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Home » Effect of Mobile Phone on Child: क्या आपका बच्चा भी है स्क्रीन की लत का शिकार, तो हो जाएं सावधान 

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Effect of Mobile Phone on Child: क्या आपका बच्चा भी है स्क्रीन की लत का शिकार, तो हो जाएं सावधान 

SA News
Last updated: August 2, 2024 11:58 am
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Effect of Mobile Phone on Child in Hindi
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Effect of Mobile Phone on Child: आजकल घर घर में मोबाइल बच्चों के लिए खिलौना बन चुका है। दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से ही बच्चे और किशोरों के रहन सहन में बड़े बदलाव हुए हैं। महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षण का ट्रैंड बढ़ने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तो हुआ है परंतु बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्याएं स्क्रीन पर ध्यान अधिक देने से काफी बढ़ गई हैं। 

Contents
मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैंEffect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन की लत से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा हैEffect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन टाइम से जुड़े मुख्य बिंदुअनैतिक कार्यों में मोबाइल का योगदान बढ़ रहा है Effect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन की लत से बच्चों को कैसे बचाएं?सत्संग सुनने और पुस्तकें पढ़ने से बच्चों में नैतिक गुण आएंगे और उनका शरीर भी स्वस्थ रहेगानिम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं

Effect of Mobile Phone on Child: डॉक्टरों का कहना है कि मोबाइल और लैपटॉप के अधिक उपयोग से आंखों से संबंधित समस्याओं में इज़ाफा हुआ है।  सामान्य अवस्था में कोई व्यक्ति 1 मिनट में औसतन 12 से 15 बार पलक झपकाता है, परंतु अब 1 मिनट में सिर्फ 3 से 5 बार ही पलक झपका रहे हैं। लगातार 3 घंटे तक स्क्रीन में बने रहने से आंखों में जलन, धुंधला सा दिखाई देना, आंखों की नमी कम होना और खुजली होने की संभावनाएं बढ़ रही हैं।

Effect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन की लत से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है

रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रीन की लत से बच्चों की आंखे ही नहीं अपितु शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। आड़ा तिरछा बैठकर मोबाइल और लैपटॉप देखने से रीढ़ की हड्डी में दर्द, जकड़न, सिर और गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ रही हैं। इसके अलावा बच्चे और किशोर युवाओं में स्मरण शक्ति का ह्रास और एकाग्रता की कमी देखने को मिल रही है।

■ Also Read: AI Smartphone User Experience को बदल रहा है: Apple, Realme और अन्य Mobiles

एक मनोचिकित्सक ने बताया कि इन मरीजों में स्क्रीन एडिक्शन के चलते नींद पूरी ना होना, चिड़चिड़ापन, पढ़ाई में ध्यान ना दे पाना, याददाश्त की कमी और मानसिक विकार, ब्लड प्रेशर, न्यूट्रीशन की कमी, शुगर, मोटापा, हृदय संबंधी जैसी समस्याएं देखने को अधिक मिल रही हैं।

Effect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन टाइम से जुड़े मुख्य बिंदु

  • मोबाइल फोन के ज़्यादा इस्तेमाल से बच्चों की आंखें कमज़ोर होने के साथ-साथ उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी हो रहा है प्रभावित। 
  • बीते कुछ वर्षों से देश में स्क्रीन एडिक्शन के मरीज़ों की संख्या बढ़ी है, बच्चों में आंखों की समस्याओं के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
  • मोबाइल स्क्रीन में देर तक फोकस करने से आंखों की कोशिकाएं सूख जाती हैं और आंख की पुतलियों में एनाटॉमी बदलाव आ जाता है, आंख की आई बॉल फैल जाती हैं। जिसके कारण मायोपिया होने की संभावना हो सकती है।
  • अभिभावक को चाहिए कि बच्चे को कम से कम मोबाइल दें तथा अध्यात्म के प्रति उसकी रुचि बढ़ाने के लिए धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करें।

अनैतिक कार्यों में मोबाइल का योगदान बढ़ रहा है 

Effect of Mobile Phone on Child: बीते कुछ वर्षों में देखा गया है कि बच्चे एवं युवा शारीरिक खेलों की अपेक्षा वीडियो गेम खेलने में अपना ज़्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। इसके अलावा युवाओ में मोबाइल के स्वतंत्र उपयोग से अनैतिक व्यवहार भी बढ़ गया है जो अश्लीलता और हिंसा के रूप में सामने आ रहा है। 

Effect of Mobile Phone on Child: स्क्रीन की लत से बच्चों को कैसे बचाएं?

  • बच्चों को कम से कम मोबाइल और लैपटॉप इस्तेमाल करने दें।
  • वीडियो गेम न खेलने दें, इसकी जगह उन्हें पार्क में खेलने भेजें। फुटबॉल, स्वीमिंग, रनिंग, योगा जैसी क्रियाएं करवाएं।
  • बच्चों और युवाओं को कंप्यूटर और लैपटॉप पर गेम खेलने की अपेक्षा शारारिक खेल के लिए प्रेरित करें और ज़्यादा से ज़्यादा खेल कूद कराएं। जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास हो पाए।
  • मोबाइल के दुरुपयोग से बचाने के लिए आध्यात्मिक पुस्तक पढ़वाएं एवं कहानियां सुनाएं, जिससे बच्चों को अध्यात्म की ओर रुचि बने और उनके अंदर अच्छे विचार उत्पन्न हों।

सत्संग सुनने और पुस्तकें पढ़ने से बच्चों में नैतिक गुण आएंगे और उनका शरीर भी स्वस्थ रहेगा

अश्लील वीडियो और हिंसक वीडियो गेम्स (Video Games) को बंद करने के लिए सरकार को भी उचित और कड़े कदम उठाने की आवश्कता है क्योंकि बच्चे ही हमारे भविष्य की नींव रखते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी और उनके शिष्यों का मानना है कि अश्लीलता और वीडियो गेम्स खेलना समय की बर्बादी है और ये बच्चे के भविष्य को खराब करते हैं। एक स्वच्छ समाज के निर्माण के लिए बच्चों का नैतिक विकास होना आवश्यक है। तत्वदर्शी संत ‘संत रामपाल जी महाराज जी” इलैक्ट्रानिक मीडिया के सदुपयोग और सत्संग सुनने के लिए प्रेरित करते हैं। अधिक जानकारी के लिए SA News YouTube Channel विज़िट करें।

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