SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » वर्तमान शिक्षा प्रणाली और चुनौतियाँ 

Educational

वर्तमान शिक्षा प्रणाली और चुनौतियाँ 

SA News
Last updated: May 27, 2025 11:59 am
SA News
Share
वर्तमान शिक्षा प्रणाली और चुनौतियाँ 
SHARE

भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के आलोक में पुनर्निर्मित किया जा रहा है। यह प्रणाली पूर्व-प्राथमिक (Foundational) से लेकर उच्च शिक्षा तक एक व्यापक ढांचा प्रस्तुत करती है। इसमें 5+3+3+4 की संरचना अपनाई गई है:

Contents
शिक्षा प्रणाली की प्रमुख चुनौतियां                वर्तमान प्रणाली की हानियाँ-सुधार के सुझाव और संभावनाएँ संतुलित एवं समावेशी शिक्षा की ओरआध्यात्मिक शिक्षा से होगा मनुष्य का कल्याणकौन है आध्यत्मिक शिक्षक?मुमुक्षु को क्या करना चाहिए? 
  • 5 वर्ष: पूर्व-प्राथमिक + कक्षा 1-2 (Foundational Stage)
  • 3 वर्ष: कक्षा 3-5 (Preparatory Stage)
  • 3 वर्ष: कक्षा 6-8 (Middle Stage)
  • 4 वर्ष: कक्षा 9-12 (Secondary Stage)

वर्तमान में शिक्षा का डिजिटलीकरण, कौशल-आधारित शिक्षा और समावेशी शिक्षा जैसे पहलुओं पर ज़ोर दिया जा रहा है।

शिक्षा प्रणाली की प्रमुख चुनौतियां                

▪️समान गुणवत्ता का अभाव 

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में भारी असमानता दिखाई पड़ती है।

▪️ सरकारी और निजी  स्कूलों में जिस प्रकार की व्यवस्था एवं संसाधनों की उपलब्धता में असमानता और शिक्षकों की योग्यता में काफी  असमानता है।

▪️पाठ्यक्रम का दबाव 

वर्तमान में बच्चों  पर जिस प्रकार से पाठ्यक्रम का बोझ  है 

इससे बच्चों के अंदर रचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच विकसित नहीं हो पा रही

▪️व्यावसायिक शिक्षा की उपेक्षा 

जहां वर्तमान समय में जहां   छात्रों में  व्यावसायिक कौशल विकसित  करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए वहा छात्रों की पारंपरिक शिक्षा को ही महत्व दिया जा रहा है

▪️ परीक्षा – केंद्रित प्रणाली

 मूल्यांकन व्यवस्था  में सिर्फ शिक्षार्थी के ज्यादा से ज्यादा अंक लाने पर जोर दिया जाता है जिससे कि  विद्यार्थी का संपूर्ण विकास प्रभावित होता है।

▪️डिजिटल  शिक्षा

वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा चरम पर है वहां गरीब  बच्चों के पास डिजिटल उपकरणों  का अभाव है जैसे स्मार्टफोन ,लैपटॉप

वर्तमान प्रणाली के लाभ

क) व्यापक पहुँच

सर्वशिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे DIKSHA ने शिक्षा को अधिक लोगों तक पहुँचाया है।

ख) नई शिक्षा नीति (NEP 2020)

यह नीति लचीलापन, मातृभाषा में शिक्षा, कौशल-आधारित शिक्षण और मूल्य-आधारित शिक्षा पर बल देती है।

ग) तकनीकी समावेशन

ऑनलाइन कक्षाएं, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स, और स्मार्ट क्लासरूम जैसी पहलें शिक्षा को आधुनिक बना रही हैं।

घ) समावेशी शिक्षा

दिव्यांग, वंचित वर्गों, और बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं।

वर्तमान प्रणाली की हानियाँ-

(1) रटंत प्रणाली

 को अपनाने से बच्चों में ज्ञान वृद्धि का अभाव हो जाता है।

(2) रोजगारोन्मुख शिक्षा का अभाव – 

अधिकतर डिग्रियाँ युवाओं को नौकरी लायक नहीं बना पातीं क्योंकि उनमें व्यावहारिक और तकनीकी कौशल की कमी होती है।

(3) शिक्षक प्रशिक्षण की कमी

अधिकांश सरकारी स्कूलों में होती है,जिससे वह पुरानी पद्तियों के आधार पर शिक्षा प्रदान करते हैं।

(4) नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा को महत्व नहीं दिया गया है।

सुधार के सुझाव और संभावनाएँ

• पाठ्यक्रम और मूल्यांकन सुधार – 

परियोजना-आधारित मूल्यांकन और सतत मूल्यांकन प्रणाली को अपनाया जाए।

शिक्षा प्रणाली को मुख्यता लचीला और रुचिकर बनाना जरूरी है।

• डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार – 

ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा के लिए इंटरनेट, लैपटॉप, और स्मार्ट डिवाइस उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

• शिक्षक प्रशिक्षण में नवाचार

• व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा

स्कूल स्तर से ही कौशल-आधारित और व्यवसायिक शिक्षा को अनिवार्य किया जाए।

• मातृभाषा में शिक्षा

प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में देने से बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार हो सकता है।

