ब्रिटेन में प्रवास अब सिर्फ योग्यता या आर्थिक स्थिति का विषय नहीं रह गया है। संचार कौशल, विशेषकर अंग्रेज़ी भाषा में दक्षता, अब एक अहम शर्त बन चुकी है। सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट है कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय अवसरों का लाभ उठाने के लिए अंग्रेज़ी सीखना भारतीय नागरिकों के लिए अनिवार्य हो जाएगा।
ब्रिटेन विदेशी वर्कर्स को एक निश्चित समय के बाद परमानेंट रेजिडेंसी (PR) देता है, जिससे उन्हें देश में स्थायी रूप से बसने की अनुमति मिलती है। भारत से ब्रिटेन जाने वाले वर्कर्स को भी PR का लाभ मिलता है। हालांकि, जल्द ही PR प्राप्त करने के लिए धाराप्रवाह अंग्रेज़ी बोलना अनिवार्य हो सकता है। आमतौर पर भारतीयों की अंग्रेज़ी अच्छी होती है, लेकिन ब्रिटिश एक्सेंट समझने में कठिनाई आती है, जिसे सरकार खत्म करना चाहती है।
‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, अब ब्रिटेन में बसने की योजना बना रहे लोगों को अंग्रेज़ी भाषा परीक्षा में बेहतर अंक लाने होंगे। IELTS/TOEFL जैसी परीक्षाएं, जिनका उपयोग विश्वविद्यालयों में दाखिले से लेकर PR आवेदन में होता है, अब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगी। प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर इमिग्रेशन पर व्हाइट पेपर ला रहे हैं, जिसमें यह बदलाव शामिल हैं।
ब्रिटेन में अंग्रेज़ी भाषा की अनिवार्यता से जुड़े मुख्य बिंदु:
- ब्रिटेन में प्रवास से पहले मान्यता प्राप्त अंग्रेज़ी भाषा परीक्षा आवश्यक
- IELTS और SELT प्रमुख मान्यता प्राप्त परीक्षाएं
- नौकरी, शिक्षा और सामाजिक जीवन में अंग्रेज़ी का ज्ञान आवश्यक
- भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन संसाधन उपलब्ध
- ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले आवेदकों के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता
बढ़ते इमिग्रेशन नियमों में पहली शर्त बनी भाषा
ब्रिटेन में प्रवास करने के इच्छुक लोगों के लिए अब अंग्रेज़ी ज्ञान पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गया है। यूके सरकार द्वारा इमिग्रेशन नीतियों में किए गए हालिया बदलावों में भाषा दक्षता को प्राथमिकता दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल नौकरी पाने में मदद करेगा, बल्कि सामाजिक रूप से बेहतर ढंग से एकीकरण में भी सहायक होगा।
प्रवासियों के लिए नई भाषा नीति
ब्रिटिश गृह कार्यालय (UK Home Office) द्वारा प्रस्तावित नीति के अनुसार अब सभी आवेदकों को वीज़ा से पहले मान्यता प्राप्त अंग्रेज़ी परीक्षा पास करनी होगी। यह विशेष रूप से वर्क वीज़ा, स्टूडेंट वीज़ा और सेटलमेंट वीज़ा पर लागू होगा।
IELTS और SELT अनिवार्य
ब्रिटेन में वीज़ा के लिए सबसे मान्यता प्राप्त परीक्षाएं IELTS (International English Language Testing System) और SELT (Secure English Language Test) हैं। अब इनमें न्यूनतम बैंड स्कोर हासिल करना अनिवार्य होगा।
स्थायी निवास (PR) के लिए अब उन्नत अंग्रेज़ी जरूरी
अब तक लंबे समय तक ब्रिटेन में रहने के लिए केवल बुनियादी अंग्रेज़ी ज्ञान पर्याप्त था, लेकिन नई नीति के तहत A-Level के समकक्ष अंग्रेज़ी ज़रूरी हो जाएगी। यदि कोई इस मानक को नहीं पूरा कर सका तो PR मिलने में 10 साल तक की देरी हो सकती है।
सामाजिक एकीकरण के लिए फ्लुएंसी ज़रूरी
ब्रिटिश होम ऑफिस का कहना है कि प्रवासी को बिना झिझक और धाराप्रवाह तरीके से अपनी बात कहने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही सामाजिक, शैक्षणिक और पेशेवर संदर्भों में लचीले और प्रभावी ढंग से संवाद करना आना चाहिए। सरकार का मानना है कि भाषा का स्तर ऊंचा होने से प्रवासी ब्रिटिश समाज में बेहतर ढंग से घुल-मिल पाएंगे।
नेट माइग्रेशन में कटौती और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य है ब्रिटेन में नेट माइग्रेशन की संख्या को घटाना, जो पिछले वर्ष 7.28 लाख तक पहुंच गई थी। सरकार मानती है कि प्रवास की दर पर नियंत्रण से देश के भीतर मौजूद लगभग 90 लाख बेरोज़गार नागरिकों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकेंगे। साथ ही विदेशी श्रमिकों पर निर्भरता कम होगी।
अंग्रेज़ी ज्ञान के प्रमुख लाभ
- रोज़गार के अवसर:अच्छी अंग्रेज़ी जानने वाले प्रवासियों को अधिक नौकरियां और बेहतर वेतन मिलते हैं।
- सामाजिक समावेशन में सहूलियत:स्थानीय लोगों के साथ संवाद में आसानी होती है, जिससे बेहतर सामंजस्य बनता है।
- शिक्षा में सफलता: स्टूडेंट वीज़ा धारकों के लिए अंग्रेज़ी सीखना ज़रूरी है ताकि वो अकादमिक रूप से सफल हो सकें।
- स्वतंत्र जीवन जीने की क्षमता: बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी आवश्यक सुविधाओं का उपयोग अंग्रेज़ी से आसान होता है।
FAQs: ब्रिटेन में प्रवासियों के लिए नए अंग्रेज़ी नियम
Q1. क्या अंग्रेज़ी परीक्षा हर वीज़ा के लिए ज़रूरी है?
उत्तर: नहीं, लेकिन वर्क वीज़ा, स्टूडेंट वीज़ा और सेटलमेंट वीज़ा के लिए अब अनिवार्य है।
Q2. कौन-कौन सी परीक्षाएं मान्य हैं?
उत्तर: IELTS, SELT और कुछ मामलों में TOEFL मान्य हैं।
Q3. न्यूनतम स्कोर की आवश्यकता क्या है?
उत्तर: यह वीज़ा की श्रेणी पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यतः IELTS में 4.0–6.5 बैंड की जरूरत होती है।
Q4. भारत में अंग्रेज़ी सीखने के कौन से स्रोत उपलब्ध हैं?
उत्तर: British Council, Duolingo, Coursera और स्थानीय कोचिंग संस्थान प्रमुख संसाधन हैं।
Q5. क्या पहले से अंग्रेज़ी जानने वालों को भी टेस्ट देना होगा?
उत्तर: यदि आपकी पढ़ाई अंग्रेज़ी माध्यम में हुई है, तो कुछ मामलों में छूट मिल सकती है, लेकिन प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है।