पेरिस, 12 फरवरी 2025: वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के भविष्य को आकार देने के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय एआई समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का नेतृत्व किया। इस महत्वपूर्ण वैश्विक मंच पर 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, प्रमुख तकनीकी कंपनियों के सीईओ, और शीर्ष वैज्ञानिक एकत्रित हुए।
भारत का दृष्टिकोण और प्रतिबद्धताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मुख्य संबोधन में कहा, एआई केवल एक तकनीकी क्रांति नहीं है, यह मानवता के विकास का एक नया अध्याय है। एआई का भविष्य मानवीय मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। भारत इस दिशा में वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रमुख घोषणाएं और पहलें
1. भारत में एआई उत्कृष्टता केंद्र: पांच नए एआई रिसर्च सेंटर की स्थापना की घोषणा
2. एआई स्किल हब: 100,000 युवाओं को एआई में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
3. अंतरराष्ट्रीय एआई सुरक्षा मानकों का विकास: भारत की अग्रणी भूमिका
4. ग्रामीण भारत में एआई: कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में एआई के उपयोग का विस्तार
द्विपक्षीय वार्ता और समझौते
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:
– एआई रिसर्च में संयुक्त सहयोग
– साइबर सुरक्षा पर रणनीतिक साझेदारी
– डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास
– एआई प्रतिभाओं का आदान-प्रदान
वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रिया
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने भारत के एआई विजन की सराहना करते हुए कहा, “भारत का दृष्टिकोण एआई के समावेशी विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।”
भारत की एआई रणनीति
प्रधानमंत्री ने भारत की पांच-सूत्रीय एआई रणनीति का खुलासा किया:
1. एआई में नवाचार और अनुसंधान
2. कुशल कार्यबल का विकास
3. सुरक्षित और नैतिक एआई का निर्माण
4. डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार
5. वैश्विक सहयोग का विस्तार
आगे का मार्ग
समिट के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं स्थायी AI के लिए परिषद में AI फाउंडेशन की स्थापना के निर्णय का स्वागत करता हूं. भारत अगले AI शिखर सम्मेलन की मेजबानी करके खुश होगा.’ यह समिट न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर था, बल्कि वैश्विक एआई नीतियों को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है। आने वाले महीनों में इस समिट में की गई घोषणाओं के व्यावहारिक क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।