भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में लीकेज की वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे हुए हैं। इससे एक ओर सुनीता विलियम की हेल्थ को लेकर फिक्र बढ़ रही हैं, तो वही दूसरी ओर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में आ रही दरारों ने सुरक्षा संबंधित चिंताएं पैदा कर दी हैं। नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर छोटी मोटी लीक वर्षों से होती रही हैं। हालांकि हाल ही कुछ दिनों में तेज़ी से बढ़ रही दरारों ने स्थिति गंभीर कर दी है। इन दरारों से हवा निकल रही है, जो खतरे की घंटी से कम नहीं हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में आई दरार से जुड़े मुख्य बिंदु
1. नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी बुच विल्मोर सिर्फ 8 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS ) पर गए थे।
2. अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गए बोइंग स्टारलाइनर में आई खराबी के कारण उनकी वापसी अभी तक नहीं हुई।
3. सुनीता विलियम्स और बेरी बुच विल्मोर फरवरी 2025 तक पृथ्वी में वापस लौट सकते हैं।
4. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर छोटी-मोटी लीकेज वर्षों से होती रही है, लेकिन हाल के दिनों में तेजी से बड़ी दरारें ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।
5. अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी ने माना कि स्पेस स्टेशन में दरारें और लीक की संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो गई है।
6. लीक का स्रोत रूसी सेक्शन के यवेज्दा मॉड्यूल (Zvezda module) को बताया गया है। यह मॉड्यूल कार्गो और डॉकिंग सप्लाई के लिए इस्तेमाल होता है।
7. नासा के रिपोर्ट के अनुसार 2019 में पहली बार स्टेशन में लीक की जानकारी मिली थी।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लीक होने से अंतरिक्ष यात्रियों की जान खतरे में
नासा की लीक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष स्टेशन को काफी गंभीर नुकसान हुआ है। इससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं ली जा सकती हैं। आशंका जताई गई है कि क्रैक्स पर ध्यान नहीं दिया गया तो सुनीता विलियम्स और उसके साथी बैरी बुच विल्मोर की जान खतरे में पड़ सकती हैं।
बोइंग स्टारलाइनर मिशन क्यों महत्वपूर्ण है?
बोइंग स्टारलाइनर मिशन नासा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अंतरिक्ष में इंसानी उपस्थिति बनाए रखने की नासा की महत्वपूर्ण योजनाओं का हिस्सा हैं। इस मिशन का एक और अहम लक्ष्य अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सुरक्षित रूप से लाने और ले जाने की अंतरिक्ष यान की क्षमता का प्रदर्शन करना हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की लैब में माइक्रो वाइब्रेशन बन रही समस्या
रूस ने दावा किया है कि पृथ्वी की कक्ष में स्थित इस लैब में माइक्रो वाइब्रेशन हो रहा है, तो वही नासा ने कहा कि स्पेस स्टेशन से बड़ी मात्रा में हवा लीकेज हो रही है। जिस वजह से अंतरिक्ष यात्रियों के जान खतरे में है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद हैं ज्वेज़दा (यवेज्दा) मॉड्यूल
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद है। सबसे पहले लीकेज ज्वेज़दा मॉड्यूल में शुरू हुआ था। जो डॉकिंग पोर्ट तक जाने के लिए एक सुरंग है। यवेज्दा मॉड्यूल कार्गो और सप्लाई डॉकिंग के लिए इस्तेमाल होता है। इस हिस्सा का कंट्रोल रूस के हाथ में है।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस की असहमति
स्पेस स्टेशन में लीक होने के कारण ज्वेज़दा मॉड्यूल पूरी तरह फेल हो सकता है। नासा की इन बातों से रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस सहमत नहीं है। फिलहाल इन दरारों को अस्थाई रूप से सील करने की कोशिश की जा रही है। अंतरिक्ष यात्रियों को निर्देश दिया गया है कि इन सील्स को केवल अत्यधिक जरूरी होने पर ही खोलें। नासा और रॉसकॉसमॉस मिलकर समस्या का स्थाई समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
बोइंग स्टारलाइनर में खराबी होने से वापसी होने की तारीख को बढ़ाया
नासा की अंतरिक्ष यात्रियों को 13 जून को वापस लाने की योजना थी, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर खराब होने की वजह से तारीख बढ़ाई गई है। अब अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2024 में लौटने की संभावना है।
FAQs about the International Space Station
1. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) क्या है?
उत्तर: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला है जो पृथ्वी के वातावरण से बाहर स्थित है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा मिलकर संचालित किया जाता है।
2. ISS में दरारें और लीक होने से क्या समस्या हो सकती है?
उत्तर: दरारों और लीक के कारण हवा और प्रेशर का नुकसान हो सकता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इससे जीवन रक्षक प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है।
3. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में दरारें कब से पाई गई हैं?
उत्तर: नासा के अनुसार, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 2019 में पहली बार लीक की जानकारी मिली थी, और हाल ही में दरारों और लीक की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
4. इन दरारों और लीक का कारण क्या है?
उत्तर: लीक और दरारों का मुख्य कारण ISS के यवेज्दा मॉड्यूल में देखा गया है, जो कार्गो और डॉकिंग सप्लाई के लिए उपयोग किया जाता है। यह मॉड्यूल रूस के नियंत्रण में है।
5. इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जा रहा है?
उत्तर: नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस मिलकर इन दरारों और लीक को अस्थायी रूप से सील करने की कोशिश कर रहे हैं और भविष्य में स्थायी समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं।