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Home » अन्नदाता किसानों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी

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अन्नदाता किसानों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी

SA News
Last updated: December 23, 2024 1:21 pm
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अन्नदाता किसानों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी
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पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हर साल 23 दिसंबर को भारत में किसान दिवस मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह, जिन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है, ने किसानों के समर्थन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।

Contents
Kishaan Diwas: किसानों के संघर्ष की कहानीभारत के अन्नदाता को समर्पित किसान दिवसक्या है इस बार की थीमNational Farmer Day 2024: किसानों की समस्या और उनकी प्रमुख मांगेप्रमुख मांगेकिसान दिवस 2024: भारत के अन्नदाताओं का सम्मानभक्ति रूपी पौधे की सिंचाई करने से होंगे अनेकों फायदे

Kishaan Diwas: किसानों के संघर्ष की कहानी

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60% जनसंख्या कृषि क्षेत्र पर आधारित है। कृषि उत्पादन से प्राप्त धन देश की जीडीपी में 17 से 18% का योगदान करता है। बावजूद इसके, किसान आज भी अनेकों समस्याओं से जूझ रहे हैं। किसानों का मुख्य आरोप है कि सरकार ने MSP की कानूनी गारंटी और खरीद प्रक्रिया पर जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया।

भारत के अन्नदाता को समर्पित किसान दिवस

इस महत्वपूर्ण दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम 2001 में हुई, जब चौधरी चरण सिंह की जयंती पर पहली बार राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया गया। उसके बाद हर वर्ष 23 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाने लगा। यह दिवस हमारे उन धरतीपुत्र किसानों को समर्पित है, जो कड़कड़ाती ठंड, बारिश और तपती धूप में भी मौसम की परवाह किए बिना दिन-रात खेतों में काम करते हैं। इसलिए किसानों को सम्मान देने के लिए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।

National Farmers Day or Kisan Diwas is observed annually on 23rd December. This day highlights the importance of farmers in a developing nation like India. This National Farmers Day, let us honor the backbone of the nation. Delve into the blog to discover the significance of this… pic.twitter.com/DhPeAezAfq

— SA News Channel (@SatlokChannel) December 23, 2024

क्या है इस बार की थीम

साल 2024 में इस दिवस की थीम – “Delivering Smart Solutions for Sustainable Food Security and Resilience” रखी गई है। देश के किसानों की मेहनत, त्याग और उनके योगदान को याद करने का यह एक खास अवसर है। अमेरिका, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे देशों में भी यह दिवस अलग-अलग तारीखों पर सेलिब्रेट किया जाता है।

Also Read: Indian Institute of Wheat & Barley Research Distributes 13 New Wheat Varieties to Farmers

National Farmer Day 2024: किसानों की समस्या और उनकी प्रमुख मांगे

तपती धूप, बारिश और ठंड में अपने शरीर की परवाह किए बिना दिन-रात मेहनत करके अन्न उत्पन्न करने वाले किसानों को आज भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे:

  • जलवायु परिवर्तन
  • आर्थिक समस्याएं
  • तकनीकी प्रगति की कमी
  • बाजार की अनियमितताएं

प्रमुख मांगे

  • कर्ज माफी
  • पेंशन
  • पुनर्वास
  • पिछले प्रदर्शनों में दर्ज हुए मुकदमों की वापसी
  • आबादी क्षेत्र में 10% प्लॉट
  • बाजार दर का 4 गुना मुआवजा
  • भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार
  • बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग

इन अहम मुद्दों को लेकर बीते एक सप्ताह पहले किसानों ने दिल्ली कूच का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। किसान अपनी इन प्रमुख मांगों को सरकार से पूरी करवाना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए राजी नहीं है।

किसान दिवस 2024: भारत के अन्नदाताओं का सम्मान

किसान दिवस केवल किसानों के योगदान को मान्यता देने का अवसर नहीं है, बल्कि यह उनके मुद्दों को सुलझाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास करने का भी एक महत्वपूर्ण दिन है। हमें किसानों को तकनीकी उन्नति, वित्तीय सहायता, और बाजार की सुविधाओं से जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और भारत का कृषि क्षेत्र समृद्धि की ओर अग्रसर हो सके।

भक्ति रूपी पौधे की सिंचाई करने से होंगे अनेकों फायदे

जिस प्रकार एक पौधे से फल प्राप्त करने के लिए पहले उसे उगाया जाता है, फिर उसके चारों तरफ बाड़ लगाकर उसकी सुरक्षा की जाती है, और कई साल तक उसकी सिंचाई करने के बाद हमें वह मनवांछित फल मिलता है, ठीक इसी प्रकार आत्मा के कल्याण के लिए यानी मोक्ष प्राप्ति के लिए हमें यह भक्ति रूपी पौधा तैयार करना होगा। सर्वप्रथम पूर्ण गुरु तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर उनके द्वारा बताएं अनुसार मर्यादा में रहकर भक्ति साधना करनी होगी। धीरे-धीरे यह भक्ति रूपी पौधा सफल होगा और हम मोक्ष प्राप्ति के काबिल होंगे।

वर्तमान समय में पूरी दुनिया में असली गुरु, या पवित्र गीता जी में बताए अनुसार वह पूर्ण संत, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने से ही जीव का कल्याण संभव है। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पवित्र पुस्तक “ज्ञान गंगा”। निशुल्क पुस्तक प्राप्त करने के लिए संपर्क करें 8222880541 या Visit करें www.jagatgururampalji.org

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