भारत में Ola, Uber, Rapido, Mega Cabs और MakeMyTrip जैसी कैब-बुकिंग सेवाएं लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी हैं। चाहे दफ़्तर के लिए जाना हो या मार्केट, बस या रेलवे स्टेशन पहुँचना हों, लोग मोबाइल ऐप के ज़रिए कहीं से भी कैब बुक करके अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं। ये सेवाएं खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी हैं, जिनके पास निजी वाहन नहीं है या जो ड्राइविंग नहीं करना चाहते हैं।
वहीं लोग Ola, Uber, Rapido, Mega Cabs और MakeMyTrip जैसी ऐप-आधारित किराए की टैक्सियों में अपना सफ़र पूरा करते हैं। ऐप-आधारित टैक्सियां आज के समय में लोगों की आम जरूरत बन चुकी है। लेकिन अक्सर यही देखने को मिलता है कि किराए, ड्राइवरों के ग़लत बर्ताव और राइड कैंसिलेशन को लेकर यात्रियों और ड्राइवरों के बीच विवाद होते ही रहते हैं।
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स की नई गाइडलाइन (MVAG 2025) जारी की है। जानिए इस लेख में नए बदलावों के बारे में विस्तार से…
पीक टाइम क्या है?
लेख में आगे बढ़ने से पहले ये जान लें कि गाइडलाइन में पीक – टाइम (Peak Hours) किसे कहा गया हैं? असल में पीक टाइम वह समय होता है जब यात्रियों को समय पर कैब की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। जैसे- सुबह 8 से 11 बजे के बीच लोगों को ऑफिस, कार्यालय आदि के लिए निकलने का समय और शाम 5 से 9 बजे के बीच ऑफिस, कार्यालय से लौटने का समय या कोई त्योहारी सीजन हो, इस समय सड़कों पर काफ़ी भीड़ होती है और यात्रियों को कैब की बहुत अधिक जरूरत होती है। इस समय कैब कंपनियां आमतौर पर ज्यादा किराया वसूलती हैं, जिसे डायनमिक प्राइसिंग कहा जाता है।
सरकार की नई MVAG 2025 गाइडलाइन
2025 New MVAG Guidelines: इस गाइडलाइन के तहत Ola, Uber, Rapido, Mega Cabs को पीक-समय के दौरान बेस फेयर (मूल किराए) से दुगना किराया वसूलने की अनुमति दी गई है। जबकि नॉन-पीक टाइम में किराया बेस फेयर से 50% तक कम लिया जा सकता है।

यानी किराया सस्ता हो सकता है, लेकिन बेस फेयर से आधे से कम नहीं होगा। पहले बेस फेयर की सीमा 1.5 गुना थी, लेकिन सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार ऐप-आधारित कैब कंपनियां अब यात्रियों से दुगना किराया वसूल सकेगी। इसके साथ ही, नई गाइडलाइन में कई अन्य नियम भी शामिल किए गए हैं। जिन्हें आप विस्तार से जानेंगे|
राइड कैंसलेशन करने पर भरना पड़ेगा जुर्माना
सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि किसी कैब ड्राइवर द्वारा कैब कैंसल की जाती है, तो उस पर मूल किराए से 10 फीसदी (100 रुपए अधिकतम) अधिक जुर्माना लगाया जाएगा। और यदि किसी यात्रि द्वारा कैब कैंसल की जाती है तो उन पर भी उसी तरह कैब कैंसिलेशन का जुर्माना लागू होगा। इस नई गाइडलाइन से खासकर वह लोग प्रभावित होंगे, जो नियमित रूप से कैब सेवाओं का उपयोग करते हैं। अब कैब कंपनियों द्वारा पीक टाइम में दोगुना किराया वसूलने से आम लोगों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ सकती हैं।
निजी बाइक अब चलेंगी टैक्सी के रूप में
केंद्र सरकार की MVAG 2025 के मुताबिक अब निजी मोटरसाइकिलों को भी Bike-Taxi के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है, बशर्ते राज्य सरकारें इसकी इजाज़त दें। अब Ola, Uber और Rapido, Mega Cabs जैसी ऐप-आधारित कैब कंपनियां राज्य सरकार की अनुमति पर अपनी निजी (नॉन-ट्रांसपोर्ट) बाइक्स का उपयोग भी यात्रियों के आवागमन में कर सकेंगी।
लाइसेंस के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल
सरकार द्वारा एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिससे सभी एग्रीगेटर्स लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। लाइसेंस की फीस ₹5 लाख रुपए तय की गई है। और इस लाइसेंस की वैधता 5 साल तक की रहेगी। ड्राइवरों के लिए मंज़ूरीशुदा बीमा (₹5–10 लाख), आठ वर्ष से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, डेड माइलिज समेत अन्य नियम लागू होंगे।
राज्य सरकारों को मिली जिम्मेदारी
New Guidelines MVAG 2025: नई गाइडलाइंस के मुताबिक अलग-अलग कैटेगरी की टैक्सियों के लिए बेस फेयर (मूल किराया) राज्य सरकार तय करेगी, यानी Ola, Uber, MakeMyTrip और Rapido जैसी ऐप-आधारित कंपनियों को वही किराया मूल माना जाएगा जो राज्य सरकार द्वारा तय किया जायेगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तीन महीने के अंदर नई “मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइन” (MVAG 2025) लागू करने का आदेश दिया है। राज्य अपनी जरूरत के अनुसार कुछ अतिरिक्त नियम भी बना सकते हैं। यह कदम देशभर में राइड-हेलिंग सेवाओं को बेहतर और एक जैसा बनाने में मदद करेगा।