आज सरकार चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी बड़े-बड़े दावे करती है कि यह देश भ्रष्टाचार मुक्त हो रहा और सख्त से सख्त कानूनी प्रावधान किए गए अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला जा रहा है। लेकिन राज्य कर्मचारी हो या कोई पुलिसकर्मी, सभी किसी न किसी तरीके से डरा-धमका कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार की जड़ें और मजबूत होती जा रही हैं।
पुलिस की लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला
ऐसा ही एक मामला राजस्थान के दौसा जिले का सामने आया है, जिसमें ग्वालियर निवासी कचनं सिह दिनांक 8/11/2024 को जयपुर से ग्वालियर जा रहे थे। रास्ते में सिकंदरा चौराह के पास कचनं सिह की गाड़ी दीवार से टकरा गई और घटना के बाद सिकंदरा थाने से ASI तेजसिंह मौके पर आए और डिजायर गाड़ी को उठाकर थाने में ले आए। कुछ दिनों के बाद कचनं सिह से तेजसिंह ASI ने पचास हजार रुपये लेकर गाड़ी को छोड़ दिया।
गाड़ी छोड़ने के बाद कचनं सिह ने गाड़ी को दुरुस्त कराने के लिए ग्वालियर में गैराज पर ले आए, कुछ समय बाद शातिर पुलिस तेजसिंह ने कचनं सिह को फोन किया कि गाड़ी की जमानत करानी पड़ेगी और गाड़ी पुन: सिकंदरा थाने लानी पड़ेगी। कचनं सिह जब ASI के कहे अनुसार नहीं आया तो स्वयं तेजसिंह ग्वालियर आ गया और 3500 रुपये डीजल खर्च के नाम पर फोन पे से और हड़प लिए और गाड़ी भी जब्त कर दी। कचनं सिह से और 25000 रुपये लेकर वह रवाना हो गए। बीच रास्ते में सत्तर हजार की और मांग की और कहा कि दोनों पक्षों के मध्य राजीनामा करवा दूंगा और दिनांक 24/12/2024 को गाड़ी की जमानत भी करवा देंगे।
कचनं सिह अपने साथियों के साथ बालाजी मोड़ पर खाना खाने के लिए रुके तो वहां पर एक अनियंत्रित ट्रक के द्वारा दुर्घटना हो गई और मौके पर कचनं सिह, सुमित और देवेंद्र की मौत हो गई। इसके संबंध में पुलिस अधीक्षक दौसा को तेजसिंह के द्वारा किए अपराध के संबंध में रिपोर्ट पेश की गई है,अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार तेजसिंह के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
रक्षक ही बने भक्षक
अगर तेजसिंह ASI अपने कर्तव्य को विधि अनुसार कार्यवाही करता तो तीन लोगों को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। तेजसिंह पुलिसकर्मी ने भ्रष्टाचार करते हुए अवैध रूप से 50000, 3500, 25000 हड़प कर लिए और गाड़ी को भी जब्त कर दिया और नतीजा यह हुआ कि कचनं सिह सहित तीन साथी बैमौत काल के ग्रास बन गए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम कब?
सरकार भी आज भ्रष्टाचार के आगे बेबस और लाचार है। जब तक सख्त कानून और कठोर दंड के प्रावधान निर्धारित नहीं किए जाते हैं, तब तक यह भ्रष्टाचार नहीं रुकने वाला है। आज लोगों में विधि एवं कानून का भय नहीं है, तभी हर रोज भ्रष्टाचार की खबरें छपती हैं। और कानूनी पेचीदगियों के दांव-पेंच के जरिए अपराधी छूट जाते हैं। जब तक कठोर कानून नहीं बनते तब तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना नामुमकिन है।
नीति, धर्म और नैतिकता: भ्रष्टाचार पर लगाम का रास्ता
जहां आज लोग कानूनी बाध्यता मानने को तैयार नहीं, कानून एवं विधि का भय नहीं होने से नित्य नए-नए अपराधों का जन्म हो रहा है।लोगों को यह बताना होगा कि उनकी नीति क्या होनी चाहिए। गलत तरीके से कमाए धन का परिणाम बुरा ही होता है अपने धर्म शास्त्रों की बातें भी बतानी होगी और साथ-साथ हमारे समाज के प्रति देश की नैतिकता क्या कहती है यह सब ऐसे अपराधियों को बताना होगा और इन अपराधों की सजा भी देनी होगी। सिकंदरा थाने के ASI तेजसिंह के विरुद्ध कानूनी कार्यवाई शीघ्र अतिशीघ्र होना चाहिए।
संत का संदेश: भ्रष्टाचार और अपराध से मुक्त समाज की ओर
आज जो काम सरकार को करना चाहिए वह सरकार से नहीं हो रहा है और नतीजन अपराधी बेखौफ होकर नए-नए अपराधों को जन्म दे रहे हैं। सरकार चाहे कितनी जागरूकता पैदा करने का अभियान चलाए, लेकिन “ढाक के तीन पात” वाली कहावत ही चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है। लेकिन आज विश्व में एक ऐसे संत की चर्चा है कि उनके अनुयायी संत जी की शिक्षाओं से प्रभावित होकर न तो रिश्वत लेते हैं और न देते हैं और न सहयोग करते हैं।
इसी प्रकार न तो किसी प्रकार का नशा करते हैं और न सहयोग करते हैं। इस धरा सुखमय बनाने के लिए वह संत दिन-रात प्रयासरत हैं और उनका प्रयास रंग लाता हुआ भी साकार हो रहा है। यह सब सतभक्ति के कारण हो पा रहा है और अधिक जानकारी के लिए https://www.jagatgururampalji.org/ पर विजिट करें।