MonkeyPox Alert: वर्तमान समय में Mpox पुरे विश्व के लिए एक चुनौती बन चूका है। अफ्रीका के 96 प्रतिशत देशो में इसके फैलने का अनुमान है WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स के 2022 से अब तक पुरे विश्व में 116 देशो में 99,176 मामले सामने आ चुके है। वहीं इस बीमारी से अब तक 20 मौते हो चुकी है, जो कि काफी चिंता का विषय है। WHO द्वारा मंकी पॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता सम्बन्धी सार्वजानिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC- A public health emergency of International concern) घोषित कर दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा Monkeypox से बचाव हेतु प्रयास
भारत सरकार ने भी हाई अलर्ट घोषित कर दिए है, साथ ही इसे रोकने के लिए सावधानियां बरती जा रही है। सभी भारतीय हवाईअड्डों, और बांग्लादेश, पाकिस्तान की सीमाओं पर मंकीपॉक्स को रोकने के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। जिससे विषाणुओ को भारत में फैलने से रोका जा सकें। ताकि प्राथमिक स्तर पर ही इसकी पहचान कर अलग से मंकी पॉक्स का उपचार किया जा सके।
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भारत में Mpox को रोकने के लिए स्वास्थय मंत्री द्वारा 32 प्रयोग शालाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जहां Mpox से सम्बंधित परिक्षण किये जायेंगे। जिससे Mpox की पहचान कर निराकरण किया जा सकें। राज्य सरकारों द्वारा भी मंकीपॉक्स को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है। जिससे जनता को पॉक्स के लक्षण से अवगत कराकर सही सवास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएँ प्रदान की जा सकें।
क्या है Monkeypox (Mpox)?
मंकीपॉक्स एक जूनेटिक बीमारी है जो कि पशुओ से इंसानो में फैलती है। मंकी पॉक्स के विषाणु ओर्थोपोक्स विषाणु जीन्स से सम्बंधित है। मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से, स्पर्श से, संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओ के प्रयोग से और व्यक्ति के शारीरिक द्रव आदि से फैलते है। शिकार के दौरान संक्रमित जानवरो के काटने या खरोचने से भी संक्रमण का खतरा रहता है।
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क्या है Monkeypox (Mpox) के लक्षण?
Mpox के लक्षण शुरुआती 1-3 हफ्ते तक दिखाई देते है जो कि 2-4 सप्ताह तक पाए जा सकते है। पुरे शरीर में सपाट घावों के रूप में यह शुरू होता है, जो तरल पदार्थ से भरे फफोले के रूप में पुरे शरीर में विकसित होता है। जो कि खुजली और दर्द का कारण हो सकता है। तेज बुखार, सिरदर्द, लसिकाओ में सूजन, बदन दर्द, शारीरिक कमजोरी भी इसके लक्षण बताये गए है।
Monkeypox से बचाव के उपाय
1. साफ-सफाई: हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं।
2. संपर्क में सावधानी: मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
3. जानवरों से दूरी: जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
4. खाने की सुरक्षा: कच्चे खाद्य पदार्थों को पकाकर खाएं।
5. यात्रा पर सावधानी: मंकीपॉक्स प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
6. लक्षणों पर ध्यान दें: मंकीपॉक्स के लक्षणों जैसे कि बुखार, सिरदर्द, और त्वचा पर दाने दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
इन सावधानियों का पालन करके आप मंकीपॉक्स से बच सकते हैं।