साल 2023 में कुत्तों के काटने से 286 लोगों की मौत हुई
देश में आवारा कुत्तों की जनसंख्या बढ़ने के साथ साथ उनके आतंक और खौफ भी बढ़ रहे हैं। कई बार बिल्डिंग अपार्टमेंट की लिफ्ट में तो कहीं राह चलते इंसान या बच्चों को नोंचते हुए के वीडियो सामने आए हैं। तो कभी छोटे बच्चों को काटते हुए देखा गया है। यदि रात में आप बाइक या स्कूटी से जा रहे हैं, तो ये आवारा कुत्ते ऐसे दौड़ते हैं जैसे आपसे जन्मों की दुश्मनी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2023 के दौरान कुत्तों के काटने के कुल 30,43,389 मामले सामने आए। कुत्तों के काटने से वर्ष 2023 में 286 लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं।
डेयरी मंत्री लल्लन सिंह ने पूछे गए सवाल का लिखित में क्या जवाब दिया
मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने लोकसभा में लिखित में उत्तर दिया “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) द्वारा प्राप्त आंकड़े के अनुसार 2023 में कुत्तों के काटने के कुल 30,43,339 केस दर्ज किया गए हैं। जिसमें 286 लोगों की मौत हो गई।
कुत्ते के काटने से होने वाली बीमारी और उसके लक्षण
- कुत्ते के काटने से रेबीज़ नाम की बीमारी होती है और यह RABV वायरस के संक्रमण से होती है। इसके कारण दौरे, मतिभ्रम, मांशपेशियों में दर्द और पक्षघात जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
रेबीज़ पर नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं
- राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से मिली रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में एंटी रेबीज़ टीकों की संख्या 46,54,398 थी। स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज़ की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अंडमान और निकोबार एवम् लक्ष्यद्वीप को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद से राष्ट्रीय रेबीज़ कार्यक्रम कर रहा है।
- इसके अतिरिक्त कुत्तों के काटने के मामले को नियंत्रित करने के लिए कुत्ता आबादी प्रबंधन जैसी योजनाएं बनाएं गई हैं। इस संबंध में कई निकाय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम एंटी रेबीज़ टीकाकरण अभियान को लागू कर रहे हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 तैयार किए हैं।
- केंद्र सरकार पशु रोग नियंत्रण के लिए राज्य की सहायता के तहत धन भी प्रदान कर रही है। राजीव रंजन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार रेबीज़ टीकाकरण के लिए भी धन का उपयोग कर सकती है।