राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव स्थित एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब बारिश के कारण स्कूल की छत गिरने से 8 बच्चों की मृत्यु हो गई और 28 अन्य घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब बच्चों को बारिश के चलते प्रार्थना सभा के बजाय कक्षा के भीतर बैठाया गया था।
प्रशासन के अनुसार, कक्षा सात में कुल 35 बच्चे मौजूद थे जब भारी बारिश के बीच छत अचानक गिर गई। मलबे में दबे बच्चों को ग्रामीणों और स्टाफ की मदद से तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्भाग्यवश, 5 बच्चों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि 3 अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायल बच्चों में से 9 की हालत गंभीर है और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लापरवाही पर कार्रवाई: 5 शिक्षक निलंबित
घटना के तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना गर्ग सहित पाँच शिक्षकों—जावेद अहमद, रामविलास लववंशी, कन्हैयालाल सुमन और बद्रीलाल लोधा को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई प्राथमिक रूप से लापरवाही और सुरक्षा में चूक के आरोपों के मद्देनज़र की गई है।
मानवाधिकार आयोग की सक्रियता
राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 7 अगस्त तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी.आर. मूलचंदानी ने इस घटना को “मानव जीवन की घोर उपेक्षा” करार देते हुए दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई तथा पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
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ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बुराड़ी चौराहे पर मनोहरथाना-अकलेरा रोड को जाम कर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल की छत पहले से जर्जर थी, जिसकी मरम्मत नहीं कराई गई। कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया कि उक्त विद्यालय जर्जर सूची में शामिल नहीं था। लेकिन प्रशासन द्वारा हादसे के तुरंत बाद जेसीबी से स्कूल की शेष इमारत गिराने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई, क्योंकि इससे जरूरी साक्ष्य नष्ट होने की आशंका है।
राष्ट्रीय स्तर पर शोक की लहर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित देश के कई प्रमुख नेताओं ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्य और घायलों के इलाज में कोई ढिलाई न बरतने का निर्देश दिया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पीड़ित परिवारों की मदद में आगे आने की अपील की।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
यह हादसा राज्य के सरकारी विद्यालयों की जर्जर इमारतों और उनमें जारी शिक्षण व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा पुराने भवनों में कक्षाएं न लगाने का निर्देश दिया जा चुका था, ऐसे में यह जांच का विषय है कि पीपलोदी स्कूल की हालत पर समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया गया।