भारत की महिला टीम ने पहले खो-खो विश्व कप 2025 में जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि न केवल भारतीय खेलों के लिए, बल्कि खो-खो जैसे पारंपरिक खेल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय महिला टीम ने अपनी श्रेष्ठता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए विश्व कप के फाइनल मैच में वर्चस्व स्थापित किया। भारतीय टीम ने नेपाल की महिला खो-खो टीम को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। यह जीत भारतीय महिला खिलाड़ियों की मेहनत, प्रतिबद्धता और टीम वर्क का परिणाम है। भारत के इस पारंपरिक खेल में इतिहास रचने के बाद भारतीय महिला खो-खो टीम के बारे में लोग जानना चाहते हैं। बता दें कि खो-खो टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें से मैदान में 9-9 खिलाड़ी उतरते हैं। भारतीय महिला खो-खो टीम की कप्तान प्रियंका इंगले हैं।
महिला खो-खो टीम के बारे में कुछ खास जानकारी
1. भारतीय खिलाड़ियों ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में गति, रणनीति और कौशल का शानदार नमूना पेश करते हुए मैच की शुरुआत से अंत तक अपना दबदबा बनाए रखा।
2. नेपाल ने टॉस जीतकर भारत को अटैक करने का न्योता दिया।
3. कप्तान प्रियंका इंगले के नेतृत्व में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआती टर्न में नेपाल को एक बार भी ड्रीम रन करने का मौका नहीं दिया।
4. भारतीय महिला टीम ने ग्रुप चरण में दक्षिण कोरिया, ईरान और मलेशिया पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश और सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा अंदाज में हराया था।
5. भारतीय महिला खो-खो टीम की अंशु कुमारी को सर्वश्रेष्ठ अटैकर के पुरस्कार से नवाजा गया।
खो-खो शब्द की परिभाषा क्या है?
खो-खो शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। खो-खो खेल का अर्थ है “किसी को छूकर पकड़ना” या “किसी को आउट करना”। खो-खो एक लोकप्रिय भारतीय खेल है, जिसमें दो टीमें होती हैं और खिलाड़ी एक-दूसरे को छूकर आउट करने की कोशिश करते हैं। इस खेल में गति, चपलता और रणनीति की आवश्यकता होती है। यह खेल अक्सर स्कूलों और कॉलेजों में खेला जाता है।
स्वदेशी खेल खो-खो ने भारत को विश्व चैंपियन का ताज पहनाया
भारत ने 13 से 19 जनवरी 2025 तक के ग्रुप चरणों में दक्षिण कोरिया, ईरान और मलेशिया पर शानदार जीत हासिल करने के बाद क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की और फिर सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर शानदार जीत दर्ज की। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल भारत को उद्घाटन विश्व चैंपियन का ताज पहनाती है, बल्कि वैश्विक मंच पर इस स्वदेशी खेल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण भी है।
भारतीय महिला खो-खो टीम की अंशु कुमारी को सर्वश्रेष्ठ अटैकर के पुरस्कार से नवाजा गया
मैच में शानदार खेल दिखाने के लिए भारतीय टीम की अंशु कुमारी को सर्वश्रेष्ठ अटैकर के पुरस्कार से नवाज़ा गया। मैच की सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर नेपाल की मनमती धानी रही। मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भारतीय टीम की चैथरा बी को घोषित किया गया। शनिवार शाम खेले गए सेमीफाइनल में भारतीय महिला खो-खो टीम ने दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा मुकाबले में 66-16 से धूल चटा दी थी, जबकि पड़ोसी देश नेपाल ने पहले सेमीफाइनल मुकाबले में युगांडा को 89-18 से हराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खो-खो टीम को बधाई देते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया
भारतीय महिला टीम को पहली बार खो-खो विश्व कप जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह ऐतिहासिक जीत उनके अद्वितीय कौशल, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क का परिणाम है। इस जीत ने भारत के सबसे पुराने पारंपरिक खेलों में से एक को और अधिक सुर्खियों में ला दिया है, जिससे देश भर के अनगिनत युवा एथलीटों को प्रेरणा मिली है। उम्मीद है कि यह उपलब्धि आने वाले समय में और अधिक युवाओं के लिए इस खेल को अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
महिला खो-खो टीम से जुड़े FAQs:
1. भारतीय महिला खो-खो टीम की कप्तान कौन हैं?
उत्तर: भारतीय महिला खो-खो टीम की कप्तान प्रियंका इंगले हैं।
2. खो-खो वर्ल्ड कप कब आयोजित हुआ?
उत्तर: खो-खो विश्व कप 2025 का आयोजन 13 से 19 जनवरी तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में किया गया।
3. भारत में खो-खो का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर: भारत में खो-खो का आविष्कार लोकमान्य तिलक ने किया था।
4. महिला खो-खो विश्व कप 2025 किसने जीता?
उत्तर: भारत ने नेपाल को हराकर पहला महिला खो-खो विश्व चैंपियन बना।
5. खो-खो की शुरुआत कब और कहां हुई थी?
उत्तर: आधुनिक युग में खेल के आधुनिक स्वरूप को 1914 में मानकीकृत किया गया, इसके नियम और औपचारिक संरचना पुणे के डेक्कन जिमखाना क्लब द्वारा दी गई। खो-खो का प्रदर्शन 1936 के बर्लिन ओलंपिक में अन्य पारंपरिक भारतीय खेलों के साथ किया गया था।