मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा गणपति मंडल को इस वर्ष एक बेहद खास भेंट मिली है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी ने भगवान गणेश को 20 किलो सोने का मुकुट भेंट किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह मुकुट लालबाग के राजा की प्रतिमा को गणेशोत्सव के दौरान सजाएगा, जो हर साल लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहता है।
Ganesh Chaturthi 2024: कैसी है लालबाग की सजावट?
इस वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर लालबाग के राजा की सजावट और भी भव्य हो गई है, और अनंत अंबानी की यह भेंट चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है। इस मुकुट को शुद्ध सोने से बनाया गया है और इसे बनाने में बेहद कुशल कारीगरों की मदद ली गई है। यह मुकुट ना सिर्फ इसकी कीमत के लिए बल्कि इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए भी अहमियत रखता है।
अंबानी परिवार की अटूट आस्था
लालबाग के राजा के प्रति अंबानी परिवार की आस्था लंबे समय से है, और हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर वे बड़े उत्साह से पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार की भेंट ने उनकी भक्ति और समर्पण को एक नया आयाम दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस भव्य मुकुट की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां लोग इस अनोखी भेंट की सराहना कर रहे हैं।
गणेश चतुर्थी, जो मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाई जाती है, इस बार और भी खास हो गई है। लालबागचा राजा को भगवान गणेश का एक प्रमुख रूप माना जाता है, और इस मंडल में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। अंबानी परिवार का यह उपहार इस गणेशोत्सव को और भी गौरवपूर्ण बना रहा है। अनंत अंबानी द्वारा भेंट किए गए इस सोने के मुकुट ने भक्तों और गणेश मंडलों में नई चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की भव्य भेंटें न केवल धार्मिक आयोजनों की शोभा बढ़ाती हैं, बल्कि उनके ईश्वर के प्रति समर्पण और श्रद्धा का भी प्रतीक होती हैं।
पूर्ण लाभ चाहिए तो आज ही ग्रहण करें आदि गणेश की शरण
देखा जाए तो ये बातें लोगों में उत्सुकता तो बढ़ाती है, लेकिन क्या केवल उत्सुकता बढ़ने से परमात्मा से लाभ प्राप्त करना संभव है? देखा जाएं तो ऐसा करना आर्थिक रूप से समर्थ व्यक्ति के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं। आजकल अमीरों के बीच ऐसी होड़ लगी हुई है। समृद्ध व्यक्तियों में अपनी धन संपत्ति या वैभव की प्रदर्शनी करना या दिखावा करना अपने स्टेटस या नेम फेम लाइमलाइट में रहने के लिए एक बहुत आवश्यक कार्य माना जाने लगा है। परंतु आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ये सिर्फ और सिर्फ फिजूल खर्च और दिखावा है।
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इससे कोई भी आध्यात्मिक लाभ नही । क्योंकि हमारे शास्त्रों में जो भक्ति विधि वर्णित है वही सिर्फ और सिर्फ लाभप्रद है। बाकी समय और पैसों की बरबादी मात्र ही है। श्रद्धालुओं को चाहिए को इस गणेश चतुर्थी पर श्री गणेशजी की शास्त्र विरुद्ध साधना को छोड़कर पूर्ण परमात्मा “आदि गणेश” यानी की कबीर साहेब जी की शास्त्र प्रमाणित सतभकती को अपनाएं।
जो भक्ति साधना आज इस पूरे विश्व में केवल संत रामपालजी महाराजजी के पास है। जो हमें वेदों, पुराणों, और गीताजी आदि को खोल खोलकर प्रमाणिक ज्ञान दे रहे है। भक्ति सेवा और दान का महत्व बता रहें है। अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल पर उनके लाइव सत्संग रोज शाम 7.30 बजे से।