 संतुलित एवं समावेशी शिक्षा की ओर

वर्तमान शिक्षा प्रणाली में अनेक सकारात्मक पहलुओं के बावजूद कई गंभीर चुनौतियाँ विद्यमान हैं। बिना शिक्षा के व्यक्ति ऐसे है, जैसे पक्षी बिना पंख के होता है। हमें एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है जो ज्ञान, कौशल, मूल्यों और समावेशिता को समान महत्व दे। आज मुख्यता शिक्षा को केवल रोजगार का साधन न मानकर, व्यक्तित्व विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व का माध्यम भी बनाना होगा। लोगों ने शिक्षा को सिर्फ पैसे – धनदौलत प्राप्त करने के लिए एक साधन मान लिया है। समावेशी, नवाचारशील और मूल्य-आधारित शिक्षा ही भारत को ज्ञान-संपन्न और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

आध्यात्मिक शिक्षा से होगा मनुष्य का कल्याण

वर्तमान समय में शिक्षा ने व्यवसायिक रूप ले लिया है। आज लोग इसलिए पढ़ाई करते हैं ताकि उन्हें अच्छी नौकरी प्राप्त हो सके और वह अपने जीवन को अच्छे से जी सके, फिर भी अच्छा व्यवसाय प्राप्त हो जाने मात्र से ही हमारा जीवन सफल नहीं होता है। जीवन को सफल बनाने के लिए पूर्ण परमात्मा की पहचान कर सतभक्ति करना बहुत जरूरी है। 

अब प्रश्न उठता है कि पूर्ण परमात्मा की पहचान कैसे की जाए? पूर्ण परमात्मा की पहचान चारों वेदों और अन्य सभी शास्त्रों में प्रमाणित ज्ञान से की जा सकती है। आध्यत्मिक ज्ञान जिसे गीता जी में तत्वज्ञान कहा गया है।  इस ज्ञान को यदि मानव नहीं समझता है तो उसका मानव जीवन पशुओं और पक्षियों की तरह ही समाप्त हो जाता है।  इसलिए हमें तत्वदर्शी शिक्षक की खोज कर तत्वज्ञान प्राप्त कर मानव जीवन का कल्याण करवाना चाहिए। जिसके संकेत श्रीमद्भागवत गीता जी के अध्याय 15 श्लोक 1-4 और 16-17 में है। 

कौन है आध्यत्मिक शिक्षक?

शिक्षक किताबी ज्ञान प्रदान करता है लेकिन वास्तव में आध्यात्मिक गुरु सभी सदग्रंथों पर आधारित ज्ञान प्रदान करता है। वर्तमान समय में तथाकथित गुरुओं का बाजार सा लगा हुआ है किंतु इनमें से सच्चे सतगुरु की पहचान कैसे की जाए? पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही ऐसा ज्ञान बताते हैं जो सभी धर्मग्रंथो से प्रमाणित है।  उनके द्वारा बताए गए ज्ञान को ग्रंथों से मिला कर देखा जा सकता है। पूरे ब्रह्मांड में संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे आध्यात्मिक गुरु है जो मानव कल्याण हेतु सतभक्ति प्रदान करते हैं। सतगुरु रामपाल जी महाराज कृत पवित्र पुस्तक जीने की राह पढ़ें और सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुनकर सतज्ञान को ठीक से जानें।  

मुमुक्षु को क्या करना चाहिए? 

आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण सतगुरु और पूर्ण आध्यात्मिक गुरु है क्योंकि वह सभी सद ग्रंथो पर आधारित और उनके अनुकूल ही हमें ज्ञान बताते हैं अतः मुमुक्षु को अपने मानव जीवन को सफल बनाने के लिए उनसे नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर उनके द्वारा बताई गई भक्ति साधना को करके पूर्ण मोक्ष को प्राप्त करना चाहिए। जिससे अध्यात्मिक विद्यालय में प्रवेश लेकर मुमुक्षु का मनुष्य जीवन का उद्देश्य सफल हो सके।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love1
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article भारत में दी कोरोना वायरस ने फिर दस्तक भारत में दी कोरोना वायरस ने फिर दस्तक
Next Article UPSC Prelims 2025 सफलतापूर्ण सम्पन्न, जानिए पूरा विश्लेषण UPSC Prelims 2025 सफलतापूर्ण सम्पन्न, जानिए पूरा विश्लेषण
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के गुगलधार गांव में दो आतंकी ढेर

जम्मू कश्मीर के जिला कुपवाड़ा के गांव गुगलधार में लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर आतंकियों…

By SA News

44 और 60 साल उम्र के दो ऐसे पढ़ाव जहां तेज़ी से दिखती है बढ़ती उम्र

नई रिसर्च के अनुसार उछाल में, 44 और 60 साल की उम्र के करीब, शरीर…

By SA News

7+ Home Remedies for Acne: Natural Treatments That Actually Work

Acne is not just a problem for teenagers. It can appear in your twenties, thirties,…

By SA News

You Might Also Like

ICSI CSEET Result July 2025 Out Direct Link to Download Your Scorecard
Educational

ICSI CSEET Result July 2025 Out: Direct Link to Download Your Scorecard

By SA News
Ways to Improve Writing Skills
EducationalTech

Ways to Improve Writing Skills : Get Tips for Professional Writing   

By SA News
SNAP Result 2024 Declared Check Your Scores Now!
Educational

SNAP Result 2024 Declared: Check Your Scores Now!

By SA News
भारतीय अंतरिक्ष का स्वर्णिम इतिहास अब स्कूलों की किताबों में
Educational

भारतीय अंतरिक्ष का स्वर्णिम इतिहास अब स्कूलों की किताबों में

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.