अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को ईरान द्वारा इस्राइल पर दागी गई लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस हमले के खिलाफ इस्राइल की रक्षा में मदद करने के लिए अमेरिकी सेना ने इस्राइली सुरक्षा बलों (आईडीएफ) के साथ निकट समन्वय किया। इस्राइल की वायु रक्षा इकाइयों के साथ अमेरिकी नौसैनिक विध्वंसक भी शामिल हुए, जिन्होंने मिसाइलों को मार गिराने के लिए इंटरसेप्टर फायरिंग की।
प्रेस वार्ता में जेक सुलिवन ने कहा, “हम हमले के प्रभाव का आकलन करने के लिए आईडीएफ और इस्राइल के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वर्तमान में, इस्राइल में किसी भी मौत की जानकारी नहीं मिली है।” हालांकि, वेस्ट बैंक के जेरिको में एक फलस्तीनी नागरिक की मौत की रिपोर्ट मिली है, जिस पर हमारी नजर है।” उन्होंने बताया कि इस्राइल में किसी विमान या रणनीतिक सैन्य संपत्तियों को नुकसान की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।सुलिवन ने इसे विफल और अप्रभावी हमला बताया और कहा कि इसका श्रेय आईडीएफ की दक्षता और अमेरिकी सेना की कुशलता को जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह योजना पहले से ही सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी, जिससे इस्राइल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी।
सुलिवन ने यह भी बताया कि “जाफा में हुए एक आतंकवादी हमले की रिपोर्टें भी सामने आई हैं, जिसमें कई इस्राइली नागरिक मारे गए और कई घायल हो गए। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और जेरिको में मृत फलस्तीनी नागरिक के परिवार के प्रति हैं। हम स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं और प्रतिक्रिया के अगले चरणों पर इस्राइल के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ईरान और उसके प्रतिनिधियों से उत्पन्न खतरों पर लगातार ध्यान दे रहा है और अमेरिकी सेवा सदस्यों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
दूसरी ओर, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने इस हमले को “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” नाम दिया और दावा किया कि उन्होंने इस ऑपरेशन के जरिए हिजबुल्ला और फलस्तीनी इस्लामिक रेजिस्टेंस के सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया है। आईआरजीसी ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य इस्माइल हानिया और हसन नसरल्ला के खिलाफ कथित हत्या की साजिश को विफल करना था।
इस्राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने भी मंगलवार रात येरुशलम पर दागी गईं सैकड़ों ईरानी मिसाइलों की फुटेज जारी की। आईडीएफ के अनुसार, उन्होंने 180 बैलिस्टिक मिसाइलों में से अधिकांश को रोकने में सफलता पाई। आईडीएफ ने दावा किया कि हिजबुल्ला इस बात से परेशान है कि उनकी इस्राइल के खिलाफ नरसंहार की योजना उजागर हो गई, जिसके कारण उन्होंने नागरिकों को निशाना बनाते हुए रॉकेट दागे। इस पूरे घटनाक्रम पर राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम से नजर रखी।
यह पूरी स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है, और अमेरिका एवं इस्राइल अगले कदमों पर विचार कर रहे हैं।