमें वेदों के अनुसार पाँच प्रकार के यज्ञ बताते और करवाते हैं —
- हवन
- प्रणाम
- ज्ञान
- ध्यान
- धर्म
इन पाँचों यज्ञों को करने से मनुष्य पुण्य अर्जित करता है और समस्त देवी-देवता प्रसन्न रहते हैं, जिससे सांसारिक आपदाओं का कष्ट भोगना नहीं पड़ता। अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी रोजाना शाम 7:30 बजे।