भारत में जब भी स्वास्थ्य की बात होती है, तो आमतौर पर गंभीर बीमारियों की चर्चा होती है – कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह आदि। लेकिन एक ऐसी खामोश बीमारी जो चुपचाप लाखों ज़िंदगियों को प्रभावित कर रही है – “एनीमिया”। यह विशेष रूप से किशोर लड़कियों, गर्भवती महिलाओं और स्कूली बच्चों में तेजी से फैल रही है। आइए जानें इसके कारण, प्रभाव और समाधान…
एनीमिया क्या है? पहचानिए इन लक्षणों को: कहीं आप भी तो नहीं एनीमिया के शिकार?
एनीमिया वह स्थिति है जब शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन होता है जो हमारे रक्त को लाल रंग देता है और शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसके कम होने पर थकावट, कमजोरी और विकास में रुकावट जैसी समस्याएं होती हैं।
एनीमिया के लक्षण
● लगातार थकान और कमजोरी
● हल्के काम में भी सांस फूलना
● सिर दर्द और चक्कर आना
● त्वचा और आंखों के अंदरूनी हिस्सों का पीला पड़ना
● तेज़ दिल की धड़कन
● बच्चों और किशोरों का पढ़ाई में मन न लगना
● मिट्टी, चॉक जैसी चीजें खाने की इच्छा
भारत में एनीमिया: एक गंभीर जनस्वास्थ्य संकट
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के अनुसार किशोर लड़कियों में 59% से अधिक एनीमिया है। गर्भवती महिलाओं में यह आंकड़ा 52% है। जबकि 5 से 9 वर्ष के बच्चों में लगभग 67% अनीमिक पाए गए हैं। यह स्पष्ट करता है कि एनीमिया केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं बल्कि राष्ट्र की उत्पादकता और अगली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालने वाली चुनौती है।
एनीमिया के कारण: क्यों होती है खून की कमी?
- आयरन की कमी वाला भोजन – प्रोटीन और आयरन युक्त आहार की अनुपस्थिति
- विटामिन C की कमी, कैल्शियम की अधिकता (जो आयरन के अवशोषण में बाधा डालती है)
- हुकवॉर्म जैसे परजीवी संक्रमण
- महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान रक्त हानि
समाधान: एनीमिया को हराने के 7 शक्तिशाली उपाय
- प्रोटीन और आयरन युक्त भोजन
- हरी सब्ज़ियां: पालक, मेथी, सरसों का साग
- दालें: मसूर, चना, राजमा
- मोटे अनाज: बाजरा, ज्वार, रागी
- सूखे मेवे और बीज: किशमिश, खजूर, अंजीर
- गुड़ और शकरकंदी
- हरी सब्ज़ियां: पालक, मेथी, सरसों का साग
- विटामिन से भरपूर आहार
- नींबू, संतरा, आंवला, टमाटर
- सलाद में नींबू छिड़कना लाभकारी
- नींबू, संतरा, आंवला, टमाटर
- आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट (IFA गोलियां)
- किशोरियों को स्कूलों/आंगनबाड़ियों में साप्ताहिक IFA गोली
- गर्भवती महिलाओं को दूसरी तिमाही से
- स्कूली बच्चों को भी साप्ताहिक सप्लीमेंट
- किशोरियों को स्कूलों/आंगनबाड़ियों में साप्ताहिक IFA गोली
- कृमि मुक्ति (Deworming)
- साल में दो बार अल्बेंडाजोल दवा
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर वितरण
- साल में दो बार अल्बेंडाजोल दवा
- लोहे के बर्तनों का प्रयोग
- आयरन की मात्रा भोजन में बढ़ाने के लिए
- आयरन की मात्रा भोजन में बढ़ाने के लिए
- स्वच्छता और साफ जल का सेवन
- हाथ धोना, साफ पानी, शौचालय का उपयोग
- हाथ धोना, साफ पानी, शौचालय का उपयोग
- हीमोग्लोबिन की नियमित जांच
- लक्षण दिखने पर जांच करवाएं
- 7 g/dl से कम होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
- लक्षण दिखने पर जांच करवाएं
सरकार की पहल: “एनीमिया मुक्त भारत” की दिशा में ठोस कदम
- राष्ट्रीय पोषण मिशन (POSHAN Abhiyaan):
- पोषण शिक्षा, आहार विविधता, स्वास्थ्य जांच
- पोषण शिक्षा, आहार विविधता, स्वास्थ्य जांच
- एनीमिया मुक्त भारत (Anemia Mukt Bharat):
- यूनिसेफ व स्वास्थ्य मंत्रालय की 7 स्तंभों वाली योजना
- यूनिसेफ व स्वास्थ्य मंत्रालय की 7 स्तंभों वाली योजना
- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK):
- स्कूलों में स्वास्थ्य जांच, IFA वितरण, जागरूकता गतिविधियाँ
- स्कूलों में स्वास्थ्य जांच, IFA वितरण, जागरूकता गतिविधियाँ
समाज की सामूहिक जिम्मेदारी: आइए मिलकर बनाएं एनीमिया मुक्त भारत
● खून की कमी समाज की उत्पादकता को भी प्रभावित करती है
● कमजोर बच्चे पढ़ाई में पिछड़ते हैं
● गर्भवती महिलाओं में प्रसव जटिलताएं
● कुपोषित शिशुओं का जन्म
एनीमिया से बचाव कैसे करें:
● बच्चों की थाली रंगीन बनाएं – हरी सब्जियां, फल, अनाज
● Deworming और आयरन की गोली का पालन सुनिश्चित करें
● स्कूल से मिली दवाइयों को नजरअंदाज न करें
किशोरियों के लिए सुझाव:
● आयरन युक्त नाश्ता करें
● कमजोरी पर तुरंत माता-पिता को बताएं
● हर महीने हीमोग्लोबिन की जांच की आदत डालें
शिक्षकों और स्कूलों की भूमिका:
● IFA वितरण पर निगरानी
● स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन
● “खून की कमी” पर शैक्षिक गतिविधियाँ
निष्कर्ष
“खून की कमी” भारत में एक अदृश्य पर गंभीर चुनौती है। यह लाखों ज़िंदगियों को प्रभावित कर रही है और देश की प्रगति को धीमा कर रही है। अच्छी खबर यह है कि – यह पूरी तरह रोकी जा सकती है। संतुलित आहार, स्वास्थ्य शिक्षा और सरकारी योजनाओं का समर्थन करके हम भारत को “एनीमिया मुक्त” बना सकते हैं। आइए, मिलकर इस लक्ष्य की ओर बढ़ें।