यात्रा के दौरान माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने श्रद्धालुओं का खास ख्याल रखा। एक दर्जन से अधिक माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने श्री बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद की। बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई गई, साथ ही बीमार हुए कई श्रद्धालुओं को नजदीकी कैंपों तक पहुंचाया गया।
माउंटेन रेस्क्यू टीम में शामिल थे तीन फोर्स के जवान
माउंटेन रेस्क्यू टीमों में जम्मू कश्मीर पुलिस स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शामिल थे। इन टीमों को श्री बाबा अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले ही 24 जून को यात्रा के दोनों मार्गों पर संवेदनशील जगहों पर तैनात कर दिया गया था। पहलगाम यात्रा मार्ग पर 8 माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया जबकि बालटाल रोड पर 5 टीमें तैनात रही।
20,000 श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई ऑक्सीजन
माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने मदद की जरूरत महसूस कर रहे 1300 से अधिक श्रद्धालुओं को बचाया जबकि यात्रा कर रहे 20,000 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई। माउंटेन रेस्क्यू टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर राम सिंह के अनुसार सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों की भी मदद की गई, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाकर बीमार हो गए थे और बर्फ वाले क्षेत्र में परेशानी महसूस कर रहे थे।
बता दें की माउंटेन रेस्क्यू टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर राम सिंह माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस के पहले कर्मी हैं।
बीस हजार से अधिक रेनकोट श्रद्धालुओं में निशुल्क बांटे
बीस हजार से अधिक रेनकोट श्रद्धालुओं में निशुल्क बांटे गए। माउंटेन रेस्क्यू टीमों को यात्रा के मार्ग शेषनाग, महागणेश टाप, पोशपतरी, दर्द कोटे, संगम टाप, बरारी मार्ग और रेल पत्तरी में तैनात किया गया। टीम के हर सदस्य के पास व्यक्तिगत किट थी जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों के बचाव कार्यों में काम आने वाले उपकरण शामिल थे।
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इनमें हेलमेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, फर्स्ट एड किट, हिमस्खलन रॉड आदि शामिल थे। एसडीआरएफ के प्रवक्ता के अनुसार यात्रा के दौरान माउंटेन रेस्क्यू टीम का अहम योगदान रहा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों से बहुत कम लोगों की मौत हुई।
माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने सक्रिय होकर किया काम
माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने सक्रिय होकर काम किया। एसडीआरएफ की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें माउंटेन रेस्क्यू टीम श्रद्धालुओं की मदद करती नज़र आ रही है। एक महिला ने एसडीआरएफ के कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके बिना यात्रा संभव नहीं हो सकती थी। एसडीआरएफ के होते हुए, श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। इन टीमों के प्रशिक्षण और समन्वय से सुविधा बनी रही।