नई दिल्ली, 26 जून 2025 – राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया की उन रिपोर्टों का स्पष्ट खंडन किया है जिनमें दावा किया गया था कि भारत सरकार 15 जुलाई 2025 से दो-पहिया वाहनों पर टोल शुल्क (Toll Tax For Two Wheeler) लगाने की योजना बना रही है। यह स्पष्टीकरण कुछ मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैली गलत जानकारी के जवाब में आया है, जिससे देश के विशाल दो-पहिया समुदाय में चिंता और भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी।
भारत में लगभग 21 करोड़ पंजीकृत दो-पहिया वाहन हैं, और इन सभी मालिकों के लिए यह स्पष्टीकरण एक बड़ी राहत की बात है। NHAI और मंत्री गडकरी ने इन अफवाहों को ‘फेक न्यूज’ करार देते हुए जनता से सत्यापित जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है।
Toll Tax For Two Wheeler: विवाद की पृष्ठभूमि और कारण
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स में यह सुझाव दिया गया था कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो-पहिया वाहनों के लिए लंबे समय से चली आ रही टोल छूट को समाप्त करने पर विचार कर रही है। इन रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि 15 जुलाई 2025 से दो-पहिया वाहन उपयोगकर्ताओं को टोल प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क का भुगतान करना होगा, संभावित रूप से FASTag-आधारित सिस्टम के माध्यम से।

Toll Tax For Two Wheeler: यह अटकलबाजी गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए नए FASTag-आधारित वार्षिक पास की सरकारी घोषणा के बाद जोर पकड़ी, जिससे यह धारणा बनी कि दो-पहिया वाहनों को भी टोलिंग ढांचे में शामिल किया जा सकता है। बिहार के सांसद पप्पू यादव सहित कुछ विपक्षी नेताओं ने इस मौके का फायदा उठाकर सरकार की आलोचना की, जिससे यह कहानी और भी फैल गई।
Toll Tax For Two Wheeler पर NHAI और गडकरी की आधिकारिक सफाई
26 जून 2025 को NHAI ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक बयान जारी करके स्पष्ट किया: “#FactCheck: मीडिया के कुछ हिस्सों ने रिपोर्ट किया है कि भारत सरकार दो-पहिया वाहनों पर उपयोगकर्ता शुल्क लगाने की योजना बना रही है। #NHAI यह स्पष्ट करना चाहता है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दो-पहिया वाहनों पर टोल शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है। #FakeNews।”
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस भावना को दोहराते हुए X पर हिंदी में पोस्ट किया: “कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दो-पहिया (Two wheeler) वाहनों पर टोल टैक्स (Toll Tax For Two Wheeler) लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं। दो-पहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”
गडकरी ने आगे बताया कि दो-पहिया वाहन मालिक पहले से ही वाहन खरीदते समय सड़क कर का भुगतान करते हैं, जो राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क से उनकी छूट को उचित ठहराता है।
Toll Tax For Two Wheeler: संबंधित विकास और भविष्य की योजनाएं
भ्रम की स्थिति कारों, जीपों और वैनों जैसे गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए FASTag-आधारित वार्षिक पास की सरकार की हाल की घोषणा से उत्पन्न हुई प्रतीत होती है। 3,000 रुपये की कीमत वाला यह पास 15 अगस्त 2025 से NHAI-संचालित राजमार्गों पर 200 टोल-मुक्त यात्राओं की सुविधा प्रदान करेगा। यह पहल नियमित यात्रियों के लिए यात्रा को सुव्यवस्थित करने और लागत कम करने का उद्देश्य रखती है।
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इसके अतिरिक्त, NHAI दक्षता बढ़ाने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर एक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR)-FASTag-आधारित बैरियर-रहित टोलिंग सिस्टम की खोज कर रहा है। यह विकास दो-पहिया टोलिंग से असंबंधित है और अन्य वाहन श्रेणियों के लिए टोल संग्रह प्रक्रिया में सुधार पर केंद्रित है।
जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया
Toll Tax For Two Wheeler: NHAI और गडकरी की तत्काल स्पष्टीकरण का दो-पहिया उपयोगकर्ताओं और मीडिया निगरानीकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया है। प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य जांच इकाई ने भी X पर एक बयान जारी किया, जिसमें इस बात को दोहराया गया कि NHAI द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी और यह दावे झूठे थे।
X पर पोस्ट्स में जनता की राहत प्रतिबिंबित हुई, जहां @aoiventures और @BeingPolitical1 जैसे उपयोगकर्ताओं ने NHAI के स्पष्टीकरण को बढ़ावा दिया और अन्य लोगों से असत्यापित जानकारी साझा करने और बचने का आग्रह किया।
पत्रकारिता की जिम्मेदारी पर सवाल
Toll Tax For Two Wheeler: यह घटना दिखाती है कि डिजिटल समय में गलत जानकारी कितनी तेजी से फैलती है। गडकरी ने “ग़लत पत्रकारिता” की आलोचना की और कहा कि मीडिया को कोई भी खबर छापने से पहले सच जांच लेना चाहिए। 2008 के टोल नियम अभी भी वही हैं। दो-पहिया वाहन चालकों ने वाहन खरीदते समय सड़क कर पहले ही दे दिया होता है, इसलिए उन्हें टोल से छूट मिलती है।
FAQs on Toll Tax For Two Wheeler:
प्रश्न 1: क्या 15 जुलाई 2025 से दो-पहिया वाहनों पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क लगाया जाएगा?**
उत्तर: नहीं, दो-पहिया वाहनों पर टोल शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है। NHAI और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि दो-पहिया वाहनों के लिए टोल छूट बरकरार रहेगी।
प्रश्न 2: दो-पहिया वाहन टोल शुल्क की अफवाहें क्यों फैलीं?
उत्तर: ये अफवाहें संभावित रूप से गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए FASTag-आधारित वार्षिक पास की सरकारी घोषणा के कारण भ्रम से उत्पन्न हुईं, जो दो-पहिया वाहनों पर लागू नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गलत जानकारी ने इस अटकलबाजी को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 3: क्या भारत में किसी भी सड़क पर दो-पहिया वाहनों से टोल लिया जाता है?
उत्तर: राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के तहत दो-पहिया वाहन राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल से मुक्त हैं। हालांकि, यमुना एक्सप्रेसवे जैसे कुछ एक्सप्रेसवे पर दो-पहिया वाहनों पर टोल लग सकता है।
प्रश्न 4: FASTag वार्षिक पास क्या है और क्या यह दो-पहिया वाहनों पर लागू होता है?
उत्तर: 15 अगस्त 2025 से शुरू होने वाला FASTag वार्षिक पास कारों जैसे गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए है और 3,000 रुपये में 200 टोल-मुक्त यात्राएं प्रदान करता है। यह दो-पहिया वाहनों पर लागू नहीं होता, जो टोल-मुक्त ही रहते हैं।
प्रश्न 5: मैं टोल नीतियों के बारे में जानकारी कैसे सत्यापित कर सकता हूं?
उत्तर: NHAI वेबसाइट, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), या सत्यापित सरकारी सोशल मीडिया हैंडल जैसे आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। X पर PIB तथ्य जांच इकाई भी एक विश्वसनीय संसाधन है।
निष्कर्ष
NHAI और नितिन गडकरी की सफाई से लाखों दो-पहिया चालकों को भरोसा मिला है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर उनके लिए कोई टोल नहीं लगेगा। यह घटना बताती है कि अफवाहें कितनी जल्दी फैलती हैं और सच्चाई जानने के लिए सही जानकारी की जांच कितनी जरूरी है। दो-पहिया वाहन मालिक पहले से ही सड़क कर चुका चुके होते हैं, इसलिए वे बिना टोल दिए यात्रा कर सकते हैं। सरकार इस बीच दूसरे वाहनों के लिए टोल सिस्टम बेहतर करने पर ध्यान दे रही है। यह सफाई सिर्फ अभी की चिंता नहीं सुलझाती, बल्कि यह भी समझाती है कि आगे से किसी भी खबर पर भरोसा करने से पहले सरकारी या आधिकारिक स्रोत से पुष्टि करना जरूरी है